मेले में सबके सामने लड़कियों को पकड़कर अश्लील हरकत, वे तो पूरे कपड़ों में गईं थीं, फिर?
लड़के लोगों के सामने ही लड़कियों से बदतमीजी कर रहे हैं, उनका यौन उत्पीड़न कर रहे हैं. वे शोर मचा रही हैं, चीख-चिल्लाकर लोगों से मदद मांग रही है, लेकिन वे अंधे और बहरों की तरह तमाशा देख रहे हैं.
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मेला देखने गई लड़कियों के साथ छेड़खानी (molestation) हुई है, वो भी भरे बाजार में सबके सामने. इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह घटना (sexual abuse) काफी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुई है. मामला मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले का है.
यह वीडियो शायद आपने भी देखा होगा. यह वीडियो वालपुर गांव के भगोरिया मेले का है. इस मेले में कुछ लड़कियों के चीखने चिल्लाने की आवाजें आ रही हैं. लड़कियां भागती-दौड़ती दिख रही हैं.
मेले में लड़कों की टोली गुजर रही है. इसे देख एक लड़की गाड़ी के पीछे छिपने की कोशिश कर रही है. लड़का आकर उसे दबोच लेता है. वह पूरी ताकत से खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही है, चिल्ला कर लोगों ने मदद मांग रही है, लेकिन वहां मौजूद लोग अंधे और बहरों की तरह तमाशा देख रहे हैं. जब लड़के उन लडिकियों को गिद्ध की तरह नोंच रहे हैं तो वहां मौजूद लोग मोबाइल से वीडियो शूट कर रहे हैं. बिना शूट किए सोशल मीडिया पर वायरल होना तो संभव ही नहीं है.
वीडियो देखिए और खुद आंकलन कीजिए
This video is from MP, India. tribal Women being sexually harassed & assaulted in full public view. This is horrifying. Such women are subjected to this daily, because they belong to the oppressed section of the society, Tribal. #TribalLivesMatterpic.twitter.com/vUein71imK
— Tribal Army (@TribalArmy) March 13, 2022
गलती किसकी है?
छेड़खानी होते देख, लोगों को लगा होगा कि हमारे घर की बेटी थोड़े ही है. हम क्यों जाएं किसी दूसरे के झमेले में पड़ने. लोग देख रहे हैं कि कैसे 3,4 लड़के एक लड़की के ऊपर टूट पड़ते हैं. उसके साथ सरेआम अश्लील हरकत (obscene act) करते हैं, लेकिन लोगों को अभी भी शुध नहीं पड़ती है. आखिरकार वे लड़के अपनी गंदी मंसूबे को पूरा करने के लिए उस लड़की को खींचते हुए लेकर चले जाते हैं. अब आप बताइए गलती किसकी है?
लड़कियों के दर्द को हम नहीं समझ सकते
कृपया कर यह मत कह देना कि लड़कियों को घर में रहना चाहिए और मेला देखने तो बिल्कुल नहीं जाना चाहिए. ये लड़कियां तो आदिवासी इलाके की हैं. इन्होंने तो छोटे कपड़े भी नहीं पहने हैं. इन्होंने तो पूरे बदन को ढकने वाले समीज और सलवार पहना हुआ है. इनके सिर पर पल्लू भी रखा हुआ है? फिर इन्हें इतनी तकलीफ क्यों हुई? तो क्या गलती सिर्फ उन लड़कों की है? एक लड़का दोषी होता, 2 लड़के दोषी होते लेकिन यहां तो सबके सब एक जैसे ही हैं. क्या वहां मौजूज लोगों की गलती नहीं है? कृपया इन लड़कियों को जाति-धर्म में मत बाटना, क्योंकि हर पीड़िता का दर्द एक ही है.
ऐसी घटना किसी भी प्रदेश के गांव या शहर में घट सकती हैं. आखिर किस प्रदेश की बेटियां खुद को सुरक्षित मानती हैं? दिल्ली हो, यूपी हो या फिर कोई भी प्रदेश...हर जगह की लड़कियों के मन में सुरक्षा को लेकर डर बैठा हुआ है. काश, तमाशा देखने की बजाय उन मनचलों को लोगों ने घेरा होता तो इस वीडियो की कहानी कुछ और होती. शायद कुछ लोगों का जमीर मर चुका है. वे सिर्फ मूकदर्शक बनकर दूसरों की तकलीफ में ताली बजा सकते हैं.
यह हरकत तालिबान से कम नहीं है
इस वीडियो को देखकर रह कांप जाती है, गुस्से से मन भर आता है. आखिर कब तक लड़कियों का यह हाल होता रहेगा. वे शोर मचा रही हैं, चीख रही हैं. लड़के लोगों के सामने ही लड़कियों से बदतमीजी कर रहे हैं, उनका यौन उत्पीड़न कर रहे हैं और लोग खामोशी से यह सब होता हुआ देख रहे हैं. जानकारी के अनुसार, पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है लेकिन इससे क्या फर्क पड़ जाएगा? उनके खिलाफ शिकाय होगी नहीं और हुई भी तो वे बेल पर छूट जाएंगे. वे फिर उस लड़की के सामने से गुजरेंगे, अब सोचिए उसके दिल पर क्या बीतेगी? ऐसे मामले तो रूकने वाले हैं नहीं. हर दिन कोई न कोई लड़की यौन उत्पीड़न का शिकार बन रही होती है.
लड़के लोगों के सामने ही लड़कियों का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं और लोग खामोशी से यह सब होता हुआ देख रहे हैं
हर साल होली के त्योहार से एक सप्ताह पहले यह मेला लगता है. जिसमें लोग, आदिवासी संस्कृति और उनके जीवन को करीब से देख सकते हैं. इसमें आदिवासी युवक और युवतियों को उनके परिधानों में सजे हुए देखा जा सकता है, लेकिन इस वीडियों में जो रूप दिख रहा है उसके बारे में आप क्या कहना चाहेंगे? वे लोग जो महिलाओं का आदर करते हैं, वे लोग जिनके घर में बेटियां हैं. वे सोशल मीडिया आग बबूला हो रहे हैं. आखिर महिलाओं के साथ यह सब होना कब रूकेगा?
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