अखलाक और डॉक्टर नारंग की हत्या में फर्क क्या है?
जिस तरह अखलाक की हत्या के बाद कुछ लोगों ने असहिष्णुता का मुद्दा छेड़ दिया था. ठीक वैसी ही कोशिश अब हो रही है. मतलब, इसे सांप्रदायिक रंग देने की. ट्विटर पर जहर उगलने की होड़ सी मच गई है.
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पिछले साल बिहार चुनाव से पहले दादरी में जो हुआ और अब जो दिल्ली के विकासपुरी में हुआ, दोनों घटनाओं को आप किस नजर से देखते हैं? दिल्ली के विकासपुरी में जिस तरह कुछ उन्मादी युवकों ने डॉक्टर पंकज नारंग की पीट-पीटकर हत्या की, उसने कई सवाल तो खड़े किए ही. कई जवाब भी दे दिए. लेकिन हम यहां सवालों की नहीं जवाबों की बात करेंगे. जवाब इसका कि किसी हत्या पर राजनीति कैसे की जाती है और कैसे उसका सहारा लेकर एक भयावह माहौल खड़ा करने की कोशिश की जा सकती है.
अखलाक की हत्या के बाद बहस चल पड़ी थी कि देश में असहिष्णुता बढ़ गई है! अवॉर्ड वापसी की होड़ लग गई. पता नहीं किन-किन विषयों पर मंथन हुआ. ऐसी बातें होने लगी जैसे कयामत आने वाली हो. अब बात डॉक्टर नारंग की हत्या की. शनिवार को ट्विटर पर #JusticeForDrNarang ट्रेंड करने लगा. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने बहुत कुछ लिखा. लेकिन खतरनाक बात ये कि जिस तरह अखलाक की हत्या के बाद कुछ लोगों ने असहिष्णुता का मुद्दा छेड़ दिया था. ठीक वैसी ही कोशिश अब हो रही है. मतलब, इसे सांप्रदायिक रंग देने की. ट्विटर पर जहर उगलने की होड़ सी मच गई. कुछ तो ये बताने लगे कि भारत में हिंदू खतरे में हैं. अब इससे निपटने का समय आ गया है.
भ्रामक तरीके से गंलत मैसेज व्हाट्सअप और फेसबुक के जरिए शेयर किए गए. आरोपियों को बांग्लादेशी मुस्लिम बताया गया तो कहीं कुछ और. जबकि असलियत कुछ और है. पंकज की हत्या में हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्म के युवक शामिल थे. कोई बांग्लादेश का नहीं है. न अखलाक की हत्या के समय देश में असहिष्णुता बढ़ी थी और न आज हिंदू खतरे में हैं.
दिल्ली पुलिस की डीसीपी मोनिका भारद्वाज का ट्वीट-
Out of 9 accused person 5 r Hindu.At the moment of first scuffle, out of 2, 1 was Hindu.The Muslim accused r residents of UP ,not Bangladesh
— Monika Bhardwaj (@manabhardwaj) 25 March 2016
4 juveniles among 9 arrested for murder of vikaspuri doctor. No religious angle at all, as rumoured by some. We appeal u to maintain peace.
— Monika Bhardwaj (@manabhardwaj) 25 March 2016
वैसे, ट्विटर के जरिए कुछ लोगों ने जरूर सार्थक सवाल रखे. इसका जवाब हमारे सियासतदानों को देना चाहिए जो हर मामले को अत्यधिक तूल देने में संकोच नहीं करते. क्योंकि क्या पता अगर पंकज नारंग की जगह किसी और धर्म के व्यक्ति के साथ ऐसा कुछ होता तो फिर एक बार फिर सहिष्णुता-असहिष्णुता की पोथी लेकर हम बैठ जाते. इसमें कुछ हद तक भूमिका मीडिया की भी है. इसलिए जरूरी है कि घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देने की बजाए इन सवालों के जवाब दिए जाएं जो ट्विटर के जरिए लोगों ने पूछे.
Media, Opposition, Govt, Intellectuals, Rahul, Kejriwal, Yechuri et al are you there? #JusticeForDrNarang
— Kompra (@hellokompra) March 26, 2016
No award wapsi, No debates on असहिष्णुताNo 24x7 media outrage, No politicians queue at his home#JusticeForDrNarang
— aMy jaNgRa (@infinite_aMy) March 26, 2016
it was a cold blooded killing!They r not juvenilles they are animals, murderers! only sick minds can make this communal #JusticeForDrNarang
— PoonamSharma (@poonams_7) March 26, 2016
Only in India,a horse with a broken leg gets more outrage from liberals than innocent doctor lynched publically by a mob #JusticeForDrNarang
— kanika handa (@kanikahanda) March 26, 2016
Ok now the reports are out and to media next time please call murder a murder not muslim,dalit muder...Urging #JusticeforDRNarang...
— SharadKarpur (@sharadkarpur) March 26, 2016
जो हैदराबाद और दादरी पहुँच गए वो विकासपूरी भी नहीं पहुंच पाये। #JusticeForDrNarang
— पकाऊ (तारा सिंह) (@PakauTweet) March 25, 2016
Media, Opposition, Govt, Intellectuals, Rahul, Kejriwal, Yechuri et al are you there? #JusticeForDrNarang
— Kompra (@hellokompra) March 26, 2016
Anti-social elements have lynched a man, and other anti-social elements have tried to give it a communal spin. #JusticeForDrNarang
— आशुतोष (@ashu3page) March 26, 2016
शायद विकासपुरी मंगल ग्रह पर है ???? #JusticeForDrNarang https://t.co/jApEGjyUcd
— पकाऊ (तारा सिंह) (@PakauTweet) March 25, 2016
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