भारत में एक जगह ऐसी है जहां शादी से पहले शारीरिक संबंध बना सकते हैं लोग, यौन उत्पीड़न केस जीरो है!
एक तरफ वैलेनटाइन डे भी मनाया जाता है दूसरी तरफ प्रेमियों को समाजिक बुराई की तरह समझा जाता है. वहीं भारत में एक जगह ऐसी है जहां शादी से पहले जोड़ों को शारीरिक संबंध बनाने की आजादी है. इस जगह पर लोग प्यार का सम्मान करते हैं.
-
Total Shares
दुनिया की बहुत सी ऐसी बाते हैं जिनके बारे में लोग नहीं जानते हैं. अपने देश में भी अलग-अलग संस्कृति और रीति-रिवाज हैं जिनके बारे में अभी भी लोग अनजान हैं. कुछ परंपराएं तो ऐसी हैं जिनके बारे में सुनकर लोगों को यकीन ही नहीं होता है.
एक तरफ समाज में प्यार को सम्मानजनक नजरों से नहीं देखा जाता. प्यार को गंदा समझा जाता है. प्यार को इंसानों को बदनाम करने वाला माना जाता है. प्रेमियों को ताने मारे जाते हैं जैसे उन्होंने प्यार नहीं कोई गुनाह कर दिया हो.
एक तरफ वैलेनटाइन डे भी मनाया जाता है दूसरी तरफ प्रेमियों को समाजिक बुराई की तरह समझा जाता है. वहीं भारत में एक जगह ऐसी है जहां शादी से पहले जोड़ों को शारीरिक संबंध बनाने की आजादी है. इस जगह पर लोग प्यार का सम्मान करते हैं.
हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर जिले की. यहां रहने वाले गोंड समुदाय की मुरिया जनजाति (muria tribe) में प्यार को लेकर काफी खुलापन है. इस जनजाति की मान्यताएं ही इसे सबसे अलग बनाती हैं. प्रेम को लेकर इतने खुले विचार भारत में शायद ही कहीं और देखने को मिले.
समाज में एक तरफ वैलेनटाइन डे भी मनाया जाता है दूसरी तरफ प्रेमियों को समाजिक बुराई की तरह समझा जाता है लेकिन गोंड समुदाय में ऐसा नहीं है
असल में इस जनजाति के लोग छिप-छिप कर प्यार नहीं करना पड़ता है. यहां प्रेमियों के शीरीरिक संबंध (physical relation) को हेय दृष्टि से नहीं देखा जाता है. ना ही किसी जोड़े को इस बात के लिए बदनाम किया जाता है कि वे रिलेशनशिप में हैं. इनका परिवार और समाज प्यार करने और साथी चुनने की आजादी देता है.
घोटुल नाम की प्रथा का पालन
दरअसल, इस समुदाय में घोटुल नाम की एक प्रथा है. जिसके अनुसार एक बांस का बड़ा सा घर बनाते हैं जिसे 'घोटुल' कहा जाता है. इसे आप शहर का नाइटक्लब समझ सकते हैं. घोटुल में युवक-युवतियां समय बिताने और एक दूसरे को जानने के लिए जाते हैं. बच्चा जब 10 साल से अधिक उम्र का होता है तभी उसके माता-पिता उसे घोटुल भेजने लगते हैं.
जहां उसे मौज-मस्ती करने की छूट होती है. जहां उसे रोका-टोका नहीं जाता है. इस समुदाय के युवक-युवतियां शादी से पहले भी एक दूसरे के साथ संबंध (physical relation) बना सकते हैं.
यहां एक से अधिक पार्टनर रखने की भी आजादी है. शादी से पहले रिलेशन बनाने के साथ ही यहां युवक-युवती अपनी मर्जी से पार्टनर का चुनाव कर सकते हैं. अगर किसी ने शादी से पहले संबंध बनाया है और उसकी शादी किसी और से होती है तो भी उसे अपने जीवन साथी से कोई शिकायत नहीं रहती.
आप सोच रहे होंगे कहीं ऐसा भी होता है क्या लेकिन यह सच है. शायद यह वजह है कि यहां किसी का यौन उत्पीड़न नहीं होता. हमने जब इस बारे में जाना तो मानो यही लगा जैसे यह अमेरिका की खबर है लेकिन हमारे देश में भी ऐसी जगहें हैं जिनके विचार इतने खुले हैं. अगर यह खबर आदिवासियों की न होती तो सोचिए समाज के लोग कितनी तरह की बातें करते.
ऐसे जोड़ों के साथ किस तरह का सुलूक किया जाता है यह तो आपको पता ही है. सिर्फ लड़के-लड़कियां ही नहीं उनके घरवालों की भी बदनामी होती है. ऐसी लड़के-लड़कियों से कोई रिश्ता भी नहीं रखना चाहता है.
एडल्ट एजुकेशन से जुड़ी जानकारी
सेक्स एजुकेशन की बात सुनकर ही लोग भड़क जाते हैं. यह शब्द सुनकर ही लोग सामने वाले को चुप रहने का इशारा करने लगते हैं. सेक्स पर कोई बात नहीं करना चाहता क्योंकि इसे बुरा शब्द माना जाता है. इसके विपरीत घोटुल में लोगों को व्यस्क होने के मायने सिखाए जाते हैं और उन्हें एडल्ट एजुकेशन से जुड़ी सारी जानकारी दी जाती है. ऐसी मान्यता के कारण इस समुदाय में यौन उत्पीड़न जैसे एक भी मामले नहीं होते हैं.
युवक-युवतियां कैसे चुनते हैं साथी
घोटुल जाने के बाद युवक-युवतियां एक दूसरे के साथ नाच-गाना करते हैं. युवक पार्टनर चुनने के लिए बांस की कंघी बनाता है जिसे औरतें बालों पर लगाती हैं. अगर किसी महिला को शख्स की कंघी पसंद आती है तो वो उसे अपने बालों में लगा लेती है. ऐसा करके वे उस पुरुष के प्रेम को अपना लेती है.
कितना आसान होता है ना इस समुदाय में अपने साथी को चुन लेना? उसके प्यार में उसके साथ रहना, उसके प्रेम को समझना और उससे शादी करना...अगर साथ रहने के बाद उन्हें लगता है कि वे एक-दूसरे के लिए सही नहीं है तो उन्हें साथ में रहने की जबरदस्ती भी नहीं है. खैर, हमने पहले की कहा था कि दुनिया बड़ी अनोखी है और यह बात आपको अजीब लग सकती है...जो भी हो इस समुदाय के लोगों के लिए कुछ भी गलत या गंदा नहीं है, क्योंकि यही इनकी संस्कृति है...
आपकी राय