प्राइस टैग के साथ ऑनलाइन बिक रहे हैं रिश्ते
एक वेबसाइट पर एक ऐसा विज्ञापन दिखाई दिया जिसने सबके होश उड़ा दिए. एक बहू ने अपनी सास की फोटो डालते हुए लिखा ‘Mother in Law in Good Condition’. एक नाराज बहू ने अपनी सास को ही बेचने का विज्ञान दे डाला.
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ऑनलाइन शॉपिंग के इस दौर में इंटरनेट पर चीजें बेचना और खरीदना इतना आसान हो गया है कि घर बैठे कुछ भी बेच दो और कुछ भी खरीद लो. पर फायदा डॉट कॉम नाम की एक वेबसाइट पर एक ऐसा विज्ञापन दिखाई दिया जिसने सबके होश उड़ा दिए. एक बहू ने अपनी सास की फोटो डालते हुए लिखा ‘Mother in Law in Good Condition’. एक नाराज बहू ने अपनी सास को ही बेचने का विज्ञापन दे डाला.
विवरण में क्या लिखा गया- इस विज्ञापन से साफ साफ जाहिर है कि इस रिश्ते में बहुत खटास थी. ये महिला अपनी सास से बेहद खफा थी, जो यहां लिखी बातों में साफ झलकता है. महिला ने लिखा-
''सास की उम्र 60 साल के करीब है, लेकिन कंडीशन फंक्शनल है, आवाज इतनी मीठी कि आसपास वालों की भी जान ले ले, खाने की शानदार आलोचक, आप कितना ही अच्छा खाना बना लें वो खामी निकाल ही देंगी, बेहतरीन सलाहकार भी हैं, वो हमेशा ये बताती हैं कि तुम इससे भी अच्छा कैसे कर सकती हो. कीमत- कुछ भी नहीं, बदले में चाहिए दिमाग को शांति देने वाली किताबें.''
सास को बेचने का ये विज्ञापन 10 मिनट बाद ही वेबसाइट द्वारा हटा लिया गया था. पर विज्ञापन देने वाली ये महिला कौन है इसकी जांच चल रही है.
ये विज्ञापन 10 मिनट बाद ही वेबसाइट द्वारा हटा लिया गया |
इससे पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले- इस तरह के विज्ञापन देने का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी एक महिला ने क्विकर के पेट्स सेगमेंट में अपने पति की फोटो डालकर लिखा था 'Useless husband for sale'. पति की कीमत मात्र 3500 लगाई थी. क्विकर पर ही एक पति ने अपनी पत्नी को 100 रुपए में बेचने का विज्ञापन डाला था.
पैट टाइप में लिखा गया-हसबैंड, कीमत-3500 |
विज्ञापन में लिखा- ये आदर्श पत्नी है, घर का काम बहुत अच्छे से करती है पर बहुत ज्यादा बोलती है, इसलिए इतने कम दामों में बेच रहा हूं |
रिश्ता चाहे सास बहू का हो या फिर पति पत्नी का, रिश्ते तब तक ही रिश्ते रहते हैं जब तक मर्यादा में हों. इस तरह के विज्ञापन देकर रिश्ते सिर्फ तमाशा बनकर रह जाते हैं. ये अगर मजाक था तो यकीनन बेहुदा था, और अगर ये नाराजगी थी, तो सोचिए किस कदर रही होगी. सहनशीलता या आजकल की भाषा में कहें तो 'सहिष्णुता' जो रिश्तों को चलाने के लिए सबसे जरूरी होती है, वही खोती जा रही है...और रिश्ते प्राइस टैग के साथ ऑनलाइन बिक रहे हैं. इंटरनेट, ऑनलाइन शॉपिंग जैसी सुविधाएं जीवन को आसान करने के लिए हैं, रिश्तों का मजाक बनाने के लिए नहीं.
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