पंजाब में सड़क सुरक्षा के लिए मील का पत्थर बन रही है SSF, ऐसे काम करती है ये फोर्स
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की नेतृत्व वाली सरकार ने सड़क सुरक्षा फोर्स (SSF) का गठन किया है. सीएम भगवंत सिंह मान की सरकार के इस कदम का उद्देश्य राज्य की करीब 5500 किलोमीटर सड़कों की निगरानी करना, सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना और यातायात के नियमों का पालन करवाना है.
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की नेतृत्व वाली सरकार ने सड़क सुरक्षा फोर्स (SSF) का गठन किया है. सीएम भगवंत सिंह मान की सरकार के इस कदम का उद्देश्य राज्य की करीब 5500 किलोमीटर सड़कों की निगरानी करना, सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना और यातायात के नियमों का पालन करवाना है. इसके लिए यह फोर्स सड़क पर गश्त करती है और नियमों की अवहेलना करने वालों पर कड़ी निगरानी रखती है.
अपने गठन के बाद से ही SSF ने सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में खासा सकारात्मक असर दिखाया है. SSF ने पंजाब में सिर्फ 6 महीने के भीतर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 45% से भी ज़्यादा की कमी लाई है. इस लेख में हम इस फोर्स की खासियत, इसके असर, इसके कमांड और कंट्रोल सेंटर और इसमें इस्तेमाल हो रहे स्मार्ट तकनीकों के बारे में आपको बताएंगे.
भगवंत सिंह मान की सड़क सुरक्षा फोर्स में क्या है खास?
पंजाब सड़क सुरक्षा फोर्स गठित करने वाला देश का पहला राज्य है. इसकी खासियतें इसे प्रभावशाली और यूनीक भी बनाती है. फोर्स ने अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाया है. इसमें गाड़ियों में लगे स्मार्ट कैमरे, ड्रोन, और जीपीएस ट्रैकिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है. आइए आपको इसकी खासियतें बताते हैं.
144 हाइटेक गाड़ियों से कुशल निगरानी: सड़क सुरक्षा फोर्स (SSF) में 144 हाइटेक गाड़ियां हैं. इसके लिए 5000 कर्मचारी तैनात किए गए हैं.
प्रशिक्षित फोर्स: इस फोर्स के कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वे सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सक्षम हो सकें और आपातकालीन स्थितियों से निपट सकें.
हाइटेक उपकरणों से लैस है SSF: इस फोर्स के पास नई टेक्नोलॉजी के उपकरण, जैसे कि स्पीड गन, कैमरे, ड्रोन, और breath analyzers हैं. इनकी मदद से ये प्रभावी तरीके से रोड सेफ्टी और ट्रैफिक को मैनेज करती है.
कुल मिलाकर देखें, तो सड़क सुरक्षा फोर्स (SSF) ने अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाया है. इसमें गाड़ियों में लगे स्मार्ट कैमरे, ड्रोन, और जीपीएस ट्रैकिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल होता है. यह तकनीकें न केवल निगरानी में सहायक होती हैं, बल्कि त्वरित प्रतिक्रिया में भी मदद करती हैं. इसका असर त्वरित हो और लोगों को इमर्जेंसी सुविधाएं तेज गति से मिलें, इसके लिए SSF की एक गाड़ी का दायरा सिर्फ 30 किलोमीटर का ही रखा गया है. इसमें ड्यूटी दे रहे कर्मियों का वर्क आवर भी 8 घंटे का है, ताकि वे प्रभावी तरीके से काम कर सकें.
सड़क सुरक्षा फोर्स का कैसा है असर?
भगवंत सिंह मान सरकार की सड़क सुरक्षा फोर्स (SSF) ने अपने गठन के बाद से ही बेहतरीन रिजल्ट देना शुरू कर दिया है. पंजाब में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है. आइए एक नजर इसकी सफलताओं पर डालते हैं.
- सरकार के मुताबिक सड़क पर दुर्घटना की स्थिति में 15 हजार से अधिक लोगों को 15 मिनट के अंदर ही प्राथमिक उपचार मिला है.
- इसकी एक और खास बात है इसका रिस्पॉन्स टाइम. सड़क सुरक्षा फोर्स का रिस्पॉन्स टाइम सिर्फ़ 7.4 मिनट रहा है.
कुल मिलाकर देखें, तो पंजाब की सड़क सुरक्षा फोर्स ने राज्य में सुरक्षा का नया मापदंड स्थापित किया है. इसकी स्मार्ट तकनीकों और मजबूत कमांड सेंटर के कारण यह एक सफल पहल के रूप में उभरकर सामने आई है, जो आने वाले समय में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में और भी अधिक सकारात्मक बदलाव ला सकती है.
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