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Updated: 21 जून, 2019 10:22 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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21 जून यानी साल का सबसे लंबा दिन अब अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के तौर पर मनाया जाता है. ये दिन सिर्फ हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अहम है और हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी इसे बहुत माना जाता है. ये अभी से नहीं बल्कि कई सालों से ऐसे ही पाकिस्तान का हिस्सा बना हुआ है. न सिर्फ पाकिस्तानी लोग योगा फॉलो करते हैं बल्कि पाकिस्तानी मीडिया भी इस बात पर नजर बनाए रखती है. तभी तो Dawn से लेकर ट्रिब्यून तक सभी ने International Yoga Day को कायदे से कवरेज दिया. पाकिस्तानी न्यूज चैनलों ने भी बाकायदा योगा पर खास रिपोर्ट भी बनाई. यही नहीं पाकिस्तानी सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से योगा के फायदों को लेकर बहुत सी बातें लिखी गईं.

योगा डे भारत में किस तरह से मनाया गया ये तो शायद आपने देख ही लिया होगा. #YogaForAll #InternationalYogaDay #Yoga जैसे कई हैशटैग सुबह से ही ट्विटर पर ट्रेंड करते रहे, लेकिन पाकिस्तान में भी योगा डे की रौनक कम नहीं रही. आलम ये था कि पाकिस्तानी वेबसाइट Dawn ने एक बेहद व्यंगात्मक आर्टिकल भी किया जिसमें बहुत ही बेहतरीन योगा की तस्वीरें सामने आईं. इस आर्टिकल की हेडलाइन थी 'Modi and mutts on mats for International Yoga Day' (मोदी और कुत्ते योगा डे के दिन चटाई पर.). हेडलाइन को छोड़कर बाकी सब कुछ ऐसा था जैसे भारत और मोदी की तारीफ की जा रही हो क्योंकि मोदी ने योगा को वर्ल्ड फेमस बना दिया. हां, इस आर्टिकल में ये लिखा था कि, 'मोदी और 30,000 अन्य भक्त सूर्य नमस्कार कर रहे थे.' अब ये नहीं पता कि पाकिस्तानी योगा को भी धर्म से कम जोड़ना बंद करेंगे.

पाकिस्तान, योगा, भारत, योग दिवसयोगा सिर्फ हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी काफी लोकप्रिय है.

खैर, अगर बात पाकिस्तान की हो रही है तो वहां की सरकार को कैसे भूला जा सकता है. पाकिस्तानी सरकार ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से योगा डे को लेकर ट्वीट किया और उसके साथ जो Emoji इस्तेमाल किया वो था भारत के तिरंगे के सामने योग की मुद्रा में बैठे इंसान का Emoji. जैसे ही इस गलती का अहसास हुआ वो ट्वीट डिलीट कर बदल दी गई.

पाकिस्तानी सरकार के ट्विटर अकाउंट पर क्या लिखा था ये देखा जा सकता है. ये तो थी ट्विटर की बात, लेकिन लाहौर से लेकर डेरा इस्माइल खान तक कई शहरों में योगा दिवस मनाया गया.

ये सिर्फ पुरुषों के लिए ही नहीं महिलाओं के लिए भी था. 'डेरा इस्माइल खान' जैसे इलाके में जहां आतंकवाद का प्रकोप झेला जा चुका है वहां भी महिलाएं योगा दिवस को इस तरह से मना रही थीं. BBC हिन्दी ने इसपर एक खास रिपोर्ट भी की.

हर जगह तारीफ ही नहीं कुछ जगह बचकानी बातें भी कर रहे हैं पाकिस्तानी-

हालांकि, योगा के फायदे जिसे पूरी दुनिया जानती है उसे लेकर पाकिस्तानियों के बीच बहस जरूर शुरू हो गई. कई पाकिस्तानियों ने ये दावा किया कि योगा जिसके बारे में रिगवेद से जानकारी मिली है वो भारत में नहीं बल्कि पाकिस्तान में जन्मा था. अब उन्हें कौन समझाए कि योगा जो सदियों पुराना है वो तब जन्मा था जब पाकिस्तान का कोई वजूद ही नहीं था. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगा को लेकर लोग जागरुक हो रहे हैं वहीं कुछ पाकिस्तानी ये मानते हैं कि इसके खतरे बहुत हैं और पाकिस्तान की सरकार को अपने हैंडल से इस तरह की ट्वीट नहीं करनी चाहिए थी जिसमें योगा के फायदे बताए गए हों.

ये सोचना समझना बहुत मुश्किल है कि कोई इतनी बचकानी बात भी कैसे कर सकता है. लेकिन भारत के कट्टर दुश्मन पाकिस्तान से अगर ऐसी बातें नहीं होंगी तो और कहां से होंगी. पाकिस्तान में योग नया नहीं है बल्कि 1980 के दशक से ही चला आ रहा है. NewYork times के एक आर्टिकल के मुताबिक प्रोफेसर Moiz Hussain जो मुंबई, जापान और कई जगह योगा सीख और सिखा कर आए थे वो पाकिस्तान के कराची में योगा की शुरुआत के लिए जाने जाते हैं.

अब जो योगा इतना पुराना है पाकिस्तान में वहां अभी भी इस तरह की बातें करना बचकाना ही होगा. खैर, कुछ एक पाकिस्तानियों को अगर छोड़ भी दिया जाए तो भी भारतीय मूल का योगा पाकिस्तान में अच्छा खासा प्रसिद्ध है. कई योगा टीचर तो इसे हिंदू मेडिटेशन नहीं बल्कि इस्लामिक दर्पण की तरह भी बताते हैं. यही नहीं सूर्य नमस्कार को सलात (इस्लामिक प्रार्थना) से जोड़ा जाता है. ऐसे में वो पाकिस्तानी जो धर्म और भारत के खिलाफ कट्टरता को लेकर योगा नहीं करते थे अब वो भी इससे जुड़ रहे हैं. कुल मिलाकर योगा भारत से शुरू होकर पूरी दुनिया में अपना जादू बिखेर रहा है.

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श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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