बागेश्वर धाम के बहाने हिंदू धर्म की आस्था पर सवाल क्यों?
बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर सवाल उठाने वाले श्याम मानव के यूट्यूब चैनल के थंबनेल्स को देखकर आपके मन में भी यही सवाल उठेंगे कि वो अंधश्रद्धा निर्मूलन का जो अभियान चलाते हैं. उसमें सिर्फ हिंदू धर्म से जुड़े चेहरों का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? ईसाई और मुस्लिम धर्म के चेहरों के इस्तेमाल से वो क्यों बचते हैं?
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बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर चमत्कार के नाम पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने के आरोप पर हंगामा मचा है. पूरे देश की नजरें इस विवाद पर टिकी हैं. ये विवाद जिस शख्स के आरोप लगाने के बाद शुरू हुआ है. उनका नाम है श्याम मानव. जो अपनी पहचान अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के फाउंडर के तौर पर देते हैं. श्याम मानव अंधविश्वास के खिलाफ देशव्यापी अभियान चलाने का दावा करते हैं. लेकिन उनके इन दावों पर सवाल उठते दिखे. जब हमने उनके यूट्यूब चैनल का रुख किया. खुद श्याम मानव जिस तरह के दावे करते दिखे. उस पर कई सवाल उठने लगे हैं.
श्याम मानव के यूट्यूब चैनल के थंबनेल्स को देखकर आपके मन में भी यही सवाल उठेंगे कि श्याम मानव अंधश्रद्धा निर्मूलन का जो अभियान चलाते हैं. उसमें सिर्फ हिंदू धर्म से जुड़े चेहरों का इस्तेमाल क्यों किया जाता है? ईसाई और मुस्लिम धर्म के चेहरों के इस्तेमाल से वो क्यों बचते हैं? इसलिये सवाल उठ रहा है कि श्याम मानव का चेहरा आखिर किसका मोहरा है? श्याम मानव किसके इशारे पर सनातन को बदनाम करने का अभियान चला रहे हैं. ये सवाल बागेश्वर धाम सरकार ने भी उठाया है.
श्याम मानव ने तैंतीस कोटि हिंदू देवी देवताओं पर तंज कसा. ये कहते हुए कि उनकी संख्या करोड़ों में हैं. हर ऐरा गैरा चीज को भी हिंदू भगवान मान लेते हैं. जबकि हकीकत ये है कि हिंदू धर्मग्रंथ में बताया गया है कि तैंतीस कोटि देवी देवता का मतलब 33 तरह के देवी देवता. हम आपको स्क्रीन पर दिखाते हैं. तैंतीस कोटि देवताओं का रहस्य...कौन कौन से हैं ये देवता..हम उसका हिसाब गिनाते हैं. अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति चलाने वाले श्याम मानव ने बागेश्वर धाम सरकार पर चमत्कार के नाम पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप तो लगाया ही यहां तक दावा कर डाला कि महाराष्ट्र की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तारी से बचाने में मदद की जबकि बागेश्वर धाम सरकार उनके आरोपों को ये कहकर खारिज कर चुके हैं कि मेरे नागपुर से लौटने के बाद मेरे खिलाफ जानबूझकर अभियान छेड़ा गया.
प्रचारित किया गया कि राष्ट्रीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के डर से मुझे नागपुर छोड़कर भागना पड़ा. श्याम मानव ने तीस लाख रुपये कैश का जो चैलेंज दिया है. बागेश्वर धाम सरकार ने कबूल कर लिया है. उन्हें रायपुर दरबार में आने का न्यौता दिया है लेकिन श्याम मानव इससे कन्नी काट रहे हैं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सवाल उठाया धर्मांतरण में लगी ईसाई मिशनरियों के इशारे पर मुझे निशाना बनाया जा रहा है. सवाल ये है कि क्या श्याम मानव का कनेक्शन भी क्या इससे जुड़ता है? इसकी पड़ताल करेंगे लेकिन उससे पहले बड़ा सवाल ये कि श्याम मानव के निशाने पर हिंदू आस्था ही क्यों है? ईसाई और मुस्लिम आस्था के मुद्दे पर उनकी जुबान क्यों बंद हो जाती है?
आपको बता दें कि सिर्फ बागेश्वर धाम सरकार की चुनौती ही नहीं, इससे पहले पंडोखर सरकार और सदगुरू जग्गी वासुदेव को चैलेंज देकर श्याम मानव कन्नी काट चुके हैं. सवाल ये है कि आखिर श्याम मानव क्यों सनातन धर्म से जुड़े चेहरों को लगातार चैलेंज करते हैं. उन पर आस्था के नाम पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाते हैं और विवाद गरमाते ही कन्नी काट जाते हैं.श्याम मानव के यूट्यूब चैनल के थंबनेल बताते हैं. कि उनकी सोच किससे प्रेरित है वो कांग्रेस के करीबी दिखते हैं. श्याम मानव यहां तक दावा करते हैं कि राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा का आइडिया देने का दावा करते हैं और हिंदू संतों के दरबार में मोदी सरकार के मंत्रियों के जाने पर सवाल उठाते हैं.
महाराष्ट्र की संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाते हुए बागेश्वर धाम सरकार चुनौती दी थी कि वह नागपुर में उनके मंच पर आए और अपना चमत्कार दिखाएं. संस्थान ने कहा कि अगर धीरेंद्र शास्त्री ऐसा करते हैं तो उन्हें 30 लाख रुपये दिए जाएंगे लेकिन उन्होंने चुनौती स्वीकार नहीं की.कहा जा रहा है कि धीरेंद्र शास्त्री ने संस्थान की चुनौती को स्वीकार नहीं किया और वह वहां से भाग गए. लोगों का कहना है कि वह डरकर नागपुर से वापस लौट आए हैं. लेकिन आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि वह किसी के डर या चुनौती से नहीं वापस आए हैं, उन्हें किसी के भी प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है.
धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि हम 7 दिन की ही कथा करते हैं. बागेश्वर महाराज का कहना है कि मैं चुनौती स्वीकार करता हूं, जिसे चमत्कार देखना वो बागेश्वर दरबार में आए. उन्होंने कहा, 'श्याम यहां रायपुर आए, टिकट का खर्च मैं दूंगा.' मीडिया से बात करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'मैं किसी से नहीं डरता, हिंदू शेर है भगोड़े नहीं हैं.' इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि यहां तो लोगों ने भगवान राम को नहीं छोड़ा है उनपर भी सवाल उठाए हैं. भगवान राम से उनके होने के लिए सबूत मांगा गया है. हम तो आम इंसान हैं, हमें कब छोड़ेंगे. बागेश्वर धाम सरकार ने अपने ऊपर लगाए गए आरोप पर कहा कि हम दावा नहीं करते हैं कि हम आपकी समस्या को मिटा देंगे. हमें अपने ईश्वर पर विश्वास है, हमारे ईष्ट लोगों की परेशानी और तकलीफ को दूर करते हैं. उन्होंने कहा कि क्या हनुमान जी की पूजा करना उनका प्रचार करना गलत है?
बताया जाता है कि रायपुर के गुढ़ीयारी में श्रीराम कथा कह रहे बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में एक मुस्लिम युवती ने हिंदू धर्म अपनाने की घोषणा की. युवती का कहना है कि सनातन धर्म ही सर्वश्रेष्ठ हैं. क्योंकि यहां अपने भाई- बहन की शादी नहीं होती है. तलाक देकर बीवी को छोड़ा नहीं जाता है. दूसरी ओर शनिवार को ही ओडिशा के 3 लोगों ने भी धर्म वापसी कर सनातन धर्म को अपनाने की घोषणा की . इसके पूर्व पंडित शास्त्री ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हुए हैं. इसके साथ ही देश में सनातन धर्म बनाम ईसाई-इस्लाम पर चर्चा तेज हो गई है. वहीं बागेश्वर धाम बाबा के समर्थन में संत समाज और हिंदू संगठन से जुड़े लोग खुलकर सामने आ रहे हैं.
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय और कपिल मिश्रा समेत कई नेता भी बाबा बागेश्वर के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे हैं. उधर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर और योग गुरु रामदेव भी बाबा बागेश्वर धाम के समर्थन में कूद पड़े हैं. सोशल मीडिया में भी बाबा के समर्थन में लोग ट्वीट और पोस्ट कर रहे हैं. यूजर्स का कहना है 'बाबा ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए कदम क्या उठाए कि उन पर अन्य धर्मों के लोगों की ओर से हमला शुरू कर दिया गया है. बाबा पर अंधविश्वास और जादू-टोना करने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है. जिन धर्मों में सच में जादू-टोना हो रहा है, वह किसी को नहीं दिखाई दे रहा है.' बाबा बागेश्वर धाम के समर्थन में आज दिल्ली के जंतर-मंतर में रैली का आयोजन किया जा रहा है.
विवाद के बीच बागेश्वर धाम के पुजारी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वामपंथी और ईसाई मिशनरियों को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा है कि कोई भी ईसाई हमारे सामने चमत्कार करके दिखाए, नहीं तो सनातन धर्म की शक्ति को स्वीकार करें. बाबा बागेश्वर का कहना है कि वह धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. दूसरे धर्म में गए लोगों की घर वापसी करा रहे हैं, इससे वामपंथी लोग विचलित हो गए हैं. दरअसल बीते साल दिसंबर महीने में मध्यप्रदेश के दमोह जिले में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दावा किया था कि उन्होंने 165 परिवारों के 328 लोगों को क्रिसमस के दिन घर वापसी कराई थी. उनका दावा था कि लोगों ने स्वेच्छा से ईसाई धर्म छोड़कर फिर से सनातन धर्म अपनाया है. इसके बाद से ही बागेश्वर बाबा जादू-टोना और अंधविश्वास के विवाद में घिरना शुरू हुए.
धीरेंद्र शास्त्री से जब एक न्यूज चैनल इंटरव्यू में पूछा गया कि आप में और मौलवी में क्या फर्क है? मौलवी भी तो झाड़ फूंक करते हैं. इस सवाल के जवाब में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि 'हम लोगों का शोषण नहीं करते, लोगों का हलाला नहीं करते, हम दंगा नहीं करते.' उन्होंने कहा कि वह खुद से कैंसर ठीक करने और भूत-प्रेत हटाने का दावा नहीं करते, जो कुछ भी होता है वह बालाजी की कृपा से होता है. उन्होंने कुछ धर्मों पर निशाना साधते हुए कहा, 'हम किसी तरह का कोई पैसा नहीं कमा रहे हैं, हम उन हिंदू लोगों की घर वापसी करा रहे हैं, जो दूसरे धर्म में चले गए हैं. हम उन्हें बताना चाहते हैैं कि हिंदू धर्म के मंत्रों में भी बहुत ताकत है.'
आपको यह बताना जरुरी है कि कौन हैं बागेश्वर धाम महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री? जिनकों लेकर अचानक इतना बवाल क्यों और कैसे उठा है ?कहा जाता है कि बागेश्वर धाम के महाराज कहे जाने वाले इस संत का जन्म मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में हुआ था. इनके पिता का नाम रामकृपाल गर्ग और माता का नाम सरोज हैं. इनके अंदर बचपन से ही लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रही है. कहा जाता है कि महाराज गांव में लोगों के बीच बैठकर कथा सुनते थे. कथा सुनते-सुनते इसमें वह इतने प्रखर हो गए कि साल 2009 में उन्होंने अपनी पहली भागवत कथा सुनाई. जिसके बाद धीरे-धीरे वह आस पास के गांवों में जाने लगे और लोग भी इन्हीं से कथा सुनने लगे.
बागेश्वर धाम सरकार मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है. यह बाला जी को समर्पित भगवान का मंदिर है. इस प्रसिद्ध मंदिर में बागेश्वर धाम महाराज के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से भक्त आते हैं. कहा जाता है कि यह मंदिर सालों पुराना है. इस मंदिर का रेनोवेशन 1986 में कराया गया था. कहा जाता है कि श्री बाला जी महाराज के मंदिर के पीछे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादा सेतुलाल गर्ग संन्यासी बाबा की समाधि भी है. इस जगह पर धीरेंद्र गर्ग ने कई बार भागवत कथा का भी आयोजन किया. जिसके बाद इस कथा में भक्त धीरे-धीरे जुड़ने लगे. फिर क्या था इसके बाद बागेश्वर का यह मंदिर बागेश्वर धाम कहलाना शुरू हो गया और यहीं से शुरू हुआ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहलाने का सफर.
बागेश्वर धाम महाराज के दरबार में सैकड़ों की संख्या में लोग आते हैं. उनके भक्त के अनुसार, पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी अपने दरबार में किसी भी अनजान व्यक्ति को बुलाते हैं और जब तक वह उनके पास पहुंचता है उससे पहले ही पंडित महाराज उस व्यक्ति का नाम और उसका पता एक पर्चे पर लिख देते हैं. लोग इस बात से हैरान है कि कोई किसी व्यक्ति के बारे में इतना कैसे बता सकता है. इतना ही नहीं पंडित धीरेंद्र कृष्ण महाराज उस व्यक्ति की परेशानियों को भी बता देते हैं. बागेश्वर धाम महाराज के दरबार में हर दिन हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. भक्त बताते हैं कि महाराज तक पहुंचने के लिए कई दिनों तक का इंतजार करना पड़ता है. इतना ही यहां पर विदेश से भी भक्त उनसे मिलने पहुंचते हैं.
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