शीना को कहीं आरुषि न बना दें गणपति...
जिस बात का डर था, वही हुआ. और अगर नहीं हुआ तो होने की आशंका तो बन ही गई. कम से कम शंका जाहिर करने का मौका तो मिल ही गया है.
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जिस बात का डर था, वही हुआ. और अगर नहीं हुआ तो होने की आशंका तो बन ही गई. कम से कम शंका जाहिर करने का मौका तो मिल ही गया है.
आरुषि और शीना
मुंबई पुलिस के कमिश्नर राकेश मारिया ने एक इंटरव्यू में कहा था कि शीना बोरा मर्डर केस का हाल आरुषि हत्याकांड जैसा नहीं होने देंगे. लेकिन वो चूक गए. मारिया खुद से तो नहीं चूके, लेकिन सिस्टम के चलते मजबूर जरूर हो गए.
आरुषि तलवार केस ने भी सनसनी मचा कर रख दी थी. उसका हाल ये हुआ कि उसे देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री कही जाने लगी. केस का जो हाल हुआ उसके बारे में अविरुक सेन ने अपनी किताब 'आरुषि' में गहराई से पड़ताल किया है. फिर भी रहस्य से पूरा पर्दा उठना अभी बाकी है.
शीना बोरा केस भी हैरान करने वाला था. एक ऐसा केस जो तीन साल पहले दफन हो चुका था. तब शीना की लाश की जांच की जरूरत तक नहीं समझी गई. अब तो शीना की लाश से डीएनए भी मैच कर गया है.
शीना केस की बातें इस तरह से परत दर परत खुल कर आईं कि टीवी सोप भी उसके आगे बौने नजर आने लगे. केस की जांच पर गौर करें तो सरफरोश और कुरुक्षेत्र जैसी फिल्में स्क्रीन पर आ जाती हैं जिनमें पुलिस अधिकारी जांच में राजनीतिक हस्तक्षेप से परेशान रहते हैं.
क्या मुख्यमंत्री खफा थे?
वैसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को भी मीडिया में मारिया-मारिया जैसा शोर रास नहीं आ रहा था. एक अंग्रेजी अखबार से फड़नवीस ने कहा था कि पुलिस ने उस केस की जांच पर अपना ध्यान केंद्रि त किया है, जिसे मीडिया खूब दिखा रहा है. फड़नवीस का कहना था, "पुलिस को उन मामलों को भी समान रूप से तवज्जो देनी चाहिए, जिन पर मीडिया का फोकस नहीं है." हालांकि, सीएम ने स्वीकार किया कि मुंबई पुलिस ने शीना मर्डर की जांच की दिशा में अच्छा काम किया है.
खैर, मारिया का इसी महीने की 30 तारीख को प्रमोशन होना था. लेकिन सरकार ने वक्त से पहले ही प्रमोट कर दिया. ऐसा होता रहा होगा - लेकिन कम ही देखने और सुनने को मिलता है.
मारिया की इतनी रुचि क्यों?
अब मारिया को होम गार्ड्स का डीजी बनाया गया है. और तय समय से तीन हफ्ते पहले ही उन्हें प्रमोशन दे दिया गया. तो क्या ऐसा इसलिए हुआ कि सरकार गणेशोत्सव की ठीक से तैयारी करना चाहती थी और पुलिस पूरी एनर्जी एक हाई प्रोफाइल मर्डर केस में लगा दे रही थी? जैसा कि सरकार की ओर से समझाने की कोशिश हो रही है.
या इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री मारिया के जांच में तेजी दिखाने और रोज रोज प्रेस कांफ्रेंस करने से खफा थे? वैसे पुलिस महकमे में भी कई लोगों को ये बात पच नहीं रही थी कि आखिर मारिया के इस केस में खास रुचि लेने की वजह क्या हो सकती है?
सवाल तो ऐसे कई हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या शीना केस का भी हाल आरुषि जैसा ही हो जाएगा?
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अपडेट: प्रमोशन के साथ राकेश मारिया को डीजी होम गार्ड बनाए जाने के बाद विवाद मचने पर महाराष्ट्र के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने साफ किया कि केस की जांच टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. चीफ सेक्रेटरी के अनुसार जांच की अगुआई मारिया ही करेंगे.
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