जब 'सॉरी' के मायने ही बदल जाते हैं
सॉरी एक टूटे हुए रिश्ते को जोड़ भी सकता है और किसी रिश्ते को तोड़ भी सकता है. बोलिए तभी जब सच में महसूस हो. वरना तो बातें कई होती हैं जीवन में...
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जब आपकी गलती न भी हो तो भी आपको सॉरी क्यों बोलना है?
"आई एम सॉरी (I am sorry)." किसी भी लड़ाई को खत्म करने के लिए अपने साथी/ सहयोगी को आपने कितनी बार ये कहा है?
"सॉरी", ये एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल यंग कपल न जाने कितनी ही बार करते हैं. सॉरी कहना अब एक शगल सा बन गया है. आखिर आप सॉरी कैसे कह सकते हैं जबकि आप ये मानने को तैयार नहीं आपने गलती की है? अगर आप किसी से माफ़ी मांगते हैं तो वो तभी कारगर है, जब आपको लगता है कि आपने गलती की है या फिर आप ये मानते हैं कि आप गलत थे. लेकिन आपको लगता है कि अब और नहीं लड़ सकते या अब और अपमानित नहीं हो सकते और आप चाहते हैं कि ऐसी स्थिति में आत्मसमर्पण कर देने से आप बच जाएंगे, तो आप सॉरी कह देते हैं!
किसी भी टूटती रिलेशनशिप को बचाने के लिए सॉरी कहने में कोई बुराई नहीं है
शान और जैकी एक दूसरे से 'प्यार' करते थे और दोनों ने शादी कर ली थी. शान ने जैकी वादा किया था कि हर शनिवार वो बिन नागा जैकी को उसके ऑफिस लेने आएगा. एक शनिवार, शान ने जैकी को फोन कर कहा कि वो उसे ऑफिस लेने नहीं आ पाएगा. क्योंकि उसने अपने कुछ दोस्तों को घर पर बुलाया था. जैकी को ये बात बुरी लगी. जैकी हमेशा ही वीकएंड का बड़ी ही शिद्दत से इंतजार करती थी. क्योंकि यही वो समय था जब उसे अपने साथी के साथ अच्छा समय बिताने के लिए मिलता था. बिना ये सोचे कि जैकी को कैसा महसूस हुआ होगा, शान ने फोन रख दिया.
इसी तरह एक के बाद एक कई चीजें जुड़ती गईं और रात होने तक पति पत्नी के बीच में भयानक लड़ाई शुरु हो गई. लड़ाई अकेले दिन तक भी खींच गई और संडे भी बर्बाद हो गया. अंत में शान ने अपने बर्ताव के लिए माफी मांग ली. लेकिन जैकी का शान पर से भरोसा उठ चुका था. शान के आंखों की वो चमक जब उसने पहली बार उसे वादा किया था वो चमक कहीं खो चुकी थी. जब भी वो शान की आंखों में देखती उसे महसूस होता कि वो अपना वादा पूरा नहीं करेगा.
अगर आप किसी रिश्ते में नहीं हैं तो आपको ये सिर्फ लड़कियों के चोंचला ही लगेगा. लेकिन ऐसा नहीं है. यकीन मानिए ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. सॉरी बोलना और सॉरी फील करना दो बातें हैं. और दोनों के अर्थ और मायने एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं.
एक दूसरी घटना में, त्रिशा और विनीत की नई नई शादी हुई थी. दोनों के बीच बड़ा ही 'स्पेशल' रिश्ता था और वो एक-दूसरे के बारे में खुब मजाक भी किया करते थे. अपने रिश्ते की गहराई को समझे बिना ही, विनीत ने अपने दोस्तों के सामने त्रिशा का मजाक उड़ाना शुरु कर दिया. त्रिशा चुप रहती. बल्कि मैं तो कहूंगा कि उसने चुप रहने का फैसला किया, इस आस में कि समय के साथ विनीत इसे समझ जाएगा. लेकिन विनीत के लिए त्रिशा का मज़ाक बनाना अब आदत में शुमार हो गया था.
माना जाता है कि जहां प्यार होता है वहीं हल्के फुल्के झगड़े भी होते हैं
विनीत को पता भी नहीं चला कि कब वो त्रिशा के बारे में मजाक करते करते उसका मजाक बनाने लगा. कब वो उसका अपमान करने लगा. जब त्रिशा के बर्दाश्त से ये बाहर हो गया तो उसने विनीत से इस बारे में बात की. इस पर विनीत ने जवाब दिया "ठीक है. अब मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा. आई एम सॉरी की मेरी वजह से तुम्हें दुख हुआ. लेकिन तुम ये समझ ही नहीं पाई कि मैं ये सब तुम्हें हंसाने के लिए करता हूं तुम्हारा मजाक नहीं बनाता."
ये एक बहुत छोटी सी घटना थी. सॉरी एक छोटा सा शब्द, जो त्रिशा के जीवन में बहुत बड़ा हो गया. त्रिशा को गहरा आघात लगा. वो खुद को कोसने लगी की आखिर उसने विनीत से बात ही क्यों की. उसे लगने लगा कि सब उसकी गलती है. और उसके बाद उसने सारे अपमान चुपचाप सह लिए. कभी शिकायत नहीं की. वह चुपचाप पीड़ित थी.
"सॉरी" एक ऐसा शब्द है जो रिश्ते बना भी सकता है और तोड़ भी सकता है. अगर आप इसे सही समय, सही जगह और सही इरादे से उपयोग करते हैं, तो इस शब्द में इतनी ताकत है कि ये एक टूटते रिश्ते या टूटे हुए रिश्तों का भविष्य भी बदल सकता है. रीता और प्रीत कठिन समय से गुजर रहे थे. वे अपने टूटे रिश्ते को बचाने और उसे सुधारने के लिए काउंसेलर से सलाह ले रहे थे.
किसी बॉलीवुड फिल्म की तरह, जहां हीरो अपनी हिरोइन को वापस पाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा देता है. रातों की नींद हराम कर लेता है. उसे पाने के लिए दिन रात एक कर देता है. प्रीत ने भी रीता को वापस पाने के लिए वो सारे प्रयास किए. उसने प्रीत से कहा कि- "उस पर हाथ उठाने के लिए वो शर्मिन्दा है. आइन्दा से वो कभी ऐसा नहीं करेगा." रीता ने उस पर फिर से भरोसा करना और उसके साथ रहने के लिए तैयार हो गई.
कुछ महीनों के लिए तो प्रीत का व्यवहार रीता के प्रति बहुत अच्छा था. वो उसे खुब प्यार देता. उसकी खुब केयर करता. लेकिन समय बीतने के साथ, उसने अपने रिश्ते में अपने दोस्तों को बहुत अधिक शामिल कर लिया. वो दोस्त उसे डरपोक कहते. बीवी का गुलाम कहकर उसका मजाक बनाते. नतीजतन प्रीत और रीता के बीच में फिर से झगड़े होने शुरु हो गए और वो फिर से मारपीट करने लगा.
एक बहुत ही मशहूर कहावत है कि अगर कोई काम एक या दो बार किया जाता है, तो उसे गलती कहा जाता है. लेकिन अगर वही बात बार-बार दोहराई जाती है तो वो पाप कहलाता है. गलती नहीं. जब कोई सॉरी कहता है तो क्या होता है? क्या किसी अजीज को सॉरी कहने पर आपको बुरा फील होता? आपके अहंकार को चोट पहुंचाती है? माफी मांगने के बाद आप क्या करते हैं? अपने अंदर गुस्सा अब भी भरे रहते हैं?
जब आप किसी लड़ाई को खत्म करना चाहते हैं तो माफी मांगना, सॉरी बोलना अच्छा होता है. लेकिन मन में गुस्सा पालना, किसी के प्रति नफरत का भाव रखना क्या आपके स्वास्थ के लिए अच्छा है या फिर ये अच्छी बात है?
अगर आपके मन में अभी भी गुस्सा है तो फिर किसी भी बात के लिए सॉरी मत फील कीजिए. माफी मांगने का मतलब है पश्चाताप करना. अपने किए पर शर्मिंदा होना. यह सिर्फ फैशन नहीं है, जो हर घंटे बदलता रहता है. अगर आप सच में अपने किसी काम से शर्मिंदा हैं तो फिर अपने दिल के अंदर का गुस्सा, नफरत, मैल को निकाल फेंकिए. इसे अपने आपको या अपनी भावनाओं पर कब्जा न करने दें. ये भावनाएं जीवन भर आपके साथ रहती हैं, ठीक वैसे ही जैसे आपकी आत्मा आपके साथ रहती है. आप किसी व्यक्ति के खिलाफ जो रुख रखेंगे, वह मरने के बाद भी रहेगी. यही कारण है कि आप भूतों वाली कई कहानियां सुनते हैं! मुझे सच का पता नहीं इसलिए उसपर कमेंट नहीं करुंगा.
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