यूं ही नहीं कोई सनी लियोनी बन जाती है!
पोर्नोग्राफी और कुछ नहीं बल्कि सेक्स को उत्पाद की तरह दिखाने का एक जरिया है. जिसमें कल्पना और आक्रामाकता की चाशनी में डुबोकर एक सामान्य से प्रोडक्ट की तरह बेचा जा रहा है.
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बीते दिनों सनी लियोन की एक फोटो ने सोशल मीडिया पर न सिर्फ धमाका मचा दिया बल्कि एक नए विवाद को भी जन्म दिया. कोच्ची की सड़कों पर सनी लियोन की एक झलक पाने के लिए उनके फैंस उनकी गाड़ी को घेरकर खड़े हो गए. फैंस की भीड़ देखकर सनी घबराई नहीं बल्कि उन्होंने ट्विटर पर खुशी जाहिर करते हुए फैंस के इस बेशुमार प्यार का शुक्रिया अदा किया. इस दौरान भीड़ पर गुस्सा होने के बजाय सनी ने न सिर्फ लोगों का अभिवादन किया बल्कि ‘फ्लाइंग किस’ देते हुए फैंस पर भरपूर प्यार भी लुटाया. दक्षिण भारत में लोग अपनी भाषा को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं. खासकर दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में भाषा को लेकर दीवानगी अपने चरम पर रहती है.
सनी ने सबको सन्न कर दिया है
सनी लियोनी का जन्म कनाडा के सारनिया शहर में हुआ था. सिख परिवार में पैदा हुई सनी का असली नाम करनजीत कौर वोहरा है. मलयालम भाषा से सनी लियोनी का दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है. यहां तक की उनकी हिंदी में अमेरिकी टच साफ दिखाई देता है. लेकिन उत्तर अमेरिका की करनजीत कौर वोहरा से पोर्न स्टार तक का उनका सफर और उसके बाद भारत के मनोरंजन इंडस्ट्री में बिग बॉस के जरिए उनकी खनकदार दस्तक ने उन्हें जाना-पहचाना नाम बना दिया. इसके बाद बॉलीवुड में उनका सफर और भुपेंद्र चौबे के साथ उनके इंटरव्यू के बाद अब केरल में उन्हें देखने के लिए लोगों का पागलपन. ये सब हमें किसी की सफलता के आयाम पता करने के लिए क्लासिक केस स्टडी का मुद्दा देते हैं.
भीड़ को देखकर सोशल मीडिया पर सनी की दीवानगी को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे थे, उन सवालों में एक सवाल अहम था ‘क्या सनी सेक्स में एक नई क्रांति लाई हैं, इसलिए लोग उनके इस हद तक दीवाने हैं’. मैं पश्चिमी लेखकों के इस विचार से सहमत नहीं हूं कि सनी सेक्स क्रांति की ‘आइकन’ हैं. मेरे विचार से उन लोगों ने भारत का कामसूत्र से जुड़ा हुआ इतिहास और इसका दर्शन नहीं पढ़ा. ये लोग पूरी तरह से अपने विचार पूरब बनाम पश्चिम और परम्परागत बनाम आधुनिकता के चश्मे से बनाते हैं. लेकिन एक बात जो ये लोग भूल जाते हैं वो ये कि भारत की संस्कृति, यहां के रहन-सहन और भावनात्मक आयामों में इतनी विविधता है कि इसे एक धरातल पर लाना नामुमकिन है.
Hi! Photography by the most amazing @tomas_moucka truely knows how to capture a moment in time. #kochi #fone4 pic.twitter.com/qtqOjqdK10
— Sunny Leone (@SunnyLeone) 17 August 2017
हमारी सभ्यता में तो रुढ़िवादी विचारधारा और आधुनिक सोच अपने विरोधों को भुलाकर एक साथ चलते हैं. ‘चार्वाक’तो याद ही होंगे जिन्होंने कर्मों और वेदों के अधिकार की धारणा को अस्वीकार कर दिया है? वात्स्यायन की संस्कृत में लिखी हुई कामसूत्र की किताब के बारे में कौन नहीं जानता. तीसरी सदी में लिखी हुई ये किताब पश्चिम के पोर्न जगत से कहीं आगे की बात कहती है.
अमेरिका के अधिकतर लेखक हर बात में अमेरिकी की जयकार करना नहीं भूलते. यही कारण है कि भारत में सनी लियोनी की लोकप्रियता और स्टारडम को भी वे लॉस एंजिलिस के पोर्न इंड्रस्टी से जोड़कर देखते हैं. सबसे पहले ये बात समझनी होगी कि पोनोग्राफी का मतलब सेक्स एजुकेशन नहीं होता. ये कोई आर्ट नहीं है जिसमें किसी तरह की रचनात्मकता की जरुरत होती है. साथ ही क्योंकि हमारे यहां सेंसर बोर्ड फिल्मों में अति उत्तेजना और भौंडे दृश्यों को दिखाने की इजाजत नहीं देता, इसलिए इसका ये मतलब कतई नहीं होता कि सनी को भारत में सेक्स क्रांति का जनक कह दें. ये बहुत ही हल्का विशलेषण होगा.
क्या उत्तर अमेरिका में पोर्न घरों में सीधा दिखाई जाती है. नहीं ना? क्या अमेरिका का समाज खुद विवाहेत्तर संबंधों के बारे में रुढ़िवादी रवैया नहीं रखता है? बिल्कुल रखता है.
पोर्नोग्राफी और कुछ नहीं बल्कि सेक्स को उत्पाद की तरह दिखाने का एक जरिया है. जिसमें कल्पना और आक्रामाकता की चाशनी में डुबोकर एक सामान्य से प्रोडक्ट की तरह बेचा जा रहा है. इसलिए ही ये मानना सही होगा कि सनी लियोनी भारत को सेक्स क्रांति लेकर न आई हैं न आ सकती हैं. हां इसका महत्व इसलिए जरुर है कि सनी लियोनी ने एक नायक के तौर पर बॉलीवुड को स्थापित कर लिया है.
ये वो महिला हैं जो पोर्न इंडस्ट्री में काम करने या एक पोर्न स्टार होने की अपनी पहचान छुपाने से न सिर्फ इंकार करती है बल्कि उसके लिए किसी तरह का कोई शर्म भी महसूस नहीं करती. पिछले साल एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था- 'यहां के लोग चीजों को जिस तरह से देखते हैं, मेरा नजरिया उससे बिल्कुल अलग है. जब भी मैं कोई फिल्म देखती हूं तो सेक्स सीन, अंतरंग सीन या किसी के करीब जाने के सीन सहज भाव से दिखाए जाते हैं. इसमें कुछ भी असामान्य नहीं होता. ये ऐसी चीज है जो हर रोज होती और हमारे आस-पास ही होती है.'
Drone shots from yesterday :) lol pic.twitter.com/HJpVnqthZ7
— Sunny Leone (@SunnyLeone) 18 August 2017
सनी को सनी बनाता है उनका आत्मविश्वास. सनी किसी तरह की स्क्रीप्ट फॉलो नहीं करती बल्कि अपनी कहानी वो खुद लिखती हैं. उन्होंने भूपेन्द्र चौबे के बेहुदा सवालों पूरी मजबूती से सामना किया. सनी ने उन्हें कहा- 'मैंने अपनी जिंदगी में जो कुछ भी किया है आज उसी वजह से मैं इस सीट पर पहुंची हूं. हर काम मेरी कामयाबी की सीढ़ी बना है और मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है.'
गीता में लिखे कर्म के सार और भाग्य की सच्चाई को सनी का ये बयान परिभाषित करता है.
वो मुझे एप्पल के संस्थापक दिवंगत स्टीव जॉब्स की याद दिलाती हैं. उन्होंने एक बार कहा था- बीते हुए कामों के बिंदुओं को जोड़ने के लिए आपको अपने इतिहास में ही झांकना होगा. भविष्य की ओर देखकर आप इतिहास के बिंदुओं को नहीं जोड़ा जा सकता. इसलिए आपको इस बात का भरोसा रखना होगा कि आपके किए काम भविष्य में फल जरुर देंगे. कुछ चीजों पर हमेशा करना ही होता है- 'चाहे वो आपकी अनुभूति हो, भाग्य, जीवन, कर्म या फिर कुछ और. इस दृष्टिकोण ने मुझे कभी निराश नहीं किया है और जीवन में हर बदलाव इसी वजह से आया है.'
2011 में बिग बॉस के बाद सनी लियोनी के परिवार ने उन्हें त्याग दिया था. उन्होंने भारतीय संस्कृति को बर्बाद करने जैसे आरोपों और राजनीतिक धमकियों का भी मजबूती से सामना किया. हर काम की तरह बॉलीवुड में भी हार की कोई जगह नहीं है. लियोनी की फिल्मों ने औसत व्यापार किया है.
लेकिन सनी लियोनी को इस चकाचौंध भरी दुनिया में उनके परफॉर्मेंस से जज नहीं किया जाता. वो बॉलीवुड पर ही निर्भर नहीं हैं. सनी ने सीमाओं से परे डिजीटल संवाद की दुनिया में अपना एक अलग मुकाम बनाया है. गहरी भूरी आंखों वाली सनी ने अपनी समझदारी से अपने आप को खड़ा किया है.
इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि केरल में सनी फैन्स ने उनके एक झलक पाने के लिए सारी हदें तोड़ दी. आखिर सनी ने भी तो अपनी सफलता के लिए सारी दुश्वारियों को पार किया है.
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