Kareena kapoor के दोनों बच्चों में 4 साल का अंतर, जानिये आदर्श फासला क्या है
अब अगर एक महिला ने हाल ही में पहले बच्चे को जन्म (Baby Birth) दिया है तो यह बेहद जरूरी हो जाता है कि दूसरे बच्चे के लिए उसे आइडियल टाइम (Ideal age gap for second baby) लेना चाहिए. क्योंकि उसके शरीर (post delivery care) को भी दूसरे बच्चे के लिए तैयार होना पड़ता है.
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करीना कपूर के दोनों बच्चों के बीच 4 साल का अंतर है. बड़े बेटे तैमूर (Taimur ali khan) अपने छोटे भाई से 4 साल बड़े हैं. वहीं सैफ और करीना ने दूसरे बच्चे को लोगों से इंट्रोड्यूस करवाने के लिए एक बेहतरीन योजना बनाई है. वे छोटे बेटे को मीडिया के सामने नहीं लाएंगे बल्कि करीना खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए लाइव आकर अपने दूसरे बेटे को फैंस से मिलवाएंगी. कई लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि बच्चों के बीच कितने साल का अंतर परफेक्ट माना जाता है? (What is ideal age gap between babies?) कई बार तो जिस दिन पहला बच्चा होता है उसी दिन घर में दूसरे बच्चे की बात शुरु हो जाती है. वहीं कई बार ऐसा होता है कि महिला दोबारा प्रेग्नेंट हो जाती है जबकि उसने दूसरे बच्चे की प्लानिंग भी नहीं की होती.
अब अगर एक महिला ने हाल ही में पहले बच्चे को जन्म दिया है तो यह बेहद जरूरी हो जाता है कि दूसरे बच्चे के लिए उसे आइडियल टाइम लेना चाहिए. क्योंकि उसके शरीर को भी दूसरे बच्चे के लिए तैयार होना पड़ता है, लेकिन कितना गैप आइये जानते हैं.
करीना के बेटे तैमूर अली खान अपने छोटे भाई से 4 साल बड़े हैं
छह महीने के अंदर दोबारा प्रेग्नेंट होने पर क्या होता है
मान लीजिए कोई महिला 30 साल की उम्र में पहली बार मां बनती है तो दूसरे बच्चे के लिए उसके पास ज्यादा टाइम नहीं होता. वजह है बढ़ती उम्र और फर्टिलिटी की प्रॉब्लम. ऐसे में जब तक कोई महिला बच्चे के जन्म के बाद पोस्ट डिलीवरी से पूरी तरह उबर नहीं जाती उसे दूसरे बच्चे के बारे में नहीं सोचना चाहिए. जिन महिलाओं में आयरन और हीमोग्लोबिन की कमी हो उन्हें खासकर केयर करने की जरूरत होती है.
आयरन और हीमोग्लोबिन की कमी आजकल ज्यादातर महिलाओं में पाई जाती है. ऊपर से दोनों बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी. अगर कोई महिला 6 महीने के अंदर दोबारा प्रेग्नेंट हो जाती है तो प्रीमैच्योर डिलीवरी का डर बना रहता है. साथ ही जन्म के समय बच्चे का वजन भी कम हो सकता है. इस बात का खुलासा कई रिसर्च में किया जा चुका है.
एक से डेढ़ साल है गैप है जरूरी
जब एक महिला बच्चे को जन्म देती है तो उसके शरीर को रिकवर होने और एनर्जी पाने में एक से डेढ़ साल का समय तो लग ही जाता है. इसलिए दो प्रेग्नेंसी के बीच इतना अंतर तो होना ही चाहिए. वहीं जब बच्चों में गैप होगा तो वह दोनों बच्चों की परवरिश पर भी ध्यान दे पाएगी. अक्सर देखा जाता है कि लगभग एक उम्र के दो बच्चे होने पर दोनों को बराबर तवज्जो नहीं मिल पाती और एक बच्चा जरूर कमजोर हो जाता है. इसके अवाला एक साथ दो बच्चों पर होने वाले खर्च से से भी आप बच जाएंगे. भाई, बच्चों की देखभाल में पैसे भी तो लगते हैं.
जब दो बच्चों में 5-6 साल का अंतर हो
यह भी देखा जाता है कि जब पहले और दूसरे बच्चे के बीच ज्यादा अंतर होता है तो भी प्रॉब्लम होती है. मान लीजिए पहला बच्चा 6 साल बड़ा है तो उसका दूसरे बच्चे यानी उसके छोटे भाई या बहन से लगाव कम होगा. ऐसा देखा गया है कि दो बच्चों में एज गैप ज्यादा होने पर उनके बीच अटैचमेंट कम होता है. पहले बच्चे को ऐसा महसूस होता है कि घर में दूसरा बेबी आने पर सब उसे ही प्यार करेंगे. इसलिए वह दूसरे बच्चे को अपना नहीं पाता और नाराजगी जाहिर करता है. इसलिए कम से कम डेढ़ साल का गैप लेकर आपको दूसरे बच्चे की प्लानिंग करनी चाहिए. ताकि आपका और आपके बच्चे दोनों की हेल्थ अच्छी रहे और आप दोनों बच्चों की परवरिश भी आराम से कर पाएं.
क्या कहते हैं डॉक्टर्स
इस मामले में डॉक्टर्स का मानना है कि दो बच्चों में तीन साल का गैप होना अच्छा माना जाता है. वहीं कम से कम 18 महीने का गैप तो बेहद जरूरी है. भारतीय परिवेश में शादी के बाद मीडिल क्लास कपल पहले अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करते हैं फिर बेबी प्लानिंग करते हैं. बच्चों के लिए आर्थिक आजादी भी मायने रखती है. वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं शादी के बाद जल्दी फैमिली शुरू करने की सोचते हैं तो कुछ लोग पहले मैरिज लाइफ (Married Life) को एंजॉय करते हैं फिर बेबी के बारे में सोचते हैं.
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