इससे भद्दा आइटम नंबर आपने पहले नहीं देखा होगा
शीला, मुन्नी, चिकनी चमेली जैसे आइटम नंबरों का आनंद उठाने वालों! इस आइटम डांस को देखकर जो झटका आपको लगेगा, वो अब तक किसी आइटम डांस को देखकर नहीं लगा होगा.
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अब तक आपने शीला, मुन्नी, चिकनी चमेली जैसे कई आइटम नंबर का आनंद लिया होगा. इन गानों पर थिरक रही सुंदरियों को देख-देख आप भी कई बार थिरके होंगे. गाने के बोल कितने ही अश्लील क्यों न हों लेकिन मजे तो ऐसे ही गानों से लिए जाते हैं, हैं न? वो क्या है कि, ऐसे गाने सुनकर और देखकर ही तो तन बदन में ऊर्जा का संचार होता है. लेकिन यकीन मानिए, इस आइटम डांस को देखकर जो झटका आपको लगेगा, वो अब तक किसी आइटम डांस को देखकर नहीं लगा होगा.
आइटम नंबर एक मैसेज के साथ शुरू होता है “viewers discretion is advised” यानी दर्शकों को सलाह दी जाती है कि वो विवेक से काम लें. यहीं पर तय हो जाता है कि गाने में कुछ तो खास होगा ही. फिर एक सुंदर सी कन्या दिखाई देती है, चमकती रौशनी और सब कुछ छिपाकर भी सबकुछ दिखाते कपड़े पहने लड़की ठुमके पर ठुमके लगाना शुरू कर देती है. कैमरा उसके भड़काऊ शरीर पर बार-बार जाता है, और तभी कुछ बच्चे वहां आकर डांस का आनंद उठाने लगते हैं, बच्चे बेहद उत्साहित हैं, नाच रहे हैं, हूटिंग कर रहे हैं और आखिर में फ्लाइंग किस भी देते दिख रहे हैं. ये वीडियो देखकर शायद आपको अब तक का सबसे खराब अनुभव हो.
लेकिन हां, परेशान न हों क्योंकि इस वीडियो को दो हिस्सों में फिल्माया गया है.
डांसर और बच्चों को अलग अलग फिल्माया गया है |
ये बच्चे वही कर रहे हैं, जैसा उन्होंने औरों को करते देखा होगा. आखिर बच्चे वही तो सीखते हैं जो वो देखते हैं. और यही एक बात 'एंजल्स क्लीनिक' नाम की संस्था ने इस वीडियो के जरिए बताने की कोशिश की है. ये वीडियो 'Re-grade Item Numbers' नाम की एक पिटीशन का हिस्सा है, जिसे सेंसर बोर्ड चेयरमैन पहलाज निहलानी के खिलाफ दायर किया गया है. जिसके जरिए ये अपील की गई है कि फिल्मों में निरंकुश हो रहा अडल्ट कटेंट जो आइटम नंबर्स के जरिए फैलाया जा रहा है, उसपर लगाम लगनी चाहिए. इस संदेश के साथ लोगों को पिटिशन साइन करने की अपील भी का जा रही है. क्योंकि इस तरह फैल रही अश्लीलता बच्चों के मन पर जो प्रभाव डालती है, उसका असर अभी तो नहीं, लेकिन बाद में दिखाई देता है.
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बच्चों की परवरिश में हम हर चीज का ख्याल रखते हैं, जिससे उनके विकसित हो रहे मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पढ़े, लेकिन यहां हम खुद इन गानों के रूप में उनके सामने अश्लीलता परोस रहे हैं. ये आइटम नंबर महज संगीत की धुन और बीट्स नहीं जिसपर मस्त होकर सिर्फ नाचा जाता है, बल्कि ये तो जीता जागता अश्लील साहित्य है, जिसके बारे में हमारे यहां के बच्चे न जानते हैं और न उन्हें जागरुक किया जाता है.
इस तरह परोसी जाने वाली अश्लीलता नाबालिगों को महिलाओं पर हो रहे जुवेनाइल अपराधों तक ले जाती है |
महिलाओं के शरीर को बिना रोक टोक देखना आइटम नंबरों के जरिए एक स्वीकार्य तरीका होता है. जिसे हर कोई देखता है, बडे भी और बच्चे भी. और अब तो ये सब इतना सामान्य है कि टीवी का चैनल चेंज करने की भी जरूरत नहीं समझी जाती. लेकिन परेशानी सिर्फ यहीं तक नहीं, शोध बताते हैं कि इस तरह परोसी जाने वाली अश्लीलता नाबालिगों को महिलाओं पर हो रहे जुवेनाइल अपराधों तक ले जाती है.
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नाबालिगों द्वारा बलात्कार के मामलों में 143 % का इजाफा हुआ है. पूरी दुनिया में भारत रेप कैपिटल के नाम से मशहूर है. बड़े तो बड़े, नाबालिग भी सैक्स चाहते हैं और नतीजा ये कि ये जिज्ञासा ऐसी घटनाओं को अंजाम देती है. और उन्हें सुनकर हम सिर्फ यही कहते हैं, कि ‘हे भगवान पता नहीं क्या हो रहा है दुनिया को, कलयुग है’.
तो इस वीडियो को देखकर गालियां देने पहले, जरा एक बार जरूर सोच लें कि इन नाच रहे बच्चों में से एक बच्चा आपका भी हो सकता है...और हां इस कलयुगी दुनिया का हिस्सा भी.
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