महिलाएं पुरुषों से ज्यादा जीती हैं, जानिए क्यों
117 साल की सबसे उम्रदराज महिला अपनी लंबी उम्र का कारण खुद का सिंगल होना बताती थीं. आप भले ही इस बात पर यकीन न करें लेकिन इन वैज्ञानिक कारणों को इगनोर नहीं कर सकते जो महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा जीने की शक्ति देते हैं.
-
Total Shares
ये अच्छी बात है कि पिछले 20 सालों में भारत के लोगों की औसत उम्र 10 साल से ज्यादा बढ़ी है. लेकिन इससे वो तथ्य नहीं बदलता कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा जीती हैं. भारत में पुरुषों की औसत उम्र अगर 66.9 है तो महिलाओं की 69.9 है.
2017 में 117 की उम्र में एमा चल बसीं
इटली की रहने वाली 117 साल की सबसे उम्रदराज महिला एमा मोरानो का कहना था कि वो इतने साल इसीलिए जिंदा रहीं क्योंकि वो सिंगल थीं. खैर ये तो मजाक की बात है, लेकिन महिलाएं पुरुषों के ज्यादा जीती हैं, उसके कई वैज्ञानिक कारण हैं-
महिलाएं शुरू से मजबूत होती हैं
यहां शुरू से का मतलब बचपन से नहीं बल्कि यहां जन्म से पहले से हैं, यानी गर्भ से. गर्भ में भ्रूण को काफी संघर्ष करना पड़ता है, जैसे इनफेक्शन से या फिर अचानक गर्भपात से. मार्च ऑफ डाइम्स के अनुसार- गर्भवती महिलाओं में से करीब 10-15 प्रतिशत का गर्भपात हो जाता है. और गर्भपात का प्रमुख कारण तनाव होता है. रिसर्च से पता चलता है कि ज्यादा तनाव की स्थिति में महिला भ्रूण की अपेक्षा पुरुष भ्रूण का गर्भपात ज्यादा होता है. अगर भूकंप या किसी प्राकृतिक आपदा के बाद के आंकड़े देखें तो पाएंगे कि लड़कियों की अपेक्षा लड़कों की जन्म दर कम हुई.
सारा दोष गुणसूत्रों यानी क्रोमोसोम्स का है
हम सभी ने बचपन में पढ़ा था कि हमें अपने माता पिता से 23-23 क्रोमोसोम्स मिलते हैं यानी कुल 46 क्रोमोसोम्स. इनमें 44 ऑटोसोम्स होते हैं, जो सेक्स क्रोमोसोम नहीं होते. और जो एक जोड़ा बचता है वो सेक्स क्रोंमोसोम होता है, जिसे एलोसोम कहते हैं. महिलाओं के पास XX क्रोमोसोम होते हैं और पुरुषों के पास एक XY होता है. X क्रोमोसोम शरीर में हर कोशिका में होते हैं और इनमें आनुवांशिक लक्षण होते हैं. पहले, शोधकर्ताओं को लगता था कि Y क्रोमोसोम बेकार होते थे, लेकिन अब मानते हैं कि Y क्रोमोसोम में आई कमी व्यक्ति की उम्र घटा सकती है.
स्वीडिश वैज्ञानिकों ने पाया कि खराब Y क्रोमोसोम वाले पुरुषों की उम्र कम थी. करीब 1,600 पुरुषों के खून की जांच की गई जिसमें उन्होंने पाया कि कुल लोगों के 1/5 लोगों की रक्त कोशिकाओं के 10 प्रतिशत हिस्से में Y क्रोमोसोम थे ही नहीं. वृद्ध पुरुष Y क्रोमोसोम की कमी से संबंधित नुकसान झेलते हैं जो सामान्य और हानिरहित है. हालांकि, कुछ पुरुष अपनी रक्त कोशिकाओं से Y क्रोमोसोम की जरूरी मात्रा खो सकते हैं, जिससे रक्त कोशिकाएं तेजी से मर जाती हैं. इससे कैंसर और डायबिटीज़ का खतरा भी बढ़ जाता है.
लड़कियां हैं हीं बेहतर-
महिलाएं पुरुषों से ज्यादा इसलिए जीती हैं क्योंकि लड़कियां लड़कों से ज्यादा तेज होती हैं. हां ये अजीब लग सकता है लेकिन ये एक वैज्ञानिक तथ्य है. 2015 में हुए एक शोध से पता चलता है कि महिलाओं का दिमाग पुरुषों की अपेक्षा तेजी से विकसित होता है. जीवन भर हमारा मस्तिष्क और कुशल होने के लिए बदलता रहता है, और शोधकर्ताओं ने पाया कि ये बदलाव महिलाओं में पुरुषों से पहले ही हो जाते हैं.
रिसर्च से पता चलता है कि जो लोग ज्यादा समझदार होते हैं वो ज्यादा जीते हैं. हालांकि इस बात के कारण क्या हैं इसका अभी पता नहीं चला है लेकिन माना ये जाता है कि समझदार लोग समझदारी वाली चीजें करते हैं जैसे सीट बेल्ट पहनना, धूम्रपान नहीं करना, व्यायाम करना वगैरह.
लड़के ज्यादा दिलेरी दिखाते हैं-
माना जाता है कि जीवन में लड़के लड़कियों की अपेक्षा खतरनाक घटनाओं का अनुभव करते हैं. कई शोध ये बताते हैं कि महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा रिस्क लेते हैं. Insurance Institute for Highway Safety के मुताबिक महिलाओं की तुलना में कार दुर्घटना से पुरुषों की मौत ज्यादा होती है, वजह सीट बेल्ट न पहनना, ठीक से गाड़ी न चलाना.
अब भला इसे क्या कहेंगे-
Why women live longer than men. pic.twitter.com/l3xuQH6GHK
— Women Live Longer (@Hadtwohurt) May 2, 2018
Why women live longer than men. pic.twitter.com/WvqJ4sauF0
— Women Live Longer (@Hadtwohurt) April 30, 2018
Why women live longer than men. pic.twitter.com/PeLKmXHp8v
— Women Live Longer (@Hadtwohurt) April 30, 2018
2012 में प्रकाशित एक लेख ने तर्क दिया कि पुरुषों को आक्रामक होने के लिए जैविक रूप से प्रोग्राम किया गया है. ये आक्रामकता महिलाओं को पाने के लिए तो सही से काम करती है, लेकिन उनकी मौत का कारण भी बनती है. वहीं ये बात भी है कि पुरुषों की मौत उनके काम से संबंधित चोटों की वजह से ज्यादा होती है. इससे ये भी साबित होता है कि पुरुषों का काम जोखिम भरा होता है.
दिल दा मामला है
लोग सबसे ज्यादा दिल की बीमारी से ही मरते हैं, चाहे वो पुरुष हो या महिलाएं. लेकिन महिलाओं में दिल की बीमारी पुरुषों की तुलना में 10 साल बाद आती है. और ऐसा ईस्ट्रोजन हार्मोन की वजह से होता है जो रक्त वाहिकाओं की दीवारों को मजबूती देता है. मेनोपॉज की औसत उम्र 51 साल है, तब महिलाओं में ईस्ट्रेजन लेवल कम होने लगता है जिससे रक्त वाहिकाओं की दीवारें कमजोर हो जाती हैं और क्लॉट बनने लगते हैं.
महिलाएं अपना ज्यादा ध्यान रखती हैं-
पुरुष अपना जरा भी ध्यान नहीं रखते, उनकी तुलना में महिलाएं अपने शरीर का ध्यान ज्यादा अच्छी तरह रखती हैं. Agency for Healthcare Research Quality के अनुसार, पुरुष डॉक्टर के पास महिलाओं की तुलना में 22 प्रतिशत कम जाते हैं. ये भी पाया गया कि पुरुष हृदय की गंभीर समस्या, डॉयबिटीज़ और निमोनिया की वजह से ही हॉस्पिटल में भर्ती होते हैं.
बड़ा होना हमेशा फायदेमंद नहीं होता-
पुरुषों का आकार महिलाओं से बड़ा होता है. कई प्रजातियों में ये पाया गया है कि जिनका आकार बड़ा होता है उनका जीवन उतना ही कम होता है. कई शोध बताते हैं कि जो ज्यादा लंबे होते हैं वो ज्यादा जाते नहीं हैं. 2013 में एक शोध में पाया गया कि बड़े आकार के कुत्ते छोटे कुत्तों की तुलना में जल्दी मर जाते हैं. वही बात इंसानों पर भी लागू होती है.
डिप्रेशन और आत्महत्या-
पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा उदास हो जाती हैं, लेकिन ये बड़े ही आश्चर्य की बात है कि पुरुष महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा आत्महत्याएं करते हैं. जर्नल मैन एंड मास्कुलिनिटीज में प्रकाशित एक लेख के अनुसार- कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक ने तर्क दिया कि वृद्ध पुरुषों के बीच आत्महत्या में वृद्धि का कारण ये होता है कि पुरुष बढती उम्र की चुनौतियों से निपटने के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार नहीं होते हैं. एक वजह ये भी है कि महिलाएं सामाजिक रूप से ज्यादा जुड़ी हुई होती हैं इसलिए अगर वो उदास भी हैं तो भी इस स्थिति में नहीं होतीं कि आत्महत्या करें. शोध से पता चलता है कि सामाजिक संबंधों का हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है.
ये भी पढ़ें-
आपकी राय