#ShauryaDiwas : क्या वाकई मामला बहादुरी और गर्व का है?
ट्विटर पर #ShauryaDiwas ट्रेंड कर रहा है. अब बहस यह है कि क्या 6 दिसंबर को वाकई में शौर्य दिवस यानी बहादुरी या गर्व के दिन के रूप में देखा जा सकता है?
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बाबरी मस्जिद विध्वंस को 25 साल बीत गए हैं. लेकिन सोशल मीडिया पर यह मुद्दा फिर सुलग रहा है. ट्विटर पर #ShauryaDiwas ट्रेंड कर रहा है. 'शौर्य दिवस' यानी बहादुरी का दिन. इस आग को भड़काने में जितना राम मंदिर के पक्षधर जिम्मेदार हैं, उतने ही विरोधी. बहस यह है कि क्या 6 दिसंबर को वाकई में शौर्य दिवस यानी बहादुरी या गर्व के दिन के रूप में देखा जा सकता है? नतीजा जो भी हो, लेकिन इस मुद्दे पर ट्वीट करने वालों को जरूर आसानी से अलग-अलग समूह में पहचाना जा सकता है.
बाबरी मस्जिद विध्वंस को 25 साल बीत गए हैं. इसी दिन बाबरी मस्जिद को गिराया गया था.
भड़काऊ ट्वीट
पेशे से पत्रकार सागरिका घोष ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि जो लोग #ShauryaDiwas ट्रेंड कर रहे हैं, यह उन्हें अपराधी जैसा दिखा रहा है. उन्हें धर्म या हिंदुत्व से कुछ भी लेना देना नहीं है. वे लोग सिर्फ एक ठग हैं. हालांकि, उनके इस ट्वीट के बाद उन्हें लोग खूब खरी खोटी सुना रहे हैं.
Those trending #ShauryaDiwas show themselves to be the criminals they are. They have nothing to do with religion, the spirit of religion or the spirit of Hinduism. They're just thugs
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) December 6, 2017
आग में सियासी घी
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता खुशबू सुंदर ने एक ट्वीट करते हुए शौर्य दिवस पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि 6 दिसंबर को जो हुआ था, उसमें कोई हीरो जैसा काम करने वाली बात नहीं है... यह बेहद शर्मनाक काम था... कोई भी धर्म यह नहीं सिखाता कि आप एक अपराधी या ठग की तरह व्यवहार करें. 6 दिसंबर इतिहास में हमेशा एक काला दिवस रहेगा. जो लोग इसका उत्सव मना रहे हैं उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए. खुशबू के इस ट्वीट पर अधिकतर लोग उनके खिलाफ ट्वीट कर रहे हैं और उन्हें बुरा-भला कह रहे हैं.
#ShauryaDiwas??? My foot..there is no heroism to what was done on Dec 6..its an act of shame..no religion teaches you to act like a criminal or behave like a thug..Dec 6 will remain a black day in the history of India..people who r celebrating it must be ashamed of themselves..
— khushbusundar (@khushsundar) December 6, 2017
चुभता हुआ तंज
पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी बाबरी मस्जिद विध्वसं को शौर्य दिवस के रूप में मनाने पर अपनी नाराजगी जताई है. उन्होंने लिखा है- कभी समझ नहीं आया कि कायरता भरे इस आपराधिक काम को शौर्य दिवस के रूप में कैसे मनाया जा सकता है. इसमें बहादुरी जैसी कोई बात नहीं है.
Never understood how a criminal act of utter cowardice is described as 'Shaurya Diwas'. No bravery in it at all.. #BabriDemolition
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) December 6, 2017
तंज पर तंज
राजदीप सरदेसाई के ट्वीट के जवाब में एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट करते हुए तंज के अंदाज में कहा है- 'लेकिन, 59 कारसेवकों को जला देना बहादुरी थी.'
But, burning 59 karsevaks was bravery!!!#shauryadiwas https://t.co/OMdlvw8t22
— Amit Choudhary ???? (@iamitkc) December 6, 2017
इतिहास की याद
एक ट्विटर यूजर ने शौर्य दिवस पर पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को याद करते हुए लिखा है कि कि उन्होंने इतिहास को ही बदल दिया. अपने इस ट्वीट में यूजर ने एक तस्वीर भी शेयर की है जिसमें नरसिम्हा राव पूजा कर रहे हैं और दो पंडित उनकी मदद कर रहे हैं.
He changed the course of History.#shauryadiwas pic.twitter.com/Ch0zLijv7V
— Raj Karsewak (@rajkarsewak) December 6, 2017
बदले की भावना
ट्विटर के एक यूजर ने लिखा है कि 1992 में बहादुर हिंदुओं ने एक गंदे निशान को खत्म किया था. कारसेवकों ने अयोध्या की दर्जनों मस्जिदों को हाथ भी नहीं लगाया, सिर्फ उजबेकिस्तानी बाबर के अतिक्रमण को खत्म कर दिया.
On this day in 1992, brave Hindus destroyed a dirty symbol of aggression which was sitting at the cost of our self-respect. #ShauryaDiwasKar Sevaks did NOT damage any of the dozens of mosques in Ayodhya area, except Uzbekistani Babur's encroachment.
— Rishi Bagree ???????? (@rishibagree) December 6, 2017
एक ललकार
ट्विटर के एक यूजर ने तो कहा है कि 1.1 अरब हिंदुओं को शर्म आनी चाहिए. इसमें उन्होंने खुद को भी शामिल किया है. हम अपने ही देश में एक मंदिर नहीं बना सकते. उनकी इस बात का समर्थन करते हुए भी खूब ट्वीट हुए हैं. ट्विटर का माहौल देखकर तो ऐसा ही लगता है कि अधिकतर लोग यही चाहते हैं कि राम मंदिर बने.
Shame on 1.1 billion Hindus (Including Me) we can't build one temple in our own country!#ShauryaDiwas #Ayodhya pic.twitter.com/k1WTwlizDF
— Rakesh Singh (@Rakeshinterior) December 6, 2017
झकझोरने वाला ट्वीट
ट्विटर पर शौर्य दिवस को कश्मीर समस्या से भी जोड़ा गया है. एक यूजर ने लिखा है कि यह सब उस समय कहां थे, जब कश्मीरी पंडितों की हत्या की गई थी और कश्मीर के मंदिरों को गिराया गया था. अपनी ट्वीट में उन्होंने कई सारे लोगों के नामों की एक लिस्ट भी शेयर की है, जिसमें श्याम बेनेगल, ओम थानवी, तीस्ता सीतलवाड़ जैसे लोगों के नाम भी शामिल हैं.
These rascals were comatose when #KashmiriPandits were murdered and temples were destroyed in Kashmir. #ShauryaDiwas #JaiSriRam pic.twitter.com/IGcvrdWz8E
— Gita S. Kapoor (@GitaSKapoor) December 6, 2017
एक श्रद्धांजलि
एक ट्विटर यूजर ने दो तस्वीरों के साथ एक ट्वीट किया है. उसने लिखा है- पहली तस्वीर हिंदुओं की एकता और गर्व को दिखाती है. आपको बता दें कि इस तस्वीर में बाबरी मस्जिद के गुंबद पर बहुत सारे लोग खड़े दिख रहे हैं. वहीं दूसरी तस्वीर में विश्व हिंदू परिषद के जनरल सेक्रेटरी अशोक सिंघल हैं, जिसमें उनके सिर पर चोट लगी दख रही है. यूजर ने लिखा है- दूसरी तस्वीर अशोक सिंघल जी और अनेकों कारसेवकों द्वारा इसके लिए चुकाई गई कीमत है. उनकी आत्मा को अमर बनाएं.
First pic is one of the defining moments of Hindu unity & pride.The second is the price that was paid for it by Ashok Singhal ji & the many Karyakartas who shed blood for us. Never let their spirit die. #ShauryaDiwas #MandirWahiBanayenge pic.twitter.com/1X1WoRRSM1
— Gajamukham (@Vrikodhara) December 6, 2017
बलिदान की कहानी
शौर्य दिवस पर एक ट्विटर यूजर ने कोठारी भाइयों राम कुमार कोठारी (23) और अनुज शरद कोठारी (21) को भी याद किया है. आपको बता दें कि कोठारी भाइयों ने ही पहली बार बाबरी मस्जिद पर भगवा झंडा लहराया था. बजरंग दल के कोठारी भाइयों की 2 नवंबर को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.
Remembering Kothari brothers on #ShauryaDiwas #Ayodhya pic.twitter.com/Z861qDZYRu
— Sumit Katiyar (@iSKatiyar) December 6, 2017
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