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Updated: 02 दिसम्बर, 2018 03:50 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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2018 में भी दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो डेटिंग को बुरा मानते हैं और उनके हिसाब से ये सब खराब संगत का नतीजा होता है. एक तरफ यहां टिंडर पर भरोसा करने वाले लोग हैं तो दूसरी तरफ यहां ऐसे लोग हैं जो डेटिंग करने वाली महिलाओं को खराब नजर से देखते हैं. पर एक इंसान ने इस डेटिंग के खेल को ही उलट दिया है. वो 365 लड़कियों के साथ डेटिंग करना चाहता है. यानी साल के हर दिन की एक लड़की. हालांकि, ये प्रण उसने 2015 में लिया था और डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक 300 लड़कियों को डेट कर चुका है, लेकिन वो तब तक नहीं रुकेगा जब तक 365 नहीं हो जातीं. हालांकि, कुछ वेबसाइट्स में दी जानकारी के अनुसार ये आंकड़ा अभी 150 भी नहीं पहुंचा है.

ये कहानी है सुंदर रामू की. जो लोग सुंदर का नाम नहीं जानते मैं उन्हें बता दूं कि सुंदर असल में एक फिल्म एक्टर हैं और फोटोग्राफर भी. सुंदर जिनके साथ डेट पर जाते हैं उनकी उम्र 21 साल से लेकर 105 साल तक है और 105 साल की महिला और कोई नहीं बल्कि उनकी अपनी दादी मां थीं.

डेटिंग, सोशल मीडिया, सुंदर रामू, चैरिटीअपनी एक डेट के साथ सुंदर

पर सुंदर के बारे में कोई भी राय बनाने से पहले असल मामला तो जान लीजिए कि ऐसा क्यों है. दरअसल, सुंदर ऐसा एक पहल के तहत कर रहे हैं जिसमें वो ये साबित करना चाहते हैं कि महिलाओं को इज्जत देनी चाहिए और कैसे किसी महिला को डेट पर भी सुरक्षित फील करवाया जा सकता है.

2015 का ये न्यू ईयर रेजोल्यूशन था जिसमें सुंदर कुछ करना चाहते थे और देश और दुनिया में महिलाओं के साथ जैसा बर्ताव किया जाता है उससे उन्हें काफी दुख पहुंचता है और इसी कारण सुंदर उन महिलाओं को इज्जत देना चाहते हैं.

सुंदर जहां भी डेट पर जाते हैं वहां महिलाएं या तो उनके लिए खाना बनाती हैं, या फिर कहीं बाहर खाना खिलाती हैं. ये एक तरह की मील डेट ही होती है. रास्ते पर काम करने वाली सफाई कर्मचारी ने तो सुंदर को तरबूज दिया था और वो भी उन्हें काफी पंसद आया.

डेटिंग, सोशल मीडिया, सुंदर रामू, चैरिटीसुंदर अपनी मां और दादी की उम्र की महिला के साथ भी डेट पर जाते हैं और वो इसे समाज की बुराई को खत्म करने का एक छोटा सा तरीका मानते हैं

न सिर्फ सुंदर इससे ये साबित करना चाहते हैं कि हिंदुस्तान में डेटिंग को कितना गलत लिया जाता है बल्कि ये भी चाहते हैं कि महिलाएं खुद को बेहद सुरक्षित महसूस करें. सुंदर जिसके साथ भी डेट पर जाते हैं उस महिला से कहते हैं कि वो खुद ही जगह चुने और खाना, खाने का तरीका और किस समय जाना है ये भी वो खुद ही चुने.

कहानी अभी बाकी है..

सुंदर अपनी हर डेट से पैसे भी दिलवाते हैं. यानी अगर कोई महिला उनके साथ किसी रेस्त्रां में जा रही है तो वो अपना बिल खुद देगी. ये डेट से ज्यादा दो लोगों का एक दूसरे से साथ खाना खाना और अच्छा समय बिताना है. अब बात आई इसकी कि आखिर सुंदर पैसे क्यों दिलवाते हैं महिलाओं से. तो जितना भी खर्च होता है वो सुंदर और उनकी डेट आधा-आधा बांटते हैं. और साथ ही सुंदर उतना ही पैसा जितना उनकी डेट ने खर्च किया होता है उसे चैरेटी के लिए जोड़ लेते हैं और महीने के अंत में ये पूरा जोड़ा हुआ पैसा चैरिटी में दान कर देते हैं.

जो पैसा सुंदर देते हैं वो बच्चों की शिक्षा में काम आता है, ओल्ड एज होम्स में जाता है, एनिमल शेल्टर में जाता है और ऐसे ही सुंदर की डेटिंग और चैरिटी का काम चलता जाता है. हालांकि, सुंदर का चैरिटी करने का तरीका थोड़ा अलग है, वो चाहते तो खुद अपनी मर्जी से बिना ये सब किए भी दान दे सकते थे, लेकिन तब उनका मकसद पूरा नहीं होता. उनका मकसद न सिर्फ चैरिटी करना नहीं, बल्कि महिलाओं को सुरक्षा और इज्जत का अहसास करवाना भी है. साथ ही, जब भी सुंदर किसी एनजीओ में जाते हैं और पैसे दान देते हैं तब वहां रहने वाले सभी लोगों के लिए खाना भी लेकर जाते हैं और कई बार उनके साथ खाना खाते भी हैं.

सुंदर का कहना है कि वो अपने सिंगल रहने के स्टेटस से काफी खुश हैं और इसका इस्तेमाल वो कुछ अच्छा करने के लिए करना चाहते हैं. वो सिर्फ उन्हीं महिलाओं के साथ नहीं जाते जिन्हें समाज खूबसूरत होने का टैग देता है बल्कि ये उनके साथ भी जाते हैं जिन्हें समाज नकार देता है.

सुंदर अपना ये काम इस साल पूरा कर देना चाहते हैं ताकि अगले साल से वो हर दिन किसी न किसी बेघर व्यक्ति को खाना खिला सकें. वो अपनी इस पूरी कहानी को एक किताब की शक्ल में पब्लिश भी करवाना चाहते हैं और इससे जो पैसा आएगा वो भी NGO को दे दिया जाएगा.

सुंदर की कहानी बेहद दिलचस्प है और इसके बारे में सोचकर ऐसा लगता है कि वाकई इस इंसान के साथ एक बार डेट पर जाना तो बनता है. कम से कम इसके साथ अच्छा समय बिताया जाएगा और साथ ही चैरिटी में थोड़ा योगदान भी हो जाएगा. अगर सुंदर इस अनोखे काम को नहीं करते तो शायद उनके द्वारा दिया जाने वाला मैसेज सब तक नहीं पहुंच पाता.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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