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Updated: 08 सितम्बर, 2017 06:54 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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ब्लू व्हेल गेम दिन पर दिन खतरनाक होता जा रहा है. हर दिन नए लोग इसका शिकार हो रहे हैं और कोई न कोई नई जानकारी मिलती रहती है. एक बार फिर से कुछ ऐसा ही हुआ है. 'आईचौक' पर जब इस गेम के बारे में बताया गया था तो अधिकतर लोगों का एक ही सवाल था. सवाल था कि आखिर इस गेम में ऐसा क्या है कि इसे लोग छोड़ नहीं पाते? क्यों इसे ब्लॉक नहीं किया जा रहा? कहां से डाउनलोड होगा ये गेम?

इसका जवाब ढूंढने के लिए हाल ही के कुछ किस्सों पर हमने गौर किया. जवाब तो अपनी जगह रहा, लेकिन इससे जुड़े कई और सवाल जरूर सामने आ गए.. पहले जान लीजिए हाल ही में चर्चा में आए ब्लू व्हेल से जुड़े कुछ किस्सों को...

ब्लू व्हेल, सुसाइड, गेम, सोशल मीडिया

पहला किस्सा...

जोधपुर की एक लड़की अपने घर से ये बोलकर निकलती है कि उसे अपने सहेली से मिलने जाना है. मोबाइल फोन लेकर, स्कूटी चलाकर शहर के तालाब पर जाती है और कूद जाती है. बार-बार ये कह रही है कि अगर वो बच गई तो उसकी मां को कुछ हो जाएगा. कुछ कर दिया जाएगा मां को... हॉस्पिटल पहुंचने के बाद भी वो नींद की गोलियां खाने की कोशिश करती है. लोगों को बताती है कि उसे मारने के लिए 4 ऑप्शन दिए गए थे. एक तो ये कि अपने हाथ पर शार्क बना लो, दूसरा ये कि छत से कूद जाओ, तीसरा समुंदर में कूद जाओ और चौथा तालाब में कूद जाओ. लड़की कहती है कि उसने इस खेल के बारे में पेपर में पढ़ा था और उसने एक रात इसे डाउनलोड किया पूरी रात खेला और दूसरे दिन सुसाइड करने निकल पड़ी.

दूसरा किस्सा...

पुद्दुचेरी का एक 22 साल का लड़का. ये गेम खेलना शुरू करता है. चेन्नई में ड्यूटी ज्वाइन करने नहीं जाता. कहता है कि हर रात 2 बजे के बाद इस गेम से संबंधित टास्क पूरे करने होते थे. किसी दिन कब्रस्तान में जाना था तो किसी दिन हॉरर फिल्म देखनी थी. इस गेम का कोई एप नहीं है न ही कोई सॉफ्टवेयर इसे बस पर्सनल लिंक के जरिए ही खेला जा सकता है. इस गेम का लिंक दो हफ्ते पहले एक वॉट्सएप ग्रुप पर मिला था. उसके करीब 5 लेवल तक ये गेम खेला और अपने हाथ में व्हेल बना ली. कहा गया कि उसकी सारी कॉन्टैक्ट डिटेल एडमिन ने उससे ले ली. उसे रशिया से कॉल भी आए. उसके अजीब से व्यवहार के कारण उसके भाई ने उसकी काउंसलिंग करवाई.

इसके अलावा भी कई किस्से हैं जो ब्लू व्हेल से जुड़े हैं. लोग बार-बार ब्लू व्हेल से जुड़ी बातें सर्च कर रहे हैं. जिसे जैसी जानकारी मिल रही है वैसा नया किस्सा इंटरनेट पर पढ़ने को मिल रहा है. जिन दो किस्सों के बारे में यहां लिखा है वो दो किस्से पढ़कर कुछ सवाल हैं जो मन में आ रहे हैं...

जोधपुर वाला मामला सवालों के घेरे में...

  1. कहा जाता है कि ब्लू व्हेल गेम पूरा करने में 50 दिन लगते हैं, लेकिन जोधपुर में लड़की के साथ एक ही रात में सब कुछ हो गया, ऐसा कैसे?
  2. जोधपुर में लड़की को आत्महत्या के लिए चार ऑप्शन दिए उसमें से एक था हाथ में शार्क बनाना, लेकिन बाकी मामलों में तो ये ऑप्शन पहले आया. और सिर्फ मछली हाथ पर बनाने से कोई मरता नहीं, तो ये आत्महत्या का कैसा ऑप्शन?
  3. कहा जाता है गेम को ब्लॉक नहीं कर सकते क्योंकि इसका कोई लिंक नहीं मिल रहा है फिर कहां से एप डाउनलोड किया गया?

ब्लू व्हेल, सुसाइड, गेम, सोशल मीडिया

पुलिस की जांच ज्यादा बड़ा रहस्य...

  1. आखिर जो लोग बचे उनके मोबाइल से ब्लू व्हेल का कोई लिंक क्यों नहीं लिया जा रहा है?
  2. ब्लू व्हेल का पहला शिकार 29 जुलाई को सामने आया था, लेकिन तब से लेकर अभी तक उसके फोन की फोरेंसिक जांच का नतीजा क्यों नहीं आया?
  3. जिन लोगों की मौत वाकई ब्लू व्हेल गेम से हुई है उनके फोन से कुछ क्यों नहीं निकाल पा रही?
  4. अगर ये किस्से झूठे हैं तो ये लोग ऐसे फेक किस्से क्यों सुना रहे हैं?
  5. अगर झूठ नहीं तो क्या ब्लू व्हेल गेम खेलने के नए तरीके निकल गए हैं?
  6. अचानक इतने किस्से कहां से आ गए? क्या किसी ने भी 50 दिन का टार्गेट पूरा नहीं किया?

किस्से जितने अहम हैं उससे जुड़े सवाल भी उतने ही अहम हैं. हो सकता है कि इस गेम की आड़ में कुछ लोग अलग ही गेम खेल रहे हों, हो सकता है कि इस गेम की आड़ लेकर हैकर्स ने नए एप्स बना लिए हों, हो सकता है कि कई लोग सिर्फ पब्लिसिटी के लिए इस गेम के किस्से सुना रहे हों. अगर कोई अभी इस गेम के कारण आत्महत्या करता है तो रूल्स के मुताबिक इस गेम को कम से कम जुलाई से खेल रहा होगा. इंटरनेट पर कई एप्स उपलब्ध हैं जो ये दावा करते हैं कि ब्लू व्हेल गेम के हैं, लेकिन लगभग सभी फेक हैं. ब्लू व्हेल गेम खतरनाक है, लेकिन उससे जुड़े ये किस्से भी खतरनाक हैं जिनका कोई प्रमाण नहीं दिया जा सकता है. ये गेम अब चोटी काटने वाली घटनाओं की तरह हो गया है जिसमें किसी को भी कुछ पता नहीं है, लेकिन लोग अपने हिसाब से अलग-अलग कहानियां बता रहे हैं. बहरहाल, आपके लिए इस गेम से दूर रहना ही सही है.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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