अब तो मानना ही पड़ेगा..जैसा भगवान वैसा शैतान...
एक रिसर्च कहती है कि जैसा भगवान होगा वैसा ही शैतान होगा. यानि जैसे भगवान को इंसान पूजता है और जैसे धर्म में यकीन करता है वैसा ही भूत उसे दिखता है.
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क्या आपने कभी भूत देखा है? अगर देखा है तो वो कैसा दिखता था? अगर सिर्फ उसका एहसास किया है तो वो कैसा था? इसका जवाब हर इंसान के लिए अलग हो सकता है. इसके पीछे एक अहम कारण है... वो कारण है भगवान...
चौंकिए मत, एक रिसर्च कहती है कि जैसा भगवान होगा वैसा ही शैतान होगा. यानि जैसे भगवान को इंसान पूजता है और जैसे धर्म में यकीन करता है वैसा ही भूत उसे दिखता है.
भूत और प्रेत आदि विषयों के साथ रिसर्च करने वाले इतिहासकारों का मानना है कि भूत अलग-अलग शेप और साइज में आते हैं, कुछ को वो सपनों में दिखते हैं तो कुछ को साक्षात दर्शन देते हैं, लेकिन एक बात गौर करने वाली है कि जिन लोगों से भी ये पूछा जाता है कि भूत कैसा था वो उसे अपने धर्म के हिसाब से ही बताते हैं.
क्यों कुछ लोगों को ज्यादा भूत दिखते हैं और कुछ को नहीं दिखते .... इसके पीछे भी एक्सपर्ट्स की एक थ्योरी है. उनका कहना है कि हमारा धर्म इस मामले में हमे प्रेरित करता है.
हैरी पॉटर सीरीज की तीसरी फिल्म में एक बहरूपिए का जिक्र किया जाता है जो हर नए इंसान के सामने उस चीज का रूप ले लेता है जिससे वो इंसान सबसे ज्यादा डरता है. रिसर्च का कहना है कि भूतों के मामले में भी कुछ-कुछ ऐसा ही है.
धर्म और डर का अनोखा रिश्ता...
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि हमारा धर्म इस मामले में बहुत सहायक होता है और इंसान के सबसे बड़े डर यानि मौत के बारे में जानने में मदद करता है.
हर धर्म ये अलग तरीके से बताता है कि मरने के बाद क्या होगा. जहां कैथोलिक और मुस्लिम ये मानते हैं कि उनकी आत्मा जन्नत और जहन्नुम जाएगी और उन्हें अपने कर्मो की सजा मिलेगी. वहीं कैथोलिक धर्म में पर्गेटॉरी का भी विवरण है जब किसी इंसान ने इतने अच्छे कर्म नहीं होते कि वो स्वर्ग जा सके, लेकिन इतने खराब भी नहीं होते कि वो नर्क जा सके. वो लोग पर्गेटॉरी जाते हैं.
हिंदुओं और बौधों की अलग मान्यताएं हैं. इसमें जन्म, मृत्यु और पुनर्जन्म का भावार्थ दिया गया है. इसमें एक मोक्ष की मान्यता भी है. ऐसे में धर्म के अनुसार ही आत्माएं भी दिखती हैं. हिंदुओं के लिए ये भटकती हुई आत्माएं होती हैं जिन्हें अभी तक मोक्ष नहीं मिला और कैथोलिक लोगों के लिए ये पर्गेटॉरी में भटकती आत्माएं होती हैं या फिर वो आत्माएं जो किसी कारण पृथ्वी पर रह गई हों.
ये सिर्फ धर्म ही नहीं उस समय पर भी निर्भर करता है जब धर्म माना गया है जैसे मेडिवल कैथोलिक यूरोप में आत्माएं पर्गेटॉरी में भटकती हुईं बताई गई हैं और इसके बाद वाले दशक में भटकती आत्माओं को शैतान या ऐसी शक्तियों की कारस्तानी बताया गया है जो कभी इंसान थी ही नहीं.
ऐसे में अगर मुस्लिम कहता है कि अगर आत्मा दिखी है तो किसी जिन का प्रकोप भी हो सकता है. ऐसे ही कई धर्म हैं जो अपने अपने हिसाब से भूतों को दिखाते हैं.
लगभग हर धर्म में अच्छे और बुरे भूत का भी प्रावधान है. कुछ लोग दावा करते हैं कि कोई अच्छी रूह उनके साथ रह रही है और वो कुछ गलत नहीं करती है, कुछ का दावा है कि कोई शैतान आत्मा उन्हें परेशान करती है. धर्म इसकी भी दुहाई देता है कि कैसे कोई आत्मा अच्छी या बुरी हो जाती है.
कुल मिलाकर धर्म का इसमें बहुत बड़ा हाथ होता है कि किसी भी इंसान को कैसा भूत दिखता है. ये सदियों से चला आ रहा है और हर धर्म, दशक और देश के हिसाब से बदल जाता है. इसका एक सीधा कारण मौत का डर और उसके बाद क्या होता है इसकी उत्सुक्ता भी है.
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