स्मृति ईरानी को 'अनपढ़' बोलकर ताना मारा गया, अब कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कोर्स कर दी बड़ी सीख
स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) को कई बार उनकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन को लेकर सवाल किए गए. साल 2016 में दिल्ली की एक कोर्ट में उन पर फर्जी डिग्री और चुनाव के दौरान गलत दस्तावेज पेश करने का आरोप भी लगा. वहीं लोकसभा चुनाव 2019 के शपथ पत्र में स्मृति ईरानी ने अपने एजुकेशन से जुड़ी सच्चाई बताई थी.
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महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) एक ऐसी महिला हैं जो किसी न किसी तरीके से दूसरी महिलाओं को प्रोत्साहित करती रहती हैं. वे अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए निजी जिंदगी की झलिकयों को शेयर करती रहती हैं. वे इतना व्यस्त रहने के बाद भी हमेशा कुछ ना कुछ नया सीखने के लिए तैयार रहती हैं. अब 45 साल की उम्र में केंद्रीय मंत्री स्मृति ने अपने नाम एक और उपलब्धि हांसिल कर ली है.
जी हां हम और आप भले ही किसी काम तो करने से पहले 20 बार सोचें. आलस कर जाएं या फिर समय न मिलने का बहाना बना लें, लेकिन इतना व्यस्त रहने के बाद भी स्मृति ईरानी ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज से बिजनेस एनालेटिक्स: डिजिसन मेकिंग यूजिंग डाटा में 20 फरवरी 2022 को ऑनलाइन कोर्स पूरा कर लिया है.
लोकसभा चुनाव 2019 के शपथ पत्र में स्मृति ईरानी ने खुद ही अपने एजुकेशन से जुड़ी सच्चाई बताई थी
स्मृति ईरानी ने अपने इस उपलब्धि के बारे में सोशल मीडिया पर शेयर किया है. स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर लिखा है कि, 'पैनडेमिक ने अपनी चुनौतियों के साथ कुछ नया सीखने का और पूर्व जीवन जीने का अवसर दिया. UCBerkeley के बाद मैंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी (University of Cambridge) से लर्निंग को एंजॉय किया. अपने स्किल को बढ़ाने के लिए समय निकालना वास्तव में एक खुशी है.
स्मृति ईरानी अपने मन पसंद के काम को करने के लिए समय निकाल लेती हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने अपना वजन कम किया था जिसकी काफी चर्चा हुई थी. स्मृति ईरानी ने सिखाया है कि महिलाओं को मजबूत होना चाहिए, दूसरों को प्यार करें लेकिन खुद को नहीं भूलना चाहिए और हमेशा अपनी रूचि को बढ़ावा देना चाहिए. सोचिए गृहिणियां घर में रहती हैं लेकिन वे दूसरों के लिए इतनी व्यस्त हो जाती हैं कि अपना ख्याल ही नहीं रख पातीं.
आपको याद होगा कि स्मृति ईरानी को उनकी डिग्री के लिए कितनी बातें सुननी पड़ीं थीं. कई बार उनके एजुकेशनल क्वालिफिकेशन को लेकर सवाल उठाए गए. साल 2016 में दिल्ली की एक कोर्ट में उन पर फर्जी डिग्री और चुनाव के दौरान गलत दस्तावेज पेश करने का आरोप भी लगा लेकिन जज ने शिकायतकर्ता की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि यदि ईरानी मंत्री नहीं होतीं, तो उन्हें तंग नहीं किया जाता.
हालांकि लोकसभा चुनाव 2019 के शपथ पत्र में स्मृति ईरानी ने खुद ही अपने एजुकेशन से जुड़ी सच्चाई बताई थी. स्मृति ने शपथ पत्र में अपनी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन सीबीएसई बोर्ड से 1991 में हाईस्कूल, 1993 में इंटरमीडिएट और 1994 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से संबद्ध स्कूल ऑफ ओपेन लर्निंग से बीकॉम प्रथम वर्ष तक पढ़ाई का उल्लेख किया था. साथ ही उन्होंने थ्री ईयर डिग्री कोर्स नॉट कंप्लीटेड भी लिखा था. इसके बाद लोगों के सवाल शांत हो गए क्योंकि वे समझ गए थे कि स्मृति ईरानी ग्रेजुएट नहीं है.
इसके बाद ही स्मृति ईरानी ने फाइनेंस वर्ल्ड में एक प्रतिष्ठित कोर्स को पूरा कर उनकी डिग्री पर विवाद खड़ा करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया था. यह खबर साल 2021 की है. जिसके अनुसार, केंद्रिय मंत्री ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की संबद्व संस्था हास स्कूल ऑफ बिजनेस से 'बर्कले फिनटेक, फ्रेमवर्क, एप्लिकेशन एंड स्ट्रेटजीज' के कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा किया था. इस कोर्स को पूरा करने के लिए स्मृति ईरानी ने 4 से 5 घंटे का हर हफ्ते ऑनलाइन सेशन लिया और सेल्फ स्टडी की. यह कोर्स भी अंग्रेजी भाषा में था.
जिस स्मृति ईरानी को उनके कम एजुकेशन के कारण मानव संसाधन विकास मंत्री से कपड़ा मंत्रालय के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रभारी बना दिया गया. आज उनके पास विदेश की टॉप यूनिवर्सिटी की दो-दो प्रतिष्ठित कोर्स के सर्टिफिकेट हैं. स्मृति खुद इस बात को स्वीकार कर चुकी हैं कि पिता की आर्थिक मदद करने के लिए उन्होंने 10वीं के बाद ही काम करना शुरु कर दिया था.
The pandemic with its challenges also presented an opportunity to learn, to live a fulfilled life; after @UCBerkeley enjoyed my learning at @Cambridge_Uni .. making time to upskill is a joy indeed. pic.twitter.com/mzbLnb6bKN
— Smriti Z Irani (@smritiirani) February 20, 2022
स्मृति ईरानी को आज सभी लोग बधाई दे रहे हैं. इन्होंने लोगों के ताने को चुनौती के रूप में लिया और खुद को इस काबिल बनाया कि आज अच्छे-अच्छे लोगों को अपने तर्क से मात देती हैं. महिलाएं तो शायद शादी या बच्चा होने के बाद ही यह मान लेती हैं कि अब उनकी जिंदगी में कुछ नया करने के लए बचा नहीं है.
45 की जिस उम्र में महिलाएं खुद को असहाय समझने लगती हैं इस उम्र में स्मृति नए-नए कोर्स कर कुछ नया सीख रही हैं. जो भी हो केंद्रिय मंत्री स्मृति ईरानी ने यह तो बता ही दिया है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती, बस कोशिश करने भर की देर है. आज ये अपने व्यक्तित्व से कई महिलाओं को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही हैं.
शायद आप यह सोच सकते हैं कि वह तो मंत्री हैं. उनके पास हजार सुविधाएं है. ठीक है लेकिन आप अपने आस-पास मौजूद अवसर तलाशिए. हम यह नहीं कर रहे हैं कि आप भी विदेश से ही पढ़ाई कीजिए लेकिन अपने हुनर को निखारने की कोशिश तो आपको ही करनी होगी...यह मत सोचिए कि आप 40 के हैं या 45 के...यह देखिए कि आप क्या कर सकते हैं?
यकीन मानिए आप इतना तो हैं कि कुछ ना कुछ कर ही लेंगे, एक बात याद रखिएगा कि कोई भी काम छोटा नहीं होता...और कुछ तो लोग कहेंगे इसलिए उनकी परवाह मत कीजिए.
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