बुढ़ापे की लाठी पर करन जौहर का भी बराबर हक है
करन जौहर सरोगेसी की मदद से पापा बन गए हैं. अडॉप्शन को लेकर तो दुनिया भर के नियम हैं, लेकिन सरोगेसी को लेकर क्या? करन की खुशी में शामिल लोगों ने ट्विटर पर न जाने उनके बारे में क्या क्या कह दिया..
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करन जौहर पापा बन गए हैं. सरोगेसी की मदद से करन जुड़वां बच्चों यश और रूही के पापा बन गए हैं. इसी बीच पूरा बॉलीवुड उन्हें बधाई देने में जुट गया है. करन ने ट्विटर पर डॉक्टर जतिन शाह के साथ-साथ सरोगेट मां का भी शुक्रिया अदा किया है. करन जौहर बॉलीवुड के दूसरे सिंगल डैड बन गए हैं जिन्होंने सरोगेसी का सहारा लिया है.
भारत में यकीनन अडॉप्शन के लिए काफी नियम हैं जिनमें सिंगल पेरेंट और गे कपल लड़कियों को गोद नहीं ले सकता है, लेकिन सरोगेसी का क्या? करन जौहर ने अपनी किताब 'एन अनसूटेबल ब्वॉय' में लिखा था कि वो किसी बच्चे को गोद लेना चाहते हैं या फिर सरोगेसी का सहारा लेना चाहते हैं ताकी उनके बुढ़ापे के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी बन सके. करन को पिता बनने की चाह थी या बुढापे की लाठी चाहिए थी ये तो नहीं जानते, लेकिन करन अब एक बेटे और एक बेटी के पिता हैं.
सेरोगेसी का ट्रेंड भारत में नया नहीं है. इसे लीगल स्टेटस तो 2002 में ही मिल चुका है, लेकिन इससे जुड़े नियम और कायदे अभी तक साफ नहीं हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा सरोगेसी के लिए सिर्फ कुछ गाइडलाइन्स दी गई हैं. इसके लिए कोई ठोस नियम नहीं है. इसीलिए तुषार कपूर या करन जौहर ने सरोगेसी का इस्तेमाल करके कोई नियम नहीं तोड़ा है. बहरहाल ये सोचने वाली बात है कि जब सिंगल पिता एक बच्ची को गोद नहीं ले सकता है फिर सरोगेसी के इस्तेमाल से अगर लड़की हो जाए तो ऐसे केस में उस बच्ची पर कोई नियम नहीं लागू होता है क्या.
क्या कहता है नियम-
सरेगोसी के लिए कोई ठोस नियम नहीं है. पिछले साल तुषार कपूर के पिता बनने के बाद सरोगेसी के नियम चर्चा में आए थे और ससंद में एक बिल भी पेश किया गया था. बिल पास होने से पहले ये थे नियम.
- सरोगेसी कांट्रैक्ट में सरोगेट मां, उसके परिवार, पति आदि की सहमती होनी चाहिए और साथ ही कांट्रैक्ट में पूरा मेडिकल प्रोसेस भी होना चाहिए, साथ ही बच्चे के सभी खर्च से जुड़ी जानकारी और मां की लिखित सहमती होनी चाहिए.
- सरोगेसी के समय अगर बच्चे को कुछ हो जाता है तो मां को पूरी फाइनेंशियल मदद, या फिर अगर मां को कुछ हो जाता है तो पूरा खर्च, इलाज आदि की जानकारी साथ ही अगर बच्चा पालने वाले माता-पिता के बीच तलाक हो जाता है तो बच्चे की जिम्मेदारी किसपर रहेगी आदि जानकारी होनी चाहिए.
- सरोगेट कांट्रैक्ट में सरोगेट मां के लाइफ इंश्योरेंस कवर की जानकारी होनी चाहिए.
- सरोगेट बच्चे को लीगल स्टेटस दिया जाएगा.
- सरोगेट बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट में पालने वाले मां-बाप का नाम होना चाहिए.
- सरोगेट मां और डोनर की जानकारी गुप्त रखी जानी चाहिए.
- सेक्स सिलेक्टिव सरोगेसी बैन होगी.
पहले के नियमों में कहीं भी ये नहीं था कि सिंगल पेरेंट सरोगेसी का सहारा नहीं ले सकता है या फिर उनसे जुड़ा कोई भी नियम नहीं था. पिछले साल संसद में जो बिल पास किया गया था उसमें ये सभी नियम थे-
- कमर्शियल सरोगेसी को बैन किया जाएगा. ऐसा इसलिए होगा ताकी गरीब महिलाओं का शोषण ना हो सके.
- रिपोर्ट के अनुसार 2000 सरोगेसी क्लीनिक हैं जो भारत में चल रहे हैं उनपर बैन लगेगा.
- एल्ट्रुस्टिक सरोगेसी (परोपकारी सरोगेसी) का प्रावधान बिल में है जिसमें अगर किसी जोड़े को बच्चे नहीं हो रहे हैं तो उनका कोई रिश्तेदार उनकी मदद कर सकता है.
- सिर्फ भारतीय नागरिक ही यहां सरोगेसी का इस्तेमाल कर सकेंगे. इसके पहले ऐसा कोई नियम नहीं था. यहां एनआरआई और विदेशी भी सरोगेसी का इस्तेमाल कर रहे थे.
- सिर्फ शादीशुदा जोड़ों को ही इसका फायदा मिलेगा. गे, सिंगल पेरेंट, लिव इन कपल इसका फायदा नहीं ले पाएंगे.
- जो कपल सरोगेसी का फायदा उठा रहा है उसका मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा.
- जिन जोड़ों के खुद के बच्चे हैं या फिर पहले से ही गोद लिया हुआ है उन्हें इसका फायदा नहीं मिलेगा.
- सरोगेसी क्लीनिक को 25 साल तक बच्चे का रिकॉर्ड रखना होगा.
अगर ये कानून बन जाता है तो...
किन्हें मिलेगा फायदा?
जिस कपल की कानूनी तौर शादी हुई हो और शादी के पांच साल बाद भी बच्चा नहीं हुआ हो. ऐसे कपल में पत्नी की उम्र 23 से 50 और पति की उम्र 26 से 55 साल की बीच होनी जरूरी है.
कौन बन सकेगी सरोगेट मदर?
वो महिला जो कपल की करीबी रिश्तेदार हो, वह एक ही बार सरोगेट मदर बन सकती है. सरोगेट मदर बनने वाली महिला का शादीशुदा और पहले से एक हेल्दी बच्चे की मां होना जरूरी होगा.
सजा क्या होगी?
सरोगेसी के नए नियम तोड़ने पर 10 साल तक कैद और 10 लाख रुपए तक का जुर्माना होगा. बच्चे को छोड़ना और कमर्शियल सरोगेसी गैर कानूनी माने गए हैं.
ये तो हुई नियमों की बात, लेकिन सच तो यही है कि सरोगेसी के नियम ना होने के कारण कई लोग इसका गलत फायदा भी उठा रहे हैं. अगर गोद लेने को लेकर ये नियम है तो सरोगेसी को लेकर भी कानून जल्दी बनना चाहिए. इसमें कोई शक नहीं कि करन जौहर ने कोई गलत काम किया या उन्हें पिता बनने का हक नहीं. यकीनन है और उनके लिए मैं खुश भी हूं, लेकिन इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि सरोगेसी पर नियम ना होने से गरीब महिलाओं का शोषण हो रहा है, सरोगेसी के लिए भारत में 2000 से ज्यादा क्लीनिक है तो क्या अब ये ट्रेंड से बढ़कर एक बिजनेस बनता जा रहा है. अगर ऐसा है तो हां सरोगेसी के लिए नियम बनने जरूरी हैं.
ट्विटर पर करन जौहर के लिए आए ऐसे रिएक्शन-
Surrogacy is misogynist; where women are just reduced to "uterus", making woman "I am pregnant, but it is not mine". #karanjohar
— DrLatha Isloor-Corry (@LathaIsloor) March 5, 2017
#KaranJohar...few years from now the children will be in a confused state whether to call Karan, Daddy or Mummy and finally fix on Dummy!!
— mana einstein (@ManaEinstein) March 5, 2017
We indians are mocking #KaranJohar for being a fatherOn the other handWe protest for equal rights for LGBT& Call ourselves progressive.
— Dhara (@Dhara_says) March 5, 2017
Am selfishly glad fr the human race as nw der wil b many more years of #Dharma films ???? @karanjohar this is the cutest #KaranJohar Production https://t.co/21gmyQQDVg
— Harshvardhan Rane (@harsha_actor) March 5, 2017
Now Even #KaranJohar is Father of 2 Children But When Will Our #BhaiGod..???
— Razzak SRK (@Razzak_SRK) March 4, 2017
So #KaranJohar and #Bollywood has found a way to get babies without #GettingMarried #surrogacy #ThisIsWeird
— Bhavin Mistry (@mistry_bhavin) March 5, 2017
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