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Updated: 13 जनवरी, 2016 02:14 PM
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जी हां, आपने बिल्कुल सही पहचाना, यह फेमस डायलॉग शाहरुख खान की फिल्म माइ नेम इज खान का ही है. लेकिन हाल ही में अमेरिका में कुछ ऐसा हुआ कि एक मुस्लिम प्रोफेसर को भी ये लाइन बोलने की जरूरत पड़ गई. 

दरअसल एक अमेरिकी मुस्लिम प्रोफेसर मुहम्मद जाकिर खान को हाल ही में अमेरिका में उनके इस्लाम धर्म के कारण एक अजीबोगरीब असहिष्णुता का शिकार होना पड़ा. अमेरीका की एक वीडियो गेम बनाने वाली कंपनी ने जाकिर खान को सिर्फ इसलिए ब्लॉक कर दिया क्योंकि वह एक मुस्लिम हैं और उनका नाम अमेरिकी सरकार द्वारा बनाई गई प्रतिबंधित लोगों की लिस्ट में शामिल नामों से मैच कर रहा था. आइए जानें क्या है पूरा मामला.

खान को आतंकी समझकर वीडियो गेम कंपनी ने किया ब्लॉकः  फ्लोरिडा के ब्रोवार्ड कॉलेज में स्पीच प्रोफेसर मुहम्मद जाकिर खान बचपन से ही वीडियो गेम के शौकीन रहे हैं. हाल ही में जब उन्होंने एपिक कंपनी का नया वीडियो गेम खेलने के लिए साइन अप करने की कोशिश की तो उन्हें पास ब्लॉक करने का मैसेज आया और उसमे लिखा था, 'आपके अकाउंट को संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेशी संपत्ति नियंत्रण ऑफिस द्वारा बनाए गए विशेष रूप से नामित नागरिकों की लिस्ट से मिलान के परिणामस्वरूप ब्लॉक कर दिया गया. अगर आप इस बारे में कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो कृपया accounts@epicgmaes.com के कस्टमर सर्विस से संपर्क करें.'  

इस बात से हैरान और नाराज जाकिर खान ने ट्विटर पर कंपनी द्वारा उन्हें ब्लॉक किए जाने के मैसेज के स्क्रीनशॉट के साथ वीडियो गेम की कंपनी को ट्वीट किया, '@EpicGames  माइ नेम इज खान एंड आई एम नॉट ए टेररिस्ट'  #Islamophobia' 

जिसके बाद यह खबर वायरल हो गई और एपिक कंपनी के सीइओ ने न सिर्फ खान से माफी मांगी बल्कि अपनी कंपनी के प्रोग्राम की कमी को भी दूर किया ताकि भविष्य में किसी और शख्स को सिर्फ उसके नाम की किसी और से मैच होने की वजह से परेशानी न उठानी पड़े.

आखिर क्यों ब्लॉक हुए प्रोफेसर खानः वीडियो गेम बनाने वाली कंपनी एपिक ने अमेरिका के जिस विदेशी संपत्ति नियंत्रण लिस्ट का हवाला देते हुए खान का अकाउंट ब्लॉक किया उसमें किसी भी यूजर का नाम इस लिस्ट से मिलाने के बाद ही कंपनी उसे वीडियो गेम खेलने की इजाजत देती है. अगर आपका नाम इस लिस्ट में है तो किसी भी अमेरिकी व्यक्ति को आपके साथ किसी भी तरह का लेन-देन या व्यपार करने की अनुमति नहीं है. अगर उस व्यक्ति का नाम इस लिस्ट में मौजूद है तो कंपनी उसे ब्लॉक कर देगी. संयोग से जाकिर खान का नाम भी इस लिस्ट में मौजूद नामों से मैच कर गया. लेकिन वह दरअसल कोई और जाकिर खान थे. लेकिन लिस्ट में पहले से किसी और जाकिर खान के नाम की मौजूदगी की वजह से प्रोफेसर जाकिर खान ब्लॉक हो गए. द

रअसल विशेष रूप से नामित नागरिकों की लिस्ट उन व्यक्तियों और कंपनियों के नाम हैं जो अमेरिका द्वारा आर्थिक और व्यापारिक रूप से प्रतिबंधित देशों की जगह उनका कामकाज संभाल रहे हैं या उसके लिए काम कर रहे हैं. इस लिस्ट की देखरेख का जिम्मा अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट के विदेशी संपत्ति नियंत्रण ऑफिस पर है. यह नियम अमेरिका में वीडियो गेम से लेकर पेंसिल तक के ट्रांसफर करने में लगता है. 

इस लिस्ट में 'मुहम्मद खान' टाइप करने पर जो चार रिजल्ट सामने आते हैं उनमें से एक पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्करे-तैयबा का फाइनेंसर भी है. लेकिन इस लिस्ट में फ्लोरिडा के प्रोफेसर मुहम्मद जाकिर खान के नाम का जिक्र नहीं है. इसी वजह से जब प्रोफेसर खान को ब्लॉक किए जाने का मेसेज आया तो उन्होंने इस असहिष्णुता के बारे में सवाल उठाते हुए पूछा, 'एयरपोर्ट से लेकर गेम में साइन अप करने तक, हर जगह बाहर का रास्ता दिखाना (मुस्लिमों को) डरावना और अमानवीय है.' 

कंपनी ने माफी मांगी, लेकिन भड़के लोग: प्रोफेसर खान द्वारा वीडियो गेम कंपनी द्वारा ब्लॉक किए जाने की जानकारी देने के बाद अन्य यूजर्स ने एपिक कंपनी से पूछा कि आखिर क्यों कानून का पालन करने वाले प्रोफेसर खान जैसे एक अमेरिकी मुस्लिम का नाम प्रतिबंधित लोगों की सूची में आया. जिसके जवाब में वीडियो एपिक ने तुरंत ही प्रोफेसर खान से माफी मांग ली और इस गलती को सुधारने का वादा किया.

कंपनी के सीईओ टीम स्वीनी ने लिखा, 'सॉरी, यह जानबूझकर नहीं किया गया था. हम जल्द से जल्द इसे ठीक करने में लगे हैं. इसका कारणः अमेरिका के व्यापक व्यापारिक प्रतिबंधित से संबंधित फिल्टर के कारण'

इतना ही नहीं स्वीनी ने इस गलती की वजह को स्पष्ट करते हुए बताया, 'मैं समझ गया, सॉरी. यह एक खराब फिल्टरिंग कोड है. यह पूरी तरह नाम पर आधारित एक संघीय निर्यात प्रतिबंध सूची की जांच करता है.'

राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर आम अमेरिकी मुस्लिमों को होने वाली परेशानियों की यह अकेली घटना नहीं है. लेकिन चिंताजनक बात ऐसी घटनाओं का बढ़ते चले जाना है. यह वीडियो गेम कंपनी की गलती नहीं बल्कि अमेरिका के मुस्लिमों के प्रति सोच को भी दिखाती है!

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