गोमूत्र-गोबर में ही छुपा था सुंदरता का राज !!!
अब जल्द ही गोबर और गौमूत्र के साबुन, फेसपैक, शैंपू और कई तरह की दवाइयां बनाई जाएंगी और ये सब कुछ ऑनलाइन शॉपिंग से खरीदी भी जा सकेंगी. आरएसएस की एक शाखा दीन दयाल धाम ने ये घोषणा की है कि वो अमेजन इंडिया पर ये सब कुछ बेचेगी.
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हिंदुस्तान में गाय को देखने का नजरिया पूरी दुनिया से परे है. यहां गाय सिर्फ गाय नहीं बल्कि गाय हमारी माता होती है. गौमाता से मिलने वाले हर पदार्थ का उपयोग किया जाता है. फिर चाहें वो दूध हो, गौमूत्र हो या गोबर. गौ पदार्थों के चमत्कारी गुणों से बचपन में ही भारत में सबको अवगत करवा दिया जाता है. गौमूत्र को औषधि के रूप में तो गोबर को प्राकृतिक ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने की बात तो पुरानी हो गई अब तकनीक के विकसित होने के साथ-साथ गौ पदार्थों को भी विकसित किया जा रहा है. यहां दूध की मिठाई बनाने की बात नहीं हो रही बल्कि यहां तो बात हो रही है गोबर का साबुन, शैंपू और फेसपैक बनाने की.
दरअसल, अब जल्द ही गोबर और गौमूत्र के साबुन, फेसपैक, शैंपू और कई तरह की दवाइयां बनाई जाएंगी और ये सब कुछ ऑनलाइन शॉपिंग से खरीदी भी जा सकेंगी. आरएसएस की एक शाखा दीन दयाल धाम ने ये घोषणा की है कि वो Amazon India पर ये सब कुछ बेचेगी.
गाय के गोबर का बना फेसपैक और साबुन जल्द ही Amazon Indiaपर ऑनलाइन मिलेगा
मथुरा का दीन दयाल धाम अपने आप में भारत का पहला ऐसा संस्थान होगा जो गोबर के ब्यूटी प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन बेचने की सोच रहा है. इसके मैनेजर घनश्याम गुप्ता का कहना है कि उन्होंने एक हफ्ते पहले ही Amazon India से इस बारे में बात की है और ये कुछ दिनों में ही Amazon की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे.
दीन दयाल गौशाला फार्मेसी जहां आस-पास की महिलाएं काम करती हैं वहां घनवटी (बुखार ठीक करने और शरीर में प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने के लिए), पंचवाग्या चूर्ण और चवनप्राश जैसी चीजें मिलती हैं और संस्थान का दावा है कि ये लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है. इस संस्थान का खुद का टेलर सेंटर भी है जहां कई तरह के कुर्ते बनाए जाते हैं और इन्हें नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गज नेता पहनते हैं.
आयुर्वेद में भी गाय के पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता रहा है
अगर आपको ये सुनने में अजीब लग रहा है तो मैं बता दूं कि ये पहली बार नहीं है जब भारत में कोई गोबर से ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने की बात कर रहा है. हां, ऑनलाइन पहली बार होगा, लेकिन अगर देखा जाए तो गुजरात के गौचर और गौचार विकास बोर्ड ने कुछ साल पहले ही ये हिदायत दे दी थी कि अगर महिलाओं को क्लियोपैट्रा (इतिहास में इजीप्ट की सबसे खूबसूरत मानी जाने वाली महिलाओं में से एक) की तरह खूबसूरत बनना है तो उन्हें चेहरे पर गौमूत्र लगाना चाहिए.
कुछ सालों पहले शहनाज़ हुसैन ने भी इस बात का दावा किया था कि गाय का गोबर और गौमूत्र से ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाए जा सकते हैं. 2014 की बात है ये. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा था कि उन्हें नहीं पता कि आखिर इसपर पूरी रिसर्च हुई है या नहीं और क्या ये मौजूदा स्किन केयर प्रोडक्ट्स से बेहतर है या नहीं?
इसे बस आयुर्वेद के आधार पर ही बेहतर माना जा सकता है. गौमूत्र को आयुर्वेद में औषधि ही माना जाता है और इसकी एंटी-बैक्टीरियल खूबियों को चेहरे के मुहासों को दूर करने का तरीका माना जाता रहा है. साथ ही, गौमूत्र को रक्तसंचार के लिए भी सही माना जाता है.
सिर्फ ब्यूटी प्रोडक्ट्स ही नहीं बल्कि गाय के गोबर से टूथपेस्ट तक बनाया जा चुका है. Cowpathy नाम की कंपनी 2017 से ही गाय के गोबर और गौमूत्र के टूथपेस्ट, साबुन, शैंपू आदि बेच रही है तो इसे नया तो नहीं कहा जा सकता. हां, ये अपने आप में अनोखा जरूर है कि भारत की गाय आधारित अर्थव्यवस्था अब एक नई करवट ले रही है और ये ऑनलाइन हो रही है.
ये कहना गलत नहीं होगा कि यकीनन गाय से मिलने वाले पदार्थों का सेवन इंसान के लिए फायदेमंद होता है पर गोबर से बना साबुन और फेसपैक कितना फायदेमंद होगा इस बात पर थोड़ा संदेह हो सकता है.
गाय को एक पशु मानने की जगह हमेशा इसे एक महान प्राणी का दर्जा दिया जाता है. इसका एक कारण पौराणिक कथाएं भी हां जहां गाय कहीं न कहीं देवताओं के साथ रही है. फिर भले ही वो कोई भी देवता हो. शिव से लेकर कृष्ण तक का साथ गाय ने दिया है. ऐसे में उसे महान मानना शायद भारतवासियों के लिए सही भी है. पर गाय की हर वस्तु का ऐसा इस्तेमाल पता नहीं कहां तक सही है.
हमारे देश में जहां गाय सड़कों पर घूमते हुए कचरे के ढेर के पास बैठी रहती है और जहां गौशाला में बूढ़ी गायों की देखरेख करने वाले कम पड़ जाते हैं वहीं गौरक्षा के नाम पर ट्रक में चढ़ी हुई गायों के लिए इंसान मार दिए जाते हैं. ऐसे में ये देखना कि गाय के उत्पादों से ब्यूटी प्रोडक्ट्स बन रहे हैं इसे अपवाद नहीं माना जाएगा.
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