मच्छर क्यों कुछ लोगों को दूसरों से ज्यादा काटते हैं, ये है वैज्ञानिक कारण...
यह सच है कि कुछ लोगों को मच्छर दूसरों की तुलना में ज्यादा काटते हैं. अमेरिका की पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, मच्छरों का काटना व्यक्ति की जींस पर निर्भर करता है. हम आपको कुछ वैज्ञानिक कारण बता रहे हैं.
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आपको भी कभी-कभी लगता होगा, यार ये मच्छर मुझे ही ज्यादा क्यों काटते हैं. कई बार लोग भी आपको बोल देते होंगे तुझे ही क्यों काटते हैं मच्छर. अगर ऐसा है तो आपकी परेशानी हम समझ सकते हैं लेकिन यह कोई घबराने वाली बात नहीं है. असल में यह सच है कि कुछ लोगों को मच्छर दूसरों की तुलना में ज्यादा काटते हैं.
अमेरिका की पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, मच्छरों का काटना व्यक्ति की जींस पर निर्भर करता है. इसे इस तरह समझिए, अगर माता या पिता में से किसी एक को भी ज्यादा मच्छर काटते हैं तो आपके साथ भी ऐसा हो सकता है. वहीं भाई-बहनों के संबंध में भी यही बात होगी, क्योंकि खून के रिश्ते होने पर जींस तो मिलते ही हैं.
मच्छरों का काटना व्यक्ति की जींस पर निर्भर करता है
अब मानसून के इस मौसम में मच्छर सबसे ज्यादा लगते हैं. इसलिए हम आपको वैज्ञानिक कारण बताते हैं कि किन-किन वजहों से आपको मच्छर दूसरों की तुलना में ज्यादा काटते हैं और इनकी डंक से बचने का उपाय क्या है.
1- सुनने में आपको अजीब लग सकता है, लेकिन बीयर पीने की वजह से मच्छर ज्यादा काटते हैं. असल में बीयर पीने से शरीर में इथेनॉल की मात्रा बढ़ जाती है और इथेनॉल मच्छरों को बहुत ज्यादा आकर्षित करता है. आपके प्रति मच्छर जितना आकर्षित होंगे उतना ही काटेंगे.
2- एक रिसर्च के अनुसार, मच्छरों में देखने और रंग पहचानने की क्षमता होती है. मच्छर गहरे रंगों को आसानी से पहचान लेते हैं. जैसे लाल, नीला, जामुनी और काले रंग के कपड़े पहनने से मच्छर आपके पास ज्यादा आएंगे. वहीं सफेद और पीले रंग में मच्छर आपको कम काटेंगे.
3- जापान के शोधकर्ता यह साबित कर चुके हैं कि ओ ब्लड ग्रुप वालों को मच्छर ज्यादा काटते हैं. जबकि ए ब्लड ग्रुप के लोगों को मच्छर कम काटते हैं. मच्छरों के लिए ओ ब्लड ग्रुप के लोग किसी चुम्बक की तरह काम करते हैं. वहीं बी ब्लड ग्रुप वालों को मच्छर सामान्य रूप से काटते हैं.
4- शोध से पता चलता है कि हर इंसान के शरीर की गंध कैसी है, यह उसके डीएनए पर निर्भर करता है. अब गंध और मच्छरों का क्या रिश्ता है, इस बारे में शोधकर्ताओं का दावा है कि कुछ विशेष गंध मच्छरों को अपनी और ज्यादा तेजी से आकर्षित करती हैं.
इंसान की त्वचा में रहने वाले बैक्टीरिया से रिलीज होने वाले यूरिक एसिड, लैक्टिक एसिड और अमोनिया की खुशबू के कारण मच्छर ज्यादा मंडराते हैं. तेज तापमान की वजह से शरीर से जो पसीना निकलता है उसमें ये सभी तत्व मौजूद रहते हैं. यानी जो लोग शारीरिक रुप से ज्यादा मेहनत करते हैं और जिन्हें पसीना आता है उनकी ओर मच्छर आकर्षित होते हैं.
5- इंसान के शरीर से निकलने वाली कार्बन डाईऑक्साइड (CO2) की गंध भी मच्छरों को तेजी से आकर्षित करती हैं. मादा मच्छर अपने 'सेंसिंग ऑर्गेन्स' से इसकी गंध पहचान लेती है. सांस छोड़ते वक्त शरीर से निकलने वाली CO2 गैस के कारण कुछ लोगों को मच्छर ज्यादा काटते हैं. खास बात यह है कि मच्छर 150 फीट की दूरी से भी इसकी गंध को आसानी से पहचान सकते हैं.
6- गर्भवती महिलाओं को भी मच्छर ज्यादा काटते हैं. असल में गर्भवती महिलाएं अन्य महिलाओं की तुलना में ज्यादा गहरी सांसें लेती हैं. गर्भवती महिलाओं के शरीर का तापमान भी ज्यादा होता है.
7- जिन लोगों के शरीर में आइसोल्युसिन अधिक होता है, उन्हें भी मच्छर ज्यादा काटते हैं. मादा मच्छर को जिन्दा रहने के लिए आइसोल्युसिन की जरूरत होती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसानों को सिर्फ मादा मच्छर ही काटते हैं. वैज्ञानिक इसकी वजह उनकी प्रजनन प्रक्रिया को बताते हैं. वैज्ञानिका का मानना है कि मादा मच्छर इंसान के खून में मौजूद पोषक तत्वों को लेने के बाद ही अंडे देती है.
बचने का उपाय
अब आप अपना बल्ड ग्रुप तो बदल नहीं सकते, ना ही अपने शरीर की गंध और पसीना. इसलिए मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें. पंखे या कूलर के पास रहें और मच्छरदानी लगा कर सोएं.
इसके अलावा लहसुन की कुछ कली पीसकर पानी में उबाल लें और कमरें में चारों ओर छिड़कें. लहसुन की गंध तीखी होती है जो मच्छरों को घर में घुसने से रोकती है. इससे ना तो मच्छर आएंगे और ना ही काटेंगे. हालांकि इन वजहों के अलावा भी वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्यों मच्छर कुछ लोगों को ज्यादा काटते हैं.
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