चे ग्वेरा : एक स्टाइलिश कॉमरेड जिसे हमने टी-शर्ट्स पर देखा
किसी आम भारतीय के लिए चे का मतलब है वो लड़का जिसे उसने बाजार में बिकने और यूथ द्वारा हाथों हाथ ली जाने वाले टी-शर्ट में देखा है.
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आज 14 जून है. यानी आज चे का बर्थडे है. जो जानते हैं ठीक है, जिन्हें नहीं पता उनके दिमाग में सवाल आएगा कि कौन चे? बात आगे बढ़ेगी. मगर उससे पहले कुछ बताते हैं. फैशन के इस दौर में जब लोग घुटनों से फटी जींस पहन कर और मॉल में भी चश्मा लगाकर चल रहे हों, वहां हमने नई उमर के लड़कों को एक खास किस्म की टीशर्ट पहने देखा होगा. इन टीशर्ट में एक खास किस्म की फोटो होती है. टी-शर्ट की फोटो में आदमी ने चेहरे पर घनी दाढ़ी रखी है जो किसी फौजी के अंदाज में टोपी पहने है और मुंह में क्यूबन सिगार दबाए हैं.
कहना गलत नहीं है आज दुनिया के सामने चे किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं
ये टीशर्ट आज से 10 साल पहले जितनी प्रासंगिक थीं, उतनी आज भी हैं. कई ट्रेंड आए और आकर चले गए, मगर यूथ चाहे सुदूर अमेरिका का हो या फिर भारत का ये टीशर्ट आज भी लोगों की पसंद है. आप पहन के निकल जाइए आज भी लोग यकीनन आपको मुड़ कर देखेंगे. तो सुन लीजिये, देख लीजिये, जान लीजिये ये टीशर्ट वाला आदमी चे है. अर्नेस्तो चे ग्वेरा. हां, फैशन जगत में कोहराम मचाती टीशर्ट पर छपा वो लड़का जिसने अमेरिकी साम्राज्यवाद को कड़ी चुनौती दी थी. कहना गलत नहीं है कि एक क्रांतिकारी के रूप में जो स्थान भगत सिंह का भारत और भारतीय उपमहाद्वीप में है वही स्थान चे ग्वेरा का लैटिन अमेरिका सहित कई देशों में है.
पहले डॉक्टर फिर क्रांतिकारी बने चे ग्वेरा का शुमार उन लोगों में है जो क्यूबा की क्रांति के हीरो फिदेल कास्त्रो के सबसे खास था. अमेरिका का इतिहास देखें तो मिलता है कि फिदेल और चे ने सिर्फ 100 गुरिल्ला लड़ाकों के साथ मिलकर अमेरिका समर्थित तानाशाह बतिस्ता के शासन को 1959 में उखाड़ फेंका था.
चे ने क्यूबा और अर्जेंटीना के लिए क्या किया? चे के प्रति अमेरिका का बर्ताव कैसा था? अमेरिका ने चे के साथ क्या किया? उसे किन यातनाओं का सामना किया ये हम नहीं बताएंगे ऐसा इसलिए क्योंकि सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में इंटरनेट पर चे से सम्बंधित लाखों लेख मौजूद हैं. चे से जुड़ी किताबों से बाजार पटा पड़ा है. चे को जानने की इच्छा रखने वाला व्यक्ति उनकी मदद ले सकता है.
फैशन भी एक बड़ी वजह है जिसके कारण चे लोगों के इतने करीब हैं
हम यहां चे को उस टी-शर्ट वाले लड़के के ही रूप में देख रहे हैं और हमारी कही बात का केंद्र भी यही है. अगर बात चे को उसके बर्थ डे पर याद करने और कुछ कहने की हो तो मैं बस इतना कहकर अपनी बता को विराम दूंगा कि, 'चे' तुम्हारे बलिदानों को ये दुनिया कभी भुला नहीं पायेगी.
ड्यूड बनने के चलते ही सही, कम से कम लोगों ने तुमको अपने टी- शर्ट, कॉफ़ी मग, बैनर, पोस्टर, शॉर्ट्स, बॉक्सर और कॉलेज बैग पर संजो के रखा है. एक ऐसे वक़्त में जब लोग बीते हुए कल की बातें भूल जाते हों, यही क्या कम है कि भले फैशन के लिए ही सही मगर तुम्हें लोगों ने आज भी अपने जहन में रखा है. अच्छा हां शायद इसके पीछे वजह वही है जो तुमने बहुत पहले ही बता दी थी. तुमने खुद कहा था "If you tremble with indignation at every injustice, then you are a comrade of mine."
जन्मदिन मुबारक हो "चे" तुम पहले भी लोगों के प्रेरणास्रोत थे और आशा है आगे भविष्य में भी रहोगे.
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