Sexual harassment debate: एक लड़की और लड़के के मामले में तुलना बेमानी है
FIFA world cup 2018 कवर कर रही एक महिला पत्रकार को एक अजनबी kiss कर लेता है. कुछ दिन बाद दक्षिण कोरिया के पुरुष पत्रकार के साथ ऐसा ही कुछ एक महिला करती है. लेकिन दोनों मामले में छिड़ी बहस Sexual harassment को परिभाषित करने के लिए काफी है.
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Sexual harassment पर debate शुरू करने से पहले कुछ बातें स्पष्ट हो जानी चाहिए.
'लड़के और लड़की के बीच अंतर होता है. सिर्फ शारीरिक बनावट में ही नहीं. उनके जीवन की चुनौतियों और खतरों में भी. दोनों की sexuality को लेकर समाज के रवैये में भी बड़ा फर्क होता है.'
मेरा ये स्टेटमेंट कई लोगों को ऑफेंड कर सकता है पर एक बार ठीक से सोचकर देखिए क्या ये सही नहीं है? चलिए एक किस्से से समझाने की कोशिश करती हूं :
FIFA world cup 2018 चल रहा है. कुछ दिनों पहले द सन की रिपोर्टर जूलियथ गोंसालेज थेरान (Julieth Gonzalez Theran) को एक फुटबॉल फैन ने लाइव रिपोर्टिंग के दौरान पकड़कर kiss कर लिया था और उसे गलत तरह से छुआ था. इस मामले को बहुत उछाला गया और रिपोर्टर ने भी कहा कि वो ये सब डिजर्व नहीं करती और वो सिर्फ अपना काम कर रही थी. यकीनन फीफा वर्ल्ड कप है, लोग मस्ती और मजे में झूम रहे हैं लेकिन किसी भी लड़की को ऐसे किस करना सही नहीं. बाद में उस लड़के ने सार्वजनिक माफी भी मांगी.
अब चलते हैं दूसरे किस्से की तरफ. ये किस्सा भी वर्ल्ड कप का ही है. साउथ कोरिया का एक रिपोर्टर जेओन ग्वांग रेओल (Jeon Gwang-ryeol) भी पीटीसी (पीस टू कैमरा) कर रहा था उस समय दो लड़कियों ने आकर उसे kiss कर लिया. ये घटना भी हाल ही की है और इस वीडियो में कैद हुई है. रिपोर्टर पहली बार तो कुछ नहीं कहता, लेकिन दूसरी बार में हंस देता है.
इस बात पर इंटरनेट पर बहस छिड़ गई है. कहा जाने लगा कि जब ऐसे ही घटना एक लड़की के साथ हुई तो उसे सेक्शुअल हैरेस्मेंट कहा गया. जब लड़के साथ वही हुआ तो उसे क्यूट वीडियो नहीं कहना चाहिए. इसे भी सेक्शुअल हैरेस्मेंट ही कहा जाना चाहिए. क्या वाकई ये सही है ?
अब कुछ सवालों के जवाब दीजिए...
1. पुरुषों के साथ रेप के कितने केस अखबार में या किसी अन्य न्यूज मीडिया में आते हैं?
2. आखिर कितने ऐसे पुरुष हैं जिन्हें सार्वजनिक रूप से छेड़ा जाता है?
3. क्या पुरुषों पर यौन हमले का भी उतना ही खतरा है, जितना महिलाओं पर ?
4. महिला सुरक्षा और पुरुष सुरक्षा क्या ये एक ही तराजू में तोले जा सकते हैं?
5. किसी रिलेशनशिप में समाज का दबाव क्या एक लड़के और लड़की पर समान होता है?
अगर इन सारे सवालों के जवाब सोचेंगे तो आप पाएंगे कि यकीनन पुरुष और महिलाओं के मामले में न सिर्फ हैरेस्मेंट का मतलब अलग-अलग है बल्कि उनकी सोशल लाइफ भी अलग है. लड़कियों का एक दायरा होता है जिसके आगे जाना मतलब हैरेस्मेंट होना है. सिर्फ यह तर्क ही तो एक फायरवॉल का काम करती है. वरना सीमाएं लांघने वाले तो हमेशा तैयार बैठे हैं. अगर किसी लड़की के साथ ऐसा सरेराह हो तो उसकी सामाजिक छवि खराब होने का डर होता है, लेकिन अगर किसी लड़के के साथ ऐसा हो तो? क्या उसकी सामाजिक छवि को खतरा होगा? उसे तो बदनाम होने का डर नहीं है.
चलिए और कोई उदाहरण लेते हैं. सलमान खान अगर शादी न करें और कई लड़कियों के साथ संबंध बनाए तो वो माचो कहलाएगा. उसे सरेराह कोई फैन किस कर दे तो उसे हैरेस्मेंट नहीं कहा जाएगा, क्योंकि यकीनन सलमान इसमें खुद की छवि को देखेंगे.
दूसरी जगह अगर यहीं किसी हिरोइन को सरेराह किस किया जाए तो कहीं न कहीं उसके ब्रेस्ट को हाथ लगाने की कोशिश जरूर की जाती है. अगर कोई हिरोइन बिना शादी किए कई अफेयर्स करे तो उसकी छवि जरूर खराब होती है.
इंटरनेट पर ये बहस चल रही है कि पुरुष रिपोर्टर के साथ जो हुआ उसे भी हैरेस्मेंट कहा जाए :
“WORLD CUP TV REPORTER ‘GROPED’ and SEXUALLY HARASSED”. Oh, sorry wait, that headline would only work with equality of the sexes and we don’t have that. Do we? ????Korean Reporter Kissed by Russian Girls During World Cup creates Controv... https://t.co/AvWhK20jug via @YouTube
— Andrew Threlfall W11 (@AndyThrelfall) July 5, 2018
महिला रिपोर्टर के साथ जो हुआ उसमें उसके स्तन को दबाया गया, पुरुष रिपोर्टर के साथ जो हुआ वो किसी मजाक की तरह ही दिख रहा है. महिला रिपोर्टर ने इंस्टाग्राम पर अपनी आपत्ति जताई, लेकिन पुरुष रिपोर्टर ने हंसते हुए इस बात को लिया और ये एक बार भी नहीं कहा कि उसके साथ गलत हुआ. जब विक्टिम खुद ये नहीं जानता की उसके साथ गलत हुआ तो फिर कैसे हम पुरुष और महिला के सेक्शुअल हैरेस्मेंट को एक कह सकते हैं? यकीनन हैरेस्मेंट के मामले में इक्वालिटी देखने वाले लोगों को ये सोचना चाहिए कि जो वो बात कर रहे हैं वो एक जैसी नहीं है. वो अलग है और इसीलिए पुरुष सेक्शुअल हैरेस्मेंट को कभी महिला सेक्शुअल हैरेस्मेंट के साथ नहीं रखा जा सकता. कम से कम मेरा तो यही मानना है.
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