साइकिल से अकेले शादी के लिए पहुंचे दूल्हे ने कई सबक दिये हैं
पहला दूल्हा शादी (Lockdown wedding) के लिए अकेले ही बिना बैंड बाजा बारात (barat) के साइकिल से गया. वहीं दूसरे ने शादी को यूनिक बनाने के लिए पूरी चार्टर्ड प्लेन (marriage in plane) बुक कर ली.
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कोरोना काल (coronavirus) में आज हम आपको दो दूल्हों (groom) की कहानी बता रहे हैं. पहला दूल्हा शादी (Lockdown wedding) के लिए अकेले ही बिना बैंड बाजा बारात (barat) के साइकिल से गया. वहीं दूसरे ने शादी को यूनिक बनाने के लिए पूरी चार्टर्ड प्लेन (couple marriage in plane) बुक कर ली. पहले दूल्हे ने 4-5 लोगों की मौजूदगी में ही सिंपल शादी की और दूसरे ने 131 रिश्तेदारों के बीच रस्में निभाई. पहला दूल्हा गरीब है दूसरा अमीर. अब फैसला आप खुद कीजिए कि कौन सही है और कौन गलत...और किस दूल्हे से लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए और किससे सबक.
एक साइकिल वाला दूसरा प्लेन वाला लेकिन सोच किसकी बड़ी...
चलिए पूरी बात आपको समझाते हैं कि कैसे लोगों को इन दोनों घटनाओं से सीखने की जरूरत है? दरअसल, कोरोना संक्रमण (vaccine) को देखते हुए शादियों और समारोहों में कम लोगों के शामिल होने की बात कही गई है. साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल के सभी नियमों का पालन करने के लिए भी कहा गया है. पहली शादी की कहानी, बिहार के भागलपुर के उचकागांव के गौतम कुमार की है जिसकी उम्र 24 साल है.
गौतम की शादी पिछले साल जनवरी में ही बांका जिले के भरतशिला गांव की कुमकुम कुमारी से तय हो गई थी. उसी दौर में कोरोना वायरस की खबर आई, लॉकडाउन लगा और शादी एक साल के लिए टाल दी गई. इस साल शादी होने वाली थी लेकिन लगन के समय फिर कोरोना की दूसरी लहर आ गई. लॉकडाउन लग गया और फिर शादी टल गई. घरवाले परेशान कि कैसे क्या करें. वहीं गौतम ने शादी करने का मन बना लिया. उसने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बातों पर अमल करते हुए खुद ही सेहरा पहना और अकेले ही साइकिल लेकर निकल पड़ा. उसने 24 किलोमीटर साइकिल चलाई और बांका जिले में दुल्हन के घर पहुंच गया.
दूल्हे के पहुंचने के बाद दुल्हन के परिजन ने पूरे रीति रिवाज के साथ दूल्हे का स्वागत किया. तुरंत पंडित और नाई बुलाया और उसी दिन शादी की सभी रस्में पूरी की गईं. यह एक ऐसी शादी थी जिसमें दोस्त, बैंड-बाजा और बारात शामिल नहीं हुई. गौतम और कुमकुम ने सिंपल तरीके से लेकिन पूरे विधि-विधान से सात फेरे लिए. वहीं दूल्हे ने अगली सुबह विदाई रस्म में अपनी दुल्हन को साइकिल पर ही बिठाकर घर ले आया. गौतम के इस कदम की हर तरफ तारीफ हो रही है, क्योंकि शादी भी हो गई और किसी को परेशानी भी नहीं हुई.
जब इस शादी की जानकारी शंभूगंज के प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रभात रंजन को हुई तो वे दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने पहुंचे और उन्हें इस सराहनीय कदम के लिए इनाम भी दिया. साथ ही कहा कि बांका जिला प्रशासन दुल्हन के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत इनाम की सिफारिश करेगा.
अब आपको दूसरे दूल्हे की कहानी बताते हैं जो तमिलनाडु के मदुरै की है. दूल्हे का नाम राकेश है. जिसने शादी को यादगार बनाने के लिए आसमान में शादी की योजना बनाई और फिर रिश्तेदारों की मौजूदगी में उड़ते विमान में दुल्हन को मंगलसूत्र पहनाया. राकेश और दीक्षा ने 23 मई को एक विमान की सभी टिकटें बुक कर लीं. इसके बाद दूल्हा-दुल्हन और उनके 131 करीबी उस विमान पर सवार हो गए.
थुथुकुडी के लिए विमान ने जैसे ही उड़ान भरी प्लेन में शादी की रस्में शुरू हो गईं. इनकी शादी की वायरल वीडियो देखकर लगा ही नहीं कि कोरोना काल चल रहा है. कई लोगों ने तो मास्क तक नहीं लगाया था और सभी लोग भीड़ में ऐसे खड़े दिख रहे हैं जैसे नॉर्मल शादी समारोह में होते हैं. वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इनकी किरकिरी हो रही है. अब कोई गरीब इंसान चार्टर्ड प्लेन किराए पर तो ले नहीं सकता.
दोनों ने शादी तो कर ली लेकिन जब यह मामला डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) तक पहुंचा तो उन्होंने एक्शन लेते हुए एयरलाइन के क्रू मेंबर्स को ऑफ रोस्टर कर दिया गया है. साथ ही DGCA ने एयरलाइन और एयरपोर्ट अथॉरिटी से रिपोर्ट भी मांगी है. संस्था ने का कहना है कि एयरलाइन को निर्देश दिया गया है कि कोविड नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाए. जिन बाराती ने मास्क नहीं लगाया है, उन पर भी कार्रवाई की जा सकती है.
किन लोगों को है सबक लेने की जरूरत
दोनों दूल्हे में यह भी अंतर है कि पहले की कोरोना संकट के कारण शादी टल रही थी. वहीं दूसरे ने शादी को यूनिक बनाने के लिए और रिश्तेदारों को बुलाने के लिए दोबारा शादी का प्लान बनाया और प्लेन की टिकट बुक की. वे लोग जो शादी-विवाह, मुंडन और तेरहवीं जैसे इवेंट पर लोगों की भीड़ बुलाकर सुपर स्प्रेडर की भूमिका निभा रहे हैं.
सरकार ने शादियों को रोकने और मेहमानों की संख्या सीमित करने जैसे सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन लोग कोविड प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं. ऐसे लोग जो सरकार के समारोह संबंधी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, वे लोग गांवों में फैली हुई महामारी के जिम्मेदार हैं. वे लोग जो अफवाहों पर यकीन करके कभी कलश यात्रा तो कभी गोबर स्नान समूह बनाकर कर रहे हैं. वे लोग जो कोरोना जैसी बीमारी को मानने से ही इंकार कर दे रहे हैं. उनका कहना है कोरोना कुछ नहीं है. बेटे या बेटी की शादी ऐसे कैसे 20 लोगों में होगी, ये हमारे शान के खिलाफ है.
शादियों में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं, तबीयत बिगड़ने पर जब जांच की जा रही है तो पता चल रहा है कि पूरा का पूरा गांव ही कोरोना की चपेट में हैं.जो लोग समझदार हैं वे लोग तो शादियों में जाने से बच रहे हैं. वहीं अभी भी कई लोग शादियों में कोरोना प्रोटोकॉल का बिल्कुल भी पालन नहीं कर रहे और इस वजह शुभ काम भी सुपर स्प्रेडर इवेंट बन जा रहे हैं. अब लोगों के लिए इतना इशारा काफी है कि उसे क्या करना है. तो आप क्या बनना चाहते हैं, समझदार या फिर...और चाहते क्या है इनाम या सजा? जवाब आपको खुद तय करना है.
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