वो महिला जो इस्लाम में चार शादियां रुकवाने का दम रखती है..
विधवाओं को बेहतर जिंदगी मिल सके इसलिए बहुविवाह अपनाया गया. कुरान में ये भी लिखा है कि अगर कोई इंसान अपनी चारों पत्नियों को एक जैसा प्यार और सुविधाएं नहीं दे पा रहा है तो उसके लिए ये हराम है, फिर अपने हिसाब से नियमों को तोड़ा-मरोड़ा क्यों जा रहा है.
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हाल ही में एक खबर आई थी. झारखंड में इस्रफील अंसारी नाम के एक व्यक्ति ने अपनी बीवी और 19 साल की बेटी को सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि ये दोनों उसे दूसरी शादी करने से रोक रही थीं. बीवी का नाम था समीना बेगम और बेटी थी आसमा परवीन.. ये तो था एक किस्सा जिसमें समीना बेगम नाम की एक महिला को अपने पति की बेवफाई की सज़ा भुगतनी पड़ी.
एक और समीना बेगम हैं जिन्होंने अब इसी तरह के लोगों के खिलाफ बीड़ा उठाया है. ये वो महिला है जो इस्लाम में चार शादियां रुकवाने का दम रखती है और इसके लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है. उस महिला का नाम भी है समीना बेगम. उत्तर प्रदेश के संभल की समीना तीन तलाक़ का दर्द भी जानती हैं और अपने ही पति की दूसरी पत्नी को देखने का दर्द भी.
इशरत की तरह समीना की भी कहानी..
तीन तलाक की बहस और उसमें इशरत जहान का वो संघर्ष तो याद ही होगा आपको? इशरत की शादी 14 साल की उम्र में हो गई थी. अपने चौथ बच्चे के जन्म के बाद इशरत का पति दुबई जाकर बस गया था और फिर इशरत को तीन तलाक दे दिया. इसके बाद शुरू हुई लंबी कानूनी लड़ाई और समाज से घरवालों से और दुनिया भर से.
इसी तरह समीना बेगम की भी कहानी है. बीबीसी के एक इंटरव्यू के मुताबिक एक मुशायरे में 17 साल की समीना हिस्सा लेने दिल्ली आई थीं. वहीं उनकी मुलाकात उनके पहले पति से हुई. वो मुशायरे में ही समीना को दिल दे बैठा. लगातार मुशायरे होते रहे और दोनों में दोस्ती भी बढ़ गई. फिर उस शख्स ने समीना का हाथ मांग लिया. 18 साल की उम्र में समीना की शादी हो गई और फिर मानो दुनिया ही पलट गई. समीना के पति ने उसे मुशायरे में जाने से मना कर दिया और पर्दे में रहने को कहा. पांच साल में दो बच्चों के बाद उस शख्स ने समीना को चिट्ठी के जरिए तलाक दे दिया. 2004 में तलाक मिलने के बाद 2012 तक समीना अपनी जिंदगी अकेले काटती रहीं और फिर उनकी मुलाकात अपने दूसरे पति से हुई.
दूसरे पति ने उनसे कहा कि उसकी बीवी भाग गई है और तीन बच्चे अकेले पाल रहा है. समीना ने उसकी बात मान ली और शादी कर ली. शादी के कुछ दिन बाद समीना को पता चला कि वो शख्स झूठ बोल रहा था. उसकी पत्नी किसी दूसरे घर में रहती थी. तब तक समीना को एक और बेटा हो चुका था. समीना को जब जवाब चाहिए था तो उसे सिर्फ कुरान पाक का हवाला दिया गया.
उसी दिन से समीना ने ठाना कि वो शरीयत के नाम पर मर्दों की अय्याशी नहीं चलने देंगी. सबसे पहली खबर 11 मार्च 2018 को आई कि दो महिलाएं कोर्ट में इस मामले में याचिका दायर करने वाली हैं. समीना बेगम के साथ-साथ नफीसा खान ने भी मुस्लिम बहुविवाह के खिलाफ आवाज़ उठाई और कोर्ट तक पहुंच गईं. बहुविवाह और निकाह हलाला के खिलाफ अब कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया गया है.
उसकी सुनवाई चल रही है और इसपर फैसला आते-आते अभी बहुत कुछ होगा. इस मामले में पहले ही दो मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिन्द और इमाम काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसका भरपूर विरोध भी किया. खैर, विरोध सिर्फ इनका नहीं है बल्कि कई लोगों का है. मुस्लिम समाज में इसका भरपूर विरोध किया जा रहा है जो सोचा जा सकता है कि कितना अधिक होगा.
कुरान में क्या लिखा है..
कुरान के मुताबिक पैगंबर मोहम्मद ने इस्लाम में चार शादियां करने की इजाज़त दी है. इसका कारण ये बताया गया है कि पहले के समय मर्द जंग पर जाया करते थे और उनकी मौत हो जाती थी. विधवाओं को बेहतर जिंदगी मिल सके इसलिए बहुविवाह अपनाया गया. कुरान में ये भी लिखा है कि अगर कोई इंसान अपनी चारों पत्नियों को एक जैसा प्यार और सुविधाएं नहीं दे पा रहा है तो उसके लिए ये हराम है.
ऐसे में इस्लाम के कानून तोड़ मरोड़ कर अपनी सुविधा के हिसाब से इस्तेमाल करने वालों को आखिर ये सिस्टम बंद होने से आपत्ति तो होगी ही. किसी भी महिला के लिए पति की दूसरी शादी और तीन तलाक जैसे दर्द से गुजरना बहुत मुश्किल है. ऐसे में निकाह हलाला तो और भी ज्यादा दुखदाई प्रथा साबित होगी.
बहरहाल, सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि समीना बेगम और नफीसा बेगम का संघर्ष रंग लाए और भारत का कानून इन जैसी सभी औरतों के हक के लिए फैसला ले.
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