पैरालाइज पिता के पेशाब करने पर गला दबाकर मारने वाले बेटे को जितनी लानत दी जाए कम है
समझ नहीं आ रहा है कि इस कुकर्म के लिए बेटे को किस भाषा में लानत दी जाए. ऐसी औलाद होने से बेहतर तो बेऔलाद होना ही है...
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पैरालाइज पिता (Paralyzed father) ने बेड पर पेशाब किया तो बेटे ने गला घोंट कर मार डाला. यह घटना कैसे मन में एक टीश पैदा कर देती है ना? मगर अब तो यह हो चुकी है. कोई क्या कर सकता है. बेटे को भले सजा मिल जाए मगर पिता तो नहीं लौटने वाला. समझ नहीं आ रहा है कि इस कुकर्म के लिए बेटे को किस भाषा में लानत दी जाए. ऐसी औलाद होने से बेहतर तो बेऔलाद होना ही है. इसे जितना कोसा जाए कम है.
घटना दिल्ली के आनंद पर्वत इलाके की है. पत्नी ने ही पुलिस को फोन किया था. उसे शक था कि बेटे ने ही पिता को मारा है, औऱ पोस्टमार्टम में यह बात साबित हो गई कि दम घुटने के कारण ही शख्स की मौत हुई है. बाद में पुलिस ने सख्ती की तो 20 साल के सुमित ने जुर्म कुबूल कर लिया. रिपोर्ट्स के अनुसार सुमित कुछ करता नहीं था. वह ही 45 साल के पिता की देखभाल कर रहा था. पिता को शराब पीने की आदत थी. घटना से पहले उसने बिस्तर पर पेशाब कर दिया था जिससे बेटे को गुस्सा आ गया था.
यह घटना वाकई मानवता को शर्मशार करने वाली है. जिस पिता ने जन्म दिया. जिसने पाला-पोषा उस पिता के साथ कोई ऐसा कैसे कर सकता है? नहीं वह बेटा नहीं हो सकता. वह यकीनन बेटे के भेष में कोई शैतान होगा. बेटा को बुजुर्ग माता-पिता की जिम्मेदारी निभाता है. उनका ख्याल रखता है. उनका सहारा होता है. उनकी सेवा करता है. नहीं बेटा ऐसा नहीं होता है.
पिता अपने बच्चों को कितना प्यार करते हैं. कितने प्यार से पालते हैं. वही बच्चा जब बड़ा होकर इस तरह उनका कर्ज चुकाता है तो बोलने को कुछ बाकी नहीं रह जाता है. यह बहुत ही शर्म की बात हैं. हम तो कहेंगे कि ऐसे बेटे को अपने किए की सज़ा मिलनी चाहिए ताकि कोई दूसरा बेटा ऐसा करने का ख्याल भी अपने मन में ना लाए.
पैरालाइज पिता ने बेड पर पेशाब किया तो बेटे ने गला घोंट कर मार डाला
आखिर जब बेटा छोटा रहा होगा तो कितनी बार अपने पिता के ऊपर पेशाब किया होगा. वह ऐसे ही तो बड़ा नहीं हुआ होगा. जब वह पैदा हुआ होगा पिता कितना खुश होगा और बेटे ने बदले में क्या किया? सच ही कहा है किसी ने कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है क्योंकि अगर इंसान लंबे समय तक बीमार पड़ा रहता है तो वह अपनों के लिए बोझ बन जाता है. अगर आने वाले दिनों में उसका बेटा ऐसी ही हरकत करे तो उसे कैसा लगेगा?
ऐसे पापी के लिए क्या ही कहा जाए? जिस इंसान ने अपना सुख चैन गंवाकर दिन रात मेहनत करके उसे चलना सिखाया आज उसी ने पिता को हमेशा के लिए खामोश कर दिया. ऐसा तो नहीं है कि बेटा जवान की पैदा हुआ होगा...मगर उसने अपने पालने वाले को ही मौत के घाट उतार दिया. लानत है ऐसी औलाद पर...
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