ये वीडियो दिखा रहा है, केरल के मंदिर में हुआ हादसा कितना भीषण था...
केरल के कोल्लम जिले के पुत्तिंगल मंदिर में हुए हादसे ने एक बार फिर दिखा दिया है लापरवाही का अंजाम क्या हो सकता है. ऐसा पहली बार नहीं है जब प्रथा के नाम पर ऐसे हादसे हुए हों. आप भी देखिए दिल दहला देने वाली दुर्घटना का ये वीडियो...
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केरल के कोल्लम जिले के पुत्तिंगल मंदिर में हुए हादसे ने एक बार फिर दिखा दिया है प्रशासनिक लापरवाही का अंजाम क्या हो सकता है. पुत्तिंगल मंदिर में उत्सव के दौरान पटाखों में आग लगने की वजह से ये भीषण हादसा हुआ. पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार आतिशबाजी के दौरान कुछ चिंगारियां उस जगह जाकर गिरीं जहां बड़ी मात्रा में पटाखे रखे हुए थे. आग सुबह करीब 3 बजे के करीब लगी. तब सैकड़ों लोग वहां मौजूद थे.
यह मंदिर कोल्लम से करीब 25 किलोमीटर दूर पारावुर में स्थित है. ऐसा पहली बार नहीं है जब प्रथा के नाम पर ऐसे हादसे हुए हों. पीएम नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को पचास 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है.
पीएम मोदी का ट्वीट
Fire at temple in Kollam is heart-rending & shocking beyond words. My thoughts are with families of the deceased & prayers with the injured.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 10, 2016
ऐसी खबरें आ रही हैं कि पुलिस ने मंदिर परिसर में आतिशबाजी की अनुमति नहीं दी थी. इसके बावजूद ऐसा क्यों हुआ, ये जांच का विषय है. जांच के आदेश दे दिए गए हैं. आप भी देखिए इस दिल दहला देने वाली दुर्घटना का ये वीडियो
WATCH: Moment when fire broke at Puttingal temple fire in Kollam (Kerala) due to fireworks display, 75 dead.https://t.co/xXtBnZkgWX
— ANI (@ANI_news) April 10, 2016
बता दें कि केरल के मंदिरों में एकदूसरे से ज्यादा पटाखे छोड़ने की होड़ रहती है. यही वजह है कि कोई आधिकारिक अनुमति नहीं लेता है. पहले भी ऐसी आतिशबाजी केरल के मंदिरों में होती रही है. देखिए यूट्यूब पर महीने भर पहले डाला गया ये वीडियो जो संभवत: पुत्तिंगल मंदिर का ही है....
साफ है कि प्रशासन इन बातों से अंजान नहीं होगा. इसलिए जिम्मेदारी तो स्थानीय प्रशासन की भी बनती है. केरल के मंदिरों में आतिशबाजी से लेकर उत्तर भारत के मंदिरों में होने वाली भगदड़ जैसी घटनाएं दिखाती हैं कि प्रशासनिक स्तर पर हमारा रवैया कितना लचर है. साथ ही इन दुर्घटनाओं को टाला जा सके, इसके लिए कितना कुछ किया जाना अभी बाकी है.
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