हंसी सबसे अच्छी दवा है फिर कॉमेडियन्स को डिप्रेशन क्यों?
ये बेहद आश्चर्य में डालने वाली बात है कि जब हंसी हर किसी को तनाव से दूर रखती है, तो फिर कॉमेडियन्स को डिप्रेशन क्यों हो जाता है. हाल ही में AIB के स्टैंडअप कॉमेडियन तन्मय भट्ट ने इंस्टाग्राम पर कुछ वीडियो पोस्ट किए जिसमें उन्होंने बताया कि वो डिप्रेशन से जूझ रहे हैं.
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हम अक्सर सुनते हैं कि Laughter is the best medicine. यानी हंसी सबसे अच्छी दवा है. हंसी-मजाक या कॉमेडी से हर किसी के तनाव दूर हो जाते हैं. हंसी और ठहाकों की हमारे जीवन में कितनी जरूरत है, ये वो लोग और भी बेहतर तरीके से बता सकते हैं जिनके फेवरेट कॉमेडी शो बंद हो गए. जैसे कपिल शर्मो शो बंद हो जाने के बाद लोगों ने अपने जीवन में खुलकर हंसने को मिस किया था. लेकिन हैरत तब होती है जब अपने जोक्स से लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने वाले कॉमेडियन्स तनाव में होते हैं.
ये बेहद आश्चर्य में डालने वाली बात है कि जब हंसी हर किसी को तनाव से दूर रखती है, तो फिर कॉमेडियन्स को डिप्रेशन क्यों हो जाता है. हाल ही में AIB के स्टैंडअप कॉमेडियन तन्मय भट्ट ने इंस्टाग्राम पर कुछ वीडियो पोस्ट किए जिसमें उन्होंने बताया कि वो डिप्रेशन से जूझ रहे हैं. हालांकि तन्मय पहले भी डिप्रेशन और जीवन से जुड़े तनावों के बारे में सोशल मीडिया पर बात करते आए हैं, लेकिन इसबार उनके वीडियो ज्यादा चर्चा में आ गए.
तन्मय भट्ट इन दिनों अवसाद से जूझ रहे हैं
वीडियो में तन्मय ने अपनी मानसिक स्थिति के बारे में बताया
''अक्टूबर में जो कुछ भी हुआ उसके बाद से मैं मानसिक रूप से परेशान हूं. मानसिक स्थिति की वजह से मैं सामाजिक, ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी चीज में हिस्सा नहीं ले पा रहा. डॉक्टर ने कहा है कि मैं क्लीनिकल डिप्रेशन से गुजर रहा हूं. मैं खुद को संभाल नहीं पा रहा. कभी कभी मुझे चिंता होने लगती है कि मेरी ये मानसिक स्थिति स्थायी है. और मैं अपनी क्षमता के हिसाब से पहले की तरह कभी लोगों के सामने नहीं आ सकूंगा. अच्छा लगता है कि लोग आज भी मेरे सपोर्ट में खड़े हैं. हालांकि कब वापस लौटूंगा और क्या करूंगा इसका जवाब आज भी मेरे पास नहीं है. मैं खुद को बुरी तरह से पैरेलाइज महसूस कर रहा हूं क्योंकि दिमाग को कहीं न कहीं मालूम है कि एक अवसादग्रस्त कॉमेडियन के साथ कोई काम नहीं करना चाहता.''
यहां ये बताना भी जरूरी है कि तन्मय के तनाव का कारण क्या है.असल में 2018 में आंधी की तरह आने वाले #Metoo मामलों में कॉमेडियन उत्सव पर भी आरोप लगे थे. लेकिन तन्मय भट्ट पर उत्सव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगा था. और इसी वजह से हाल ही में तन्मय को AIB कॉमेडी ग्रुप के CEO पद से हटा दिया गया था. AIB छोड़ने के बाद से तन्मय कहीं दिखाई नहीं दिए.
हालांकि तन्मय के इस वीडियो के खिलाफ कॉमेडियन अदिति मित्तल ने काफी कुछ लिख डाला. अदिति ने कहा कि तन्मय सोशल मीडिया पर डिप्रेशन की बात करके विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं.
Sisters out there wanting to be symbols and role models of depressed people not being depressed. Like what part of your life will you not sell for public consumption, again? Inn log ko jullab bhi hoga toh uksa Insta stories sponser ko bechenge.
— Jai Aryakuchnahikarta (@awryaditi) June 30, 2019
खैर ये अदिति की अपनी सोच है. उनके साथ-साथ बहुत सी महिलाओं ने तन्मय के तनाव पर फब्तियां कसीं. यानी उनकी मानसिक स्थिति को ढोंग कह दिया गया.
अपनी हंसी के पीछे आंसू छिपाते हैं कॉमेडियन
एक कॉमेडियन के डिप्रेशन में होने का ये पहला मामला नहीं है. कुछ समय पहले ही हमने कपिल शर्मा के जीवन का वो दौर भी देखा जब वो अपनी सबसे खराब स्थिति में थे. वो भी डिप्रेशन से गुजर रहे थे, कारण उनके शो का बंद हो जाना था, उनके दोस्तों को उनसे दूर हो जाना था. इसी वजह से उन्होंने अपने व्यक्तित्व के विपरीत काम करना शुरू कर दिया था. जैसे बहुत गुस्सा होना, बहुत शराब पीना, गाली गलौच करना. उनके पास काम भी नहीं था. इतना पॉपुलर सेलिब्रिटी उस वक्त सिर्फ आलोचनाएं झेल रहा था. लेकिन वो दौर भी गुजर गया और कपिल शर्मा डिप्रेशन से उबरे, दोबारा शो लेकर आए और घर भी बसा लिया.
कपिल भी डिप्रशन से गुजरे हैं
35 वर्षीय भारतीय-अमेरिकन कॉमेडियन अपर्णा ननचेरला भी कॉलेज के दिनों में एन्ज़ाइटी और डिप्रेशन की शिकार हुई थीं. लेकिन उन्होंने इसी मानसिक स्थिति से निपटने के लिए कॉमेडी को चुना. आज उनकी कॉमेडी में मानसिक स्वास्थ्य सबसे अहम होता है.
the news is beyond terrible right now but dont forget, despite all your care & concern, to make a little room for your own brain in all this so you can show up to fight another day
— Aparna Nancherla (@aparnapkin) June 26, 2018
ऐसे कई उदाहरण हैं. कॉमेडियन्स तनाव में रहते हैं. और कई तो कॉमेडी को चुनते ही इसलिए हैं कि तनाव से मुक्त रह सकें. 2014 में अमेरिका के मशहूर कॉमेडियन रॉबिन विलियम्स ने डिप्रेशन की वजह से आत्महत्या कर ली थी. रॉबिन्स को कॉमिक जीनियस कहा जाता था. वो तनाव की वजह से आत्महत्या करेंगे, कोई सोच नहीं सकता था.
कॉमेडियन रॉबिन विलियम्स ने डिप्रेशन के चलते आत्महत्या कर ली थी
जब आप कॉमेडियन्स को कॉमेडी करते देखते हैं तो आपको उनका हंसता चेहरा तो दिखाई देता है लेकिन आंखों में छिपी मायूसी नहीं दिखती. वैसे ही जैसे सर्कस में जोकर होता है. वो रो भी रहा होता है तो भी लोग उसे हंसता हुआ ही देखते हैं. परेशानी ये है कि आम लोग कॉमेडियन्स के तनाव और डिप्रेशन को सीरियसली नहीं लेते. जैसे कि अदिति मित्तल ने किया. और बहुतों को तो यही लगता है कि भला इतना हंसोड़ व्यक्ति कैसे परेशान रह सकता है.
कॉमेडियन और तनाव का भी एक रिश्ता है
ब्रिटिश जर्नल ऑफ साइकेट्री में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि हास्य कलाकारों या कॉमेडियन के पास आम व्यक्ति की तुलना में मनोवैज्ञानिक विशेषताएं या लक्षण काफी ज्यादा पाए जाते हैं. अध्ययन में पाया गया कि हंसाने के लिए आवश्यक विशेषताएं या लक्षण वही हैं सिज़ोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसॉर्डर वाले लोगों में पाए जाते हैं. इस रिसर्ज को निर्णायक नहीं कह सकते लेकिन इतना जरूर है कि माना यही जाता है कि ज्यादातर कॉमेडियन अवसाद से ग्रस्त रहते हैं.
एक शोध ये भी कहता है कि न सिर्फ कॉमेडियन बल्कि रचनात्मक लोगों में आमतौर पर बाइपोलर डिसॉर्डर ज्यादा पाया जाता है. लेकिन ये डेटा भी अनिर्णायक है.
तो कॉमेडी और मानसिक बीमारी के बीच संबंध तो है. हम ये तो कह सकते हैं कि कॉमेडियन में मानसिक बीमारियां ज्यादा देखी जाती हैं. लेकिन हम यह नहीं जानते कि क्यों. हालांकि तनाव की वजह कुछ और भी हो सकती हैं जैसे शराब या ड्रग्स का एडिक्शन, प्रसिद्धि में कमी आना वगैरह, एपीयरेंस आदि.
पता नहीं क्यों, इन कॉमेडियन्स के जीवन के सियाह पहलुओं को जानकर कैफी आज़मी के एक गीत की लाइनें याद आती हैं- 'तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो...क्या ग़म है जिसको छिपा रहे हो...'.
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