एक प्यार, तीन लड़कियों की मौत, और जीवन के अनगिनत सबक
प्यार में एक लड़की की हत्या कर दी. दूसरी लड़की ने सुसाइड कर लिया और तीसरी लड़की मरकर भी हमेशा के लिए अपने प्यार को पा गई...ये तीन अलग-अलग कहानियां सबक लेने के लिए काफी हैं.
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दो लोग प्यार करते हैं फिर शादी करते हैं. उनके बच्चे होते हैं और वे खुशी-खुशी जिंदगी जीते हैं. यह एक आदर्श प्रेम कहानी है मगर बीच-बीच में ऐसी घटनाएं सामने आती हैं कि प्यार पर से भरोसा उठने लगता है.
पहली कहानी-
एक कपल जिसने लव मैरिज की थी. जिनकी शादी को सालों बीत गए थे. जिनके बच्चे थे. जिन्हें देखकर लगता कि वे साथ में कितना खुश हैं. उन्हें देखकर फिल्मी लवस्टोरी की याद आ जाती. दोनों साथ में हंसते-खेलते फोटो शेयर करते. दोनों अपने बच्चों पर जान छिड़कते फिर एक दिन लड़की छलांग लगाकर अपनी जान दे देती है. लोग हैरान रह जाते हैं कि इतनी जिंदादिल महिला के साथ ऐसा क्या हुआ होगा कि उसने सुसाइड कर लिया. सुसाइड कोई एक पल की तकलीफ की वजह से तो नहीं करता है. जरूर वह लंबे समय से दर्द सह रही होगी. उसने अपने गम को अपनी मुस्कान के अंदर दफन कर लिया होगा, तभी तो किसी को उसकी तकलीफ का एहसास न हुआ होगा. प्यार की परिणति इतनी मायूस कर देने वाली भी होती है?
दूसरी कहानी-
श्रद्धा वॉकर और आफताब अमीन पूनावाला के बारे में लगभग हम सभी जानते हैं. दोनों की मुलाकात डेटिंग ऐप पर हुई. कहने को दोनों कपल थे मगर ऐसा लगता है कि प्यार सिर्फ श्रद्धा ने किया क्योंकि आफताब ने जो किया वह प्यार नहीं वहशीपना है. प्यार शांति और सुकून देता है, मगर आफताब ने तो श्रद्धा का जीना की हराम कर दिया था. वह श्रद्धा को मेंटली औऱ फिजिकली टॉर्चर कर रहा था. प्यार आजादी देता है मगर आफताब के प्यार में श्रद्धा का दम घुट रहा था. ऐसा दमघोटू रिश्ते को हम प्यार का नाम तो नहीं दे सकते.
श्रद्धा अपने प्यार में इतनी बावरी हो गई थी कि उसने आफताब के लिए अपना घर-बार सब छोड़ दिया. मां-बाप ने रिश्ते का विरोध किया तो उनका घर छोड़कर आफताब के साथ रहने लगी. उसे लग रहा होगा कि वह प्यार के लिए बगावत कर रही है. उसे क्या पता था कि वह अपने लिए खाई खोद रही थी.
जिस आफताब के लिए वह पूरी दुनिया से लड़ी उसी आफताब ने उसकी जिंदगी छीन ली. वह चाहता तो उसे छोड़ सकता था मगर वह उसे सबक सिखाना चाहता था. उसने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद भी उसका जी नहीं भरा तो श्रद्दा की लाश के करीब 35 टुकड़े कर दिए. श्रद्धा और आफताब की लवस्टोरी एक समय के बाद हेट स्टोरी बन गई और हमें सबक दे गई.
प्यार में जान देना सुना था जान लेना नहीं
तीसरी कहानी-
एक लड़की जो मरकर भी हमेशा के लिए प्यार को पा गई. असम में बिटुपन तमुली और प्रार्थना बोरा एक-दूसरे से प्यार करते थे. दोनों लंबे समय से रिलेशनशिप में थे और शादी करने वाले थे. दोनों के घरवालों को उनके रिश्ते के बारे में जानकारी थी. वे इस रिश्ते के लिए खुशी-खुशी तैयार थे. इसी बीच प्रार्थना बीमार पड़ गई. गुवाहाटी में उसका इलाज चला मगर वह बच न सकी. उसकी मौत ने बिटुपन को पूरी तरह तोड़ दिया. दोनों ने साथ में कितने सपने देखे थे जो अधूर रह गए थे मगर बिटुपन उसकी आखिरी ख्वाहिश पूरी करना चाहता था. इसलिए उसने मरी हुई प्रेमिका से शादी करने का फैसला किया. सभी की यही इच्छा था. इसके बाद मृत प्रेमिका को दुल्हन की तरह सजाया गया और प्रेमी ने सबके सामने उसकी मांग में सिंदूर भरा और माला पहनाई. उसने दूसरी माला को प्रेमिका के हाथ से छुआकर खुद भी पहन लिया. इस तरह दोनों की शादी हो गई. इसके बाद उसने जिंदगी भर दूसरी शादी न करने की कसम खाई. अब वह अपनी जिंदगी प्रार्थना की यादों के सहारे काटेगा. यह प्रेम है. जिसमें समपर्ण है, सम्मान है और त्याग है. इस तरह प्रार्थना मर कर भी हमेशा के लिए प्यार को पा गई. इस सच्ची कहानी को जानकर हमारे मन में यही आया है कि कितनी भाग्यशाली है प्रार्थना जिसे इतना प्यार करने वाला साथी मिला.
मरी हुई प्रेमिका की मांग में सिंदूर भरता प्रेमी
ऊपर की दोनों कहानियों को जानकर शायद हमें प्यार से नफरत हो जाए, मगर सच यह है कि इन कहानियों के किरदारों में प्यार था ही नहीं, गर होता तो हालात ऐसे न होते. प्यार में इंसान को लौटने की आजादी होनी चाहिए. लौटने का मतलब जान देने से नहीं है.
ये दोनों लड़कियां प्यार की तलाश करते-करते मर गईं, मगर उन्हें संतुष्टी न मिली. वहीं तीसरी प्रेम कहानी अपने आप में संपूर्ण है. अब फैसला हमारे हाथ में है कि हम किस प्यार को चुनते हैं वह जो हमें जिंदगी के मायने सिखा दे या वह जो हमसे हमारी जिंदगी ही छीन लें. प्यार में लोग जान दे सकते हैं, जो जान लेले वह प्यार कैसा?
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