नुसरत जहां 6 महीने से पति से अलग हैं और प्रेग्नेंट हैं, समाज को लेबर पेन क्यों हो रहा है?
टीएमसी सांसद और एक्टर नुसरत जहां के रिश्तों में चल रही उथलपुथल की खबरें इन दिनों बहुत चटकारे लेकर शेयर की जा रही हैं. सबकी कसौटी पर नुसरत ही हैं. सोशल मीडिया पर एक बड़ा धड़ा उन्हें गलत साबित करने पर आमादा है.
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नुसरत का राजनीति में होना उनसे मां बनने, शादी करने, लिव-इन में रहने या नहीं रहने का हक़ थोड़े छीन लेता है. हो सकता है जब उन्होंने शादी की रस्में निभाई हो तब वो निखिल के साथ प्यार में रही हों लेकिन बाद में रिश्ते इतने बिगड़ गए हों, किसी भी वजह से कि वो निखिल के साथ अपना नाम तक जोड़ना नहीं पसंद करती हों अब. तब भी क्या ग़लत हो गया. वो भी इंसान हैं, ये उनकी ज़िंदगी है. आप कौन होते हैं उनको गलियां देने वाले? ऐसा तो है नहीं कि वो आपसे ब्याह करके आपको धोखा दे आयी.
और हां ये हिंदू वोटर को लुभाने वाला लॉजिक तो दीजिए मत. ये हिंदू वोटर इतना मूर्ख क्यों हैं कि कोई भी सिंदूर लगा कर उनका वोट ले जाएगा. उनको दिमाग़ नहीं है कि वो अपने विकास, शिक्षा और बाक़ी की चीजों को ध्यान में रख कर वोट करें. क्यों वो नुसरत को सिंदूर लगाए देख कर वोट दे आए? ख़ैर.
जब खुद नुसरत कह रहीं हैं कि उनकी शादी तुर्की में हुई ऊपर से दो अलग समुदाय की शादी थी, जिसे भारत का क़ानून वैध शादी नहीं मानता, जब तक कि वो स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर न हुई हो, तो वो किस बात पर तलाक़ ले? साथ ही साथ आपकी सिम्पथी तुरंत निखिल जैन की तरफ़ हो गयी क्योंकि आपको लग रहा है कि नुसरत ने अपने मतलब के लिए निखिल जैन का इस्तेमाल किया?
नुसरत जहां का तलाक और उनका प्रेग्नेंट होना चर्चा में है जिसे लेकर तरह तरह की बातें हो रही हैं
आप ये क्यों नहीं सोच पा रहें हैं कि निखिल जैन हो सकता है नुसरत की पावर का फ़ायदा उठा रहें हों? सिर्फ़ इसलिए न कि निखिल मर्द हैं. यही सोच आपकी पिछले दिनों करण मेहरा और निशा के केस में भी दिखी थी. आपको निखिल के बयान पर तो यक़ीन है लेकिन नुसरत जो कह रहीं हैं उसे आप सुनना भी नहीं चाह रहें हैं. आपको बस एक औरत दिख रही है जिसको ट्रोल करके मज़ा आ रहा है. यही तो है पितृसत्तात्मक सोच. मैं यहां शेयर कर रही हूं नुसरत का पूरा स्टेटमेंट, जो उन्होंने मीडिया में जारी करते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की है-
1- चूंकि, तुर्की विवाह नियम के अनुसार विदेश में हुई थी, इसलिये यहां अमान्य है. इसके अलावा, चूंकि यह एक अंतर्धार्मिक विवाह था, इसलिए इसे भारत में विशेष विवाह अधिनियम के तहत मान्यता की आवश्यकता थी, जो नहीं हुआ. कानून के अनुसार, यह विवाह नहीं है, बल्कि एक रिश्ता या लिव-इन रिलेशनशिप है. ऐसे में तलाक का सवाल नहीं उठता. हमारा अलगाव बहुत पहले हो गया था, लेकिन मैंने इसके बारे में बात नहीं की क्योंकि मैं अपने निजी जीवन को अपने तक ही सीमित रखना चाहती थी. इस प्रकार, मीडिया या किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा 'अलगाव' के आधार पर मेरे फैसलों पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए जिससे मैं संबंधित नहीं हूं. मेरा कथित विवाह कानूनी, वैध और मान्य नहीं है; और इस प्रकार, कानून की नजर में विवाह बिल्कुल भी नहीं था.
2- मैं कहीं भी जाती हैं, फिर वो चाहे किसी काम की वजह से हो या आराम की वजह से, उसका किसी से लेनादेना नहीं होना चाहिए, खासतौर पर उससे जिससे मैं अलग हो चुकी हूं. मेरे सारे खर्चे हमेशा 'किसी' के दावों के विपरीत मेरे द्वारा वहन किए गए हैं.
3- मैं यह भी कहूंगी कि मैंने पहले दिन से ही अपनी बहन की शिक्षा और अपने परिवार की भलाई का खर्च वहन किया है, क्योंकि वे मेरी जिम्मेदारी हैं. मुझे किसी के क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने या रखने की आवश्यकता नहीं है, जिससे मैं अब संबंधित नहीं हूं. इस बात की पुष्टि साक्ष्यों से भी की जा सकती है.
4- जो 'अमीर' और 'मेरे द्वारा इस्तेमाल किया गया' होने का दावा करता है, वह मेरे बैंक खातों को अवैध रूप से और नाजायज तरीकों से देर रात छुपकर मेरे खाते से पैसे ले रहा है, यहां तक कि अलगाव के बाद भी. मैंने इसे पहले ही संबंधित बैंक को सूचित कर दिया है और जल्द ही एक पुलिस शिकायत दर्ज की जाएगी.
पूर्व में, उसके अनुरोध पर, मेरे सभी पारिवारिक खातों का विवरण उसे सौंप दिया गया था और मुझे या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य को इस बारे में पता भी नहीं चला. वह मेरी जानकारी और सहमति के बिना विभिन्न खातों से मेरे धन का गलत इस्तेमाल कर रहा था. मैं अभी भी इसे बैंक के साथ लड़ रही हूं और अगर जरूरत पड़ी तो इसका सबूत जारी करूंगी.
5- साथ ही, मेरे कपड़े, बैग और एक्सेसरीज सहित मेरा सामान अभी भी उनके पास है. मैं यह बताते हुए निराश हूं कि मेरे माता-पिता, दोस्तों और रिश्तेदारों द्वारा दिए गए सभी गहने, जिसमें मेरी अपनी गाढ़ी कमाई भी अवैध रूप से उनके पास हैं.
6- इस समाज में 'अमीर' होने से एक पुरुष को ये अधिकार नहीं मिल जाता कि वह खुद को पीड़ित बताने का ढोंगे करे और अकेली महिला को नीचा दिखाए. मैंने अपनी कड़ी मेहनत से अपनी पहचान बनाई है; इस प्रकार मैं किसी को भी अपनी पहचान के आधार पर लाइमलाइट बटोरने की अनुमति नहीं दूंगी.
7- मैं अपने निजी जीवन या किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में कभी नहीं बोलूंगी जिससे मैं संबंधित नहीं हूं. इसलिए, जो लोग खुद को 'सामान्य लोग' कहते हैं, उन्हें ऐसी बात पर तवज्जो नहीं देना चाहिए जो उनसे संबंधित न हो. मैं मीडिया से अनुरोध करूंगी कि गलत व्यक्ति से सवाल न करें, जो लंबे समय से मेरे जीवन का हिस्सा नहीं है. एक 'साधारण' व्यक्ति को, जैसा कि किसी ने दावा किया है, 'हीरो' में बदलना, मेरी छवि को खराब करने के लिए एकतरफा कहानियां देना ठीक नहीं है. मैं मीडिया के अपने दोस्तों से दिल से अनुरोध करूंगी कि ऐसे लोगों या परिस्थितियों को अनावश्यक लाभ न दें.
मैं निखिल को ग़लत नहीं बोल रही और न ही नुसरत को. दो लोग साथ आए रहने के लिए. नहीं वर्क किया तो रिश्ता टूट गया. लेकिन आप जब अलग होने के बाद, लड़की को स्लट-शेम करने लगते हैं, दिक़्क़त मुझे उस सोच से है. मेरी सारी लड़ाई इसी बात से है कि हर वक़्त लड़की ही ग़लत, धोखेबाज़ और चरित्रहीन क्यों होती है? और अब प्लीज़ शुरू मत हो जाइएगा कि लड़का भी सताया जाता है. सताए जाते होंगे लेकिन ज़रा आंकड़े मिलाइए फिर बात करेंगे.
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