वह रेप करने से पहले महिलाओं को देता था तीन विकल्प, लेकिन करता वही था जो मन करता था
एक अपराधी अलग-अलग महिलाओं को अपना शिकार बनाता था. वह बड़े ही अजीब तरीके से वारदात को अंजाम देता था. वह महिलाओं को पकड़ने के बाद उन्हें तीन विकल्प देता था लेकिन करता वही था जो उसका मन करता था.
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ऐसी कौन सी जगह है जहां महिलाएं महफूज हैं? कई बार दुष्कर्म की ऐसी घिनौनी घटनाएं सामने आती हैं कि हम यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि क्या ये दुनियां लड़कियों के लिए बनी भी है या नहीं? ये धरती बिना लड़कियों के कैसी लगेगी? सोचकर देखना...देश हो चाहें विदेश, स्त्री की स्थिति बदतर ही रही. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, इस घटना को पढ़कर आप समझ जाएंगे.
अभी हम जिस घटना के बारे में बात कर रहे हैं वह रूह कपाने वाली है. एक अपराधी अलग-अलग महिलाओं को अपना शिकार बनाता था. वह बड़े ही अजीब तरीके से वारदात को अंजाम देता था. वह महिलाओं को पकड़ने के बाद उन्हें तीन विकल्प देता था लेकिन करता वही था जो उसका मन करता था.
वह रेप करने से पहले महिलाओं काे टॉर्चर करता था
यह घटना ब्रिटेन की है. यह आपबीती पीड़ित महिलाओं ने सुनाई है. आरोपी को भले ही आदालत ने 14 सालों के लिए जेल भेज दिया है लेकिन क्या यह सजा काफी है? वह रेप करने के लिए महिलाओं का शिकार करता था. जब मामले की सुनवाई के दौरान तीन पीड़ित महिलाओं ने अपने साथ हुए जुर्म की दास्तांन सुनाई तो वहां मौजूद लोग सकते में आ गए.
क्या थे तीन ऑप्शन
एक रिपोर्ट के अनुसार, इंग्लैंड के मिडिल्सब्रा निवासी डेनियल यूल (Daniel Yule) ने कई महिलाओं को अपना शिकार बनाया और इनके साथ दुष्कर्म किया. वह रेप करने से पहले महिलाओं को टॉर्चर करता था. वह महिलाओं के सामने विकल्प रखकर साइको की तरह उन्हें प्रताड़ित करता था. वह महिलाओं से कहता था कि अंगूठी, हथौड़ा या चाकू के बीच किसी एक को चुन सकती हो.
पुलिस के अनुसार वह महिलाओं से कहता था कि, महिलाएं अंगूठी वाला विकल्प चुनकर खामोशी से उसे संबंध बनाने दें या फिर हथौड़ा या चाकू से मरने के लिए तैयार हो जाएं. अब सोचिए इन हालातों में कोई भी इंसान क्या चुनेगा? उसे विकल्प से तो मतलब ही नहीं था वह तो अपनी मनमानी करता ही था. एक महिला ने हथौड़ा चुना था, वह मरने के लिए तैयार थी लेकिन रेप के लिए नहीं...हालंकि वह बिना दुष्कर्म किए मानता नहीं था. जिस महिला ने मौत चुनी थी यूल ने उसका भी रेप किया. आरोपी ने कहा कि इसमें आनंद आएगा.
वह महिलाओं को मानसिक रूप कमजोर बना देता था. इतना ही नहीं, उसने दूसरी महिला के चेहरे पर मुक्का मारकर पहले उसे घायल किया फिर उसका रेप किया. एक अन्य महिला ने बताया कि यूल ने धमकी दी थी कि अगर किसी ने विरोध किया तो उसका अंजाम अच्छा नहीं होगा. उसे अपने पकड़े जाने का भी डर नहीं था. वह महिलाओं से कहता था कि उनकी बातों पर कोई भरोसा नहीं करेगा इसलिए बेहतर है कि वह अपना मुंह बंद रखे. उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसे लगता था कि लोग वैसे भी महिलाओं पर यकीन कहां करते हैं. शुक्र है कानून का, जो अब वह जेल में है.
हमारे देश में कितने रेपिस्ट को सजा दी जा चुकी है लेकिन महिलाओं के प्रति अपराध कम नहीं हो रहे हैं. आखिर इसकी क्या वजह है? क्या रेपिस्ट के अंदर डर खत्म हो गया है? या फिर उन्हें पता है कि उनका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता. समाज का एक बड़ा तबका वैसे भी रेप के लिए महिलाओं को ही दोषी मानता है, लेकिन आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा? जवाब कौन देगा? वैसे भी रेप होना आज के जमाने में लोगों के लिए एक छोटी घटना बनकर रह गई है...वो कहते हैं ना आदत पड़ जाती है...
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