एक ख़त उन लड़कियों के नाम जिनके हिस्से Rose Day पर गुलाब नहीं आए!
देखो ये जो अभी आज से शुरू हुआ है न 'वेलेंटाइन-वीक' (valentine day week 2021) उस पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत नहीं है. जिसके हिस्से में प्यार नहीं आया, उसे तो मायूस होने की जरूरत है ही नहीं.
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सुनो प्यारी लड़कियों,
हां तुम और तुम भी, हम जो भी यहां लिखने जा रहें उसमें नया कुछ भी नहीं कहने वाले हैं, मगर फिर भी जरुरी है कहना, क्योंकि कई बार हम जिन चीज़ों को जानते हैं, वक़्त आने पर भूल कर वही गलती दोबार कर बैठते हैं.
देखो ये जो अभी आज से शुरू हुआ है न 'वेलेंटाइन-वीक' (valentine day week 2021) उस पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत नहीं है और ये सोच कर तो कतई दुःखी होने की जरुरत नहीं है, 'हम ही सिंगल क्यों हैं या हमारा ही ब्रेक-अप (Break-up) क्यों हुआ या हमी को क्यों चीट किया गया?
तुम अपने लिए एक गुलाब क्यों नहीं खरीदती
जैसे साल के बाकी सप्ताह होते हैं यह हफ्ता भी वैसा ही है. मगर ये सोशल-मीडिया पर जो भसड़ मची है वो तुम्हें नॉर्मल रह कर सोचने नहीं देगी. वैसे भी अपने अधूरेपन का ये अहसास तब ज्यादा ही चुभने लगता है, जब दूसरे की सम्पूर्णता हमें दिखती है.
तुम्हारे टाइम-लाइन पर आज से ही गुलाब, चॉकलेट, टेड्डी और न जाने क्या-क्या अमका-दमका वाला पोस्ट दिखाना शुरू हो जाएगा. स्कूल से लेकर कॉलेज और ऑफिस जहां से भी गुज़रोगी इसी टॉपिक पर बातें सुनोगी.
लड़कियां या लड़के जिन्हें ये सब मिल रहा होगा, किसी ट्रॉफी की भांति चमका रहे होंगे. उसकी फोटो लेकर तुम्हारे टाइम-लाइन को रंग रहे होंगे. ये बताने की हर सम्भव कोशिश कर रहे होंगे कि वो कितने ब्लेस्ड हैं, कितने लकी हैं जो कोई उन्हें यूं प्यार कर रहा.
खैर, इसमें कुछ गलत भी नहीं है. आज ज़माना ही शो-ऑफ से चल रहा तो वे जो कर रहें वह कोई पाप नहीं है. शायद किसी को सच में दिल-ओ-जान से चाहने वाला कोई महबूब मिला हो. वो सच में ख़ुश हो तो उसकी ये ख़ुशियां आबाद रहे ये दुआ भी है.
ख़ैर, देखो उनके नसीब में ये खुशियां हैं तो वो उन्हें आज जी रहे हैं, कल को तुम्हें भी तुम्हारे हिस्से की खुशियां मिलेंगी. जितना तुम सोचती हो उस से भी कहीं ज़्यादा प्यार मिलेगा. जानती हो न ईश्वर हम सब को हर चीज़ बराबर बाटंते हैं. बस वक़्त अलग-अलग देते हैं, उन्हें जीने या महसूस करने के लिए.
ज़िन्दगी एक वृत्त सी है, इसमें हर चीज़ रिपीट होती है, चाहे ख़ुशी हो या दर्द. अब ये हम पर डिपेन्ड करता है कि हम अपने दुःख या अकेलेपन को कैसे हैंडल करते हैं. ये तो अपने हाथ में है या तो रो कर, कुढ़ कर ये दिन-महीने निकालो या वे-आउट ढूंढ लो.
और वैसे भी जब प्रॉब्लम का पता हो तो रास्ते आसान हो जाते हैं. देखो ये सिंगल होना, या दिल का टूट जाना कोई बड़ी बात नहीं है. सच कह रही हूं. जानती हो रियल प्रॉब्लम क्या है, किसी ग़लत शख़्स के साथ होना. खुशियां मनाओ कि तुम आज सिंगल हो किसी 'चपरगंजु' के साथ नहीं. अपने 'सिंगलहूड' को सेलिब्रेट करो. खुद से खुद के लिए, रोजेज, कार्ड, टेड्डी, चॉक्लेट सब ख़रीद कर लाओ. अपने सारे इमोशन्स को लिख डालो, अपने लिए ख़्वाब बुनो. सच में बहुत ही लिब्रेटिंग लगेगा, खुद से ख़ुद को स्पेशल फ़ील करवाओ.
जरुरी थोड़ी है कि कोई देखने वाला हो तभी सजोगी-संवरोगी. जो सबसे फ़ेवरेट ड्रेस है, वो ड्रेस निकालो और जो कभी नहीं ट्राय किया है वो ट्राय करो. जैसे, एक बार फ़्लैट स्लिपर को साइड कर के, पेंसिल हिल ट्राय कर लो. लाइट कलर वाली लिपग्लॉस को साइड में कर दो और वाइन-रेड लिपस्टिक लगा कर देखो.
पॉइन्ट यह है कि कुछ भी करो मगर उदास मत रहो. यह मत सोचो की मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ या मैं ही अकेली क्यों हूं! क्यों किसी और की वज़ह से अपनी ज़िन्दगी के दिनों को जाया करना. तुम बहुत अनमोल हो, ये जानती हो न. मीन-व्हाइल 'दिल धड़कने दो' का 'Girls Like To Swing' सुनो. बस झिलमिलाती रहो, मुस्कुराती रहो. बाक़ी की बातें अगली चिट्ठी में.
सेलिब्रेट यॉर्सेल्फ़ प्रिंसेस!!
विथ लॉट्स ऑफ़ लव <3
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