ड्राइवरलेस ट्रेन तो देखी होंगी, अब इंजन-लेस ट्रेन भी देखिए !
ओडिशा के तितलागढ़ रेलवे स्टेशन पर सवारियों से भरी अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस बिना इंजन के ही पटरी पर दौड़ने लगी. इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से एक बार फिर रेलवे की किरकिरी हो रही है.
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देश में हाई-स्पीड ट्रेन और बुलेट ट्रेन चलाने के प्रयास हो रहे हैं. ऐसे में कई मौकों पर ऐसी खबरें आती हैं जिससे ये लगता है कि क्या वाक़ई इस तरह कि अव्वल दर्जे की ट्रेन की हमें जरूरत है या इससे पहले हमें मौजूद व्यवस्था को सुधारना चाहिए. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि एक ऐसी खबर आई है, जिसने एक बार फिर भारतीय रेलवे की लापरवाही को उजागर किया है. बता दें कि ओडिशा के तितलागढ़ रेलवे स्टेशन पर सवारियों से भरी अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस बिना इंजन के ही पटरी पर दौड़ने लगी और जब केसिंगा स्टेशन से बिना इंजन की तेज रफ्तार यह ट्रेन निकली तो प्लेटफॉर्म पर मौजूद लोग हैरान रह गए और कुछ लोग चिल्ला-चिल्ला कर चैन पुलिंग का इशारा करने लगे तो वहीं ट्रेन में मौजूद लोग भी परेशान हो गए.
#WATCH Coaches of Ahmedabad-Puri express rolling down towards Kesinga side near Titlagarh because skid-brakes were not applied #Odisha (07.04.18) pic.twitter.com/bS5LEiNuUR
— ANI (@ANI) April 8, 2018
बताया जा रहा है कि इस ट्रेन ने बिना इंजन के लगभग दस किलोमीटर से ज्यादा का सफर किया. अच्छी बात यह रही कि उस दौरान उस ट्रैक पर कोई और ट्रेन नहीं थी. ऐसा इसलिए हुआ कि शनिवार देर रात अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस में इंजन को बदलकर दूसरे छोर पर जोड़ते वक़्त कर्मचारियों की चूक की वजह से डिब्बों का ब्रेक नहीं लगाया गया और ऐसे में डब्बे ढलान की ओर तेजी से आगे निकल गए. हालांकि, कुछ दूरी तय करने के बाद ऊंचाई होने के कारण ट्रेन की रफ्तार कम होने लगी और आखिरकार वह रुक गई, जिससे कि एक बड़ा हादसा होने से टल गया. इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से एक बार फिर रेलवे की किरकिरी हो रही है.
रेल हादसों से उबरने के लिए भारतीय रेलवे लगातार प्रयास कर रहा है और हाल के दिनों में उसे इस दिशा में कुछ सफलता भी मिली है. तभी तो 35 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है कि एक साल में सौ से कम दुर्घटनाएं हुई हों. बता दें कि साल 2017-18 में केवल 73 हादसे हुए जो एक रिकॉर्ड है. बावजूद इसके हाल फिलहाल कई अजीबो-गरीब घटनाएं हुई हैं जो रेलवे की छवि पर बट्टा लगाती हैं.
अप्रैल 2018: हटिया-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस को बगैर अनाउंसमेंट के गोमो स्टेशन से रवाना कर दिया गया जिससे की प्लेटफार्म पर अफरा-तफरी मच गई और लोग बड़ी मुश्किल से ट्रेन में चढ़ पाए और कुछ को तो इस दौरान चोटें भी आईं.
मार्च 2018: लॉग ऑपरेटर की लापरवाही के कारण सब्जी मंडी से नई दिल्ली जाने वाली पैसेंजर ट्रेन को पुरानी दिल्ली पहुंचा दिया गया. इस लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता था.
मार्च 2018: सोशल मीडिया में एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें दो ट्रेन एक ही ट्रैक पर काफी कम दूरी पर थीं. ये वीडियो सुरत-मुंबई रूट का था. लेकिन यहां किसी तरह के हादसे से पहले एक ट्रेन को रोका गया.
फ़रवरी 2018: मुंबई से मुजफ्फरपुर जा रही पवन एक्सप्रेस का इंजन बोगियों को छोड़ आगे बनारस की ओर अकेला रवाना हो गया. इसकी सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन द्वारा इंजन को रोका गया. नाराज यात्रियों ने हंगामा कर दिया. उनका कहना था कि यदि ट्रेन की रफ्तार ज्यादा होती तो कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था. बोगियों से इंजन के अलग होने का कारण कपलिंक के खराब हो जाने को बताया गया.
जनवरी 2018: एक ड्राइवर दिल्ली से बेहद करीब ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को रोकना ही भूल गया और अगले स्टेशन की ओर बढ़ गया. बताया गया कि ऐसा कोहरे कि वजह से हुआ.
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