Sweden Riots: स्वीडन के मुसलमानों ने जो किया वो क़ुरान जलाने से ज्यादा घृणित है!
स्वीडन के शहर मालमो (Malmo, Sweden Riots) में दक्षिणपंथियों द्वारा कुरान (Right Wing Supporters burning Quran) की प्रति जलाने के बाद जिस तरह हालात बेकाबू हुए और जैसे शरणार्थी मुसलमानों (Muslim Refugees) ने वहां आगजनी और पत्थरबाजी की, वो न केवल मानवता को शर्मसार करता है बल्कि इस्लामोफोबिया (Islamophobia) को और ताकत ही देता है.
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स्वीडन के शहर मालमो (Malmo, Sweden riots) में दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने कुरान (Right Wing Supporters Burning Quran) की प्रति जलाई जिसने इस्लामिक कट्टरपंथियों को मौका दे दिया, अपना असली चेहरा दुनिया को दिखाने का. हां वही चेहरा जिसे अबू सुफ़ियान से लेकर यज़ीद तक और बग़दादी से लेकर हाफ़िज़ सईद तक सब ने तमाम मौकों पर ज़ाहिर किया और बताया कि - 'Either My Way Or The High Way.' कुरान जलाए जाने की घटना के बाद स्वीडन सुलग चुका है. नजारा कुछ वैसा ही है जैसा बीते दिनों हमने भारत में कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर (Bengaluru Riots) और उससे पहले दिल्ली (Delhi Riots) लखनऊ (Lucknow) समेत भारत के अन्य हिस्सों में देखा. स्वीडन में भी 'अल्लाह हू अकबर' के नारे के साथ दंगाइयों की भीड़ सड़क पर उतरी और नियम कानूनों को दरकिनार करते हुए हर वो चीज जलाकर स्वाहा कर दी जो इनके रास्ते में आई. स्वीडन में पत्थरबाजी (Stone Pelting In Sweden) भी हुई, टायर भी जले और सड़कों को जाम भी किया गया. बहाना बनाया गया कुरान की बेइज्जजती का बदला.
स्वीडन में कुरान जलाए जाने के बाद सड़क पर निकल हिंसा करते मुस्लिम समुदाय के लोग
क्या हुआ था स्वीडन में
स्वीडन के मालमो शहर में 'Stram Kurs' नाम के दक्षिणपंथी संगठन ने कुरान की प्रतियां जलाई थीं. ये कार्यक्रम उस 'एंटी इस्लाम' प्रोटेस्ट का हिस्सा था जो शहर में Rasmus Paludan नाम के दक्षिणपंथी नेता की गिरफ्तारी के बाद हुआ. Rasmus Paludan 'hard-line नामक उस राजनीतिक दल के नेता हैं जो मुस्लिम शरणार्थियों के खिलाफ है. बताया जा रहा है कि Rasmus Paludan मालमो में मुस्लिम शरणार्थियों को लेकर एक मीटिंग करने वाले थे.
Congrats Sweden for the inclusiveness. pic.twitter.com/hdC6TOraGc
— vivekk (@oyevivekk) August 29, 2020
Paludan के समर्थकों को स्वीडिश कानून का हवाला देते हुए सूचना दी गयी कि दो सालों तक के लिए Paludan का स्वीडन में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसी लिए उन्हें सीमा पर रोका गया और मालमो जाने के लिए मना किया गया. अभी पुलिस से Paludan और उनके समर्थकों की बहस चल ही रही थी कि इसी बीच पलूदान ने सुअर के मांस के साथ कुरान को बांधा और उसे आग के हवाले कर दिया.
स्वीडन में जो सरकार ने Paludan के साथ किया उसपर प्रतिक्रिया उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर दी है. Paludan ने लिखा है कि मुझे स्वीडन से वापस भेज दिया गया है और मेरा स्वीडन में प्रवेश अगले दो सालों तक के लिए बैन कर दिया गया है. जबकि हत्यारों और बलात्कारियों का यहां सदैव स्वागत है.
बता दें कि Paludan माल्मो में रैली करने वाले थे और उन्होंने अपने समर्थकों से कुरान की प्रतियां जलाने की अपील की थी.
कहां से हुई बवाल की शुरुआत
जैसे ही खबर आई कि Paludan को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके समर्थकों ने आपा खो दिया और कुरान को आग के हवाले कर दिया. वहीं ऐसे भी मामले सामने आए जहां Paludan के समथर्क कुरान को लातों से मारते हुए भी दिखे. घटना के वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें 'Stram Kurs' के समर्थक कुरान की प्रतियों के ऊपर गैसोलीन छिड़कते दिखाई दिए और स्वीडन में इस्लाम के फैलने का इन्होंने विरोध किया.
BREAKING: HUGE riots are taking place in Malmö, Sweden after the Danish far-right group "Stram kurs" burned the Quran (@Faytuks) pic.twitter.com/HuhIKwXz8P
— SV News ???? (@SVNewsAlerts) August 28, 2020
घटना के बाद हुई तबाही
स्वीडन की पुलिस और सरकार दक्षिणपंथियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई कर ही रही थी, कि मुस्लिम कट्टरपंथियों से रहा नहीं गया. उसके बाद वही हुआ, जैसा कि बीते कुछ दिनों से हमने भारत में देखा. 300 के आसपास लोग माल्मो की सड़कों पर आ गए और इन्होंने आगजनी, पत्थरबाजी करते हुए कानून का जमकर मखौल उड़ाया. पुलिस भी इस घटना से स्तब्ध है और एक्शन लेते हुए उसने 10 लोगों से अधिक को गिरफ्तार किया है. घटना में कई पुलिसवाले भी घायल हुए हैं. माल्मो के मुसलमानों ने कैसे मामले को तिल का ताड़ बनाया इसे हम यूं भी समझ सकते हैं कि जब स्थानीय पुलिस रेस्क्यू के लिए गई तब भी उसके ऊपर हमला किया गया.
Mass rioting in Malmo, Sweden after a rumor gets out that someone burned a Koran. pic.twitter.com/CETqTDG5iI
— Ian Miles Cheong (@stillgray) August 28, 2020
बहरहाल भले ही स्वीडन में कुरान जलाने की घटना का उद्देश्य पॉलिटिकल बेनिफिट रहा हो मगर जिस तरह मुसलमान सड़कों पर आए और एक्शन का रिएक्शन दंगों और आगजनी से दिया, इतना तो साफ हो गया है कि आप कट्टरपंथियों के मूल में हिंसा छुपी हुई है. उन्होंने स्वीडन में दंगा करके कम से कम इस्लाम के हवाले सेे तो कोई पुण्य का काम नहीं किया.
So #Sweden is witnessing worst Ri0ts cus Some Musl!ms rap€d Children and in protest a man burnt Q@ran .The Migrant Musl!ms have taken the whole city on ransom and causing worst damages and Ri0tsEurope you are doomed#swedenriots #SwedenBurning pic.twitter.com/bmTZ9IIXp6
— The Meghdoot (@TheMeghdoot) August 29, 2020
चूंकि स्वीडन में दंगा करने वालों में मुस्लिम शरणार्थियों का हाथ है इसलिए इस घटना ने तमाम शरणार्थियों के ऊपर सवालिया निशान लगा दिए हैं. अब उन पार्टियों औेर विचारधाराओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जोे इस्लामिक देशों सेे आने वाले शरणार्थियों को शरण देने की हिमायती रहीं हैं. मुस्लिम कट्टरपंथी अपने करतूतों से दक्षिणपंथियों की शंकाओं को सही साबित कर रहे हैं. दुनिया के सबसे सुकून भरे मुल्कों में शुमार स्वीडन में मुस्लिम शरणार्थियों द्वारा दंगा करना इस्लामोफोबिया की भावना को और बल देेगा. इस कट्टरपंथ को हवा देने में वोे कथित लिबरल मुस्लिम भी कम जिम्मेदार नहीं हैं, जोे कुरान जलाए जाने की घटना को दंगे की 'जायज' वजह के रूप में देख रहे हैं. सोशल मीडिया के दौर में ग्लोबल सोेसायटी के रूप में देखना होगा कि चाहे बात कितनी भी बड़ी हो, दंगे/हिंसा को जायज नहीं ठहराया जा सकता.
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