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Updated: 22 मई, 2021 03:56 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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शादी (marriage side effect) हर लड़की का सपना होता है. जब से एक लड़की होश संभालाती है उसे बताया जाता है कि एक दिन उसकी भी शादी (wedding and women) कर दी जाएगी और वह दूसरे के घर चली जाएगी. दिन बीत जाता है और वह समय आ जाता है जब उसके लिए लड़का देखा जाता है. कई बार वह खुद ही अपना लाइफ पार्टनर (life partner) चुन लेती है. फिर शुरू होती हैं छोटी-छोटी रस्में. यह वक्त ऐसा होता है जब एक लड़की खुद को सबसे ज्यादा खास समझती है. असल में उसे खास महसूस भी करवाया जाता है.

marriage side effect, marriage challenges, challenges women face after weddingशादी के बाद लड़कियों में डिप्रेशन की वजह क्या है

अब बात करते हैं इससे परे असलियत (marriage reality) की, जिसे कई लड़कियां खुद से जोड़ सकती हैं. असल में शादी चाहें लव (love marriage) हो या अरेंज (arrange marriage), शादी के बाद हर लड़की को ससुराल के हिसाब से खुद को एडजस्ट (girl marriage challenges) करना पड़ता है. कई लड़कियां बहुत जल्दी ससुराल में घुलमिल जाती हैं तो कई को टाइम लगता है. चलिए कुछ ऐसी लड़कियों के बारे में आपको बता रहे हैं जिनके पोस्ट मैरिज का एक्सपीरियंस काफी बुरा रहा. किसी का भाग जाने का मन करता था तो कोई डिप्रेशन में चला गया था.

1- पहली कहानी रीना की है. वह कहती है कि मेरी शादी अरेंज (arrange marriage) थी. जो काफी खोजबीन के बाद तय हुई थी इसलिए मैं काफी खुशी थी. इंगेजमेंट के बाद तो जैसे मेरे पर लग गए. शॉपिंग के लिए सुबह घर से बाहर निकलती और शाम तक घर आती. एक बार मैं मेरे होने वाले पति से मिलने भी गई थी. उनका नेचर अच्छा लगा फिर मैं सपनों में खो गई. शादी मेरी मंजिल बन गई थी. हम रेगुलर फोन पर बात करते और भविष्य की प्लानिंग करते. एक दिन शादी हो गई और ऐसा लगा अब क्या करूं. मेरे पास अब क्या है करने के लिए. हनीमून (honeymoon) के बाद जब मैं ससुराल में आई तो मुझे सब पराए से लग रहे थे. तब मुझे घर की याद आती. मैं फ्री महसूस नहीं करती थी. कुछ बनाने से पहले भी संकोच करती, मानो मेरी आजादी छिन गई. मेरा मन करता कि मैं घर छोड़कर भाग जाऊं. मेरी हंसी सबसे तेज थी (post wedding depression) मुझे एक दिन लगा कि मैं हंसना ही भूल गई. ऐसा दो सालों तक होता रहा. अब धीरे-धीरे आदत पड़ गई, क्योंकि पति ने मुझे सपोर्ट किया.

2- लता का कहना है कि मेरी अचानक मंगनी और पट शादी हुई. उन तीन महीनों में सबने मुझे राजकुमारी जैसे आहसास करवाया. सारी चीजें मेरी पसंद की होती थीं. मैं सबकी प्रायोरिटी थी. मुझे कुछ काम भी नहीं करना पड़ता. मेरे खास दोस्त मेरा गैंग मेरे साथ था. शादी से पहले होने वाले पति से अच्छी दोस्ती हो गई थी. जब शादी हो गई तो लगा कि जैसे सब खत्म (challenges women face after wedding) हो गया. मेरा ना सजने सवरने का मन करना ना पति के साथ कहीं बाहर जाने का. ऐसा लगता सब बोरिंग है. मुझे मेरे गैंग की याद आती. शादी से पहले मैं पार्लर के चक्कर लगा रही थी. अब सब एक्साइटमेंट खत्म हो गया था. मुझे लगा मैं एक लड़की से शादीसुदा औरत बन गई. मैंने खुद पर ध्यान देना बंद कर दिया, मैं मोटी होती गई. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि शायद मैं शादी के लिए मेंटली तैयार नहीं थी. शादी के दिनों को तो मैं बस एंजॉय कर रही थी. शादी के बाद अब सभी काम की जिम्मेदारी मेरे सिर आ गई. मैं धीरे-धीरे उदास रहने लगी और डिप्रेशन में चली गई. मेरा कुछ करने का मन नहीं करता. मुझे अटेंशन नहीं मिल रही था. एक दिन मैं घर आ गई और 6 महीने तक घर पर रही. मां ने समझाया फिर मैनें मेरी शादी के साथ-साथ मेरी हॉबी पर काम किया, अब सब ठीक है.

3- गरिमा का कहना है कि हमारी लव मैरिज (love marriage) हुई थी. जब से हम सीरियस रिलेशन में आए तब से हम अपने शादी के सपने देखते. हमारी शादी सबसे खास हो, इसके लिए हम दोनों ने साथ में सभी तैयारियां की. फोटो शूट, वेडिंग डेस्टिनेशन और डेकोरेशन सब पर हम दोनों ने साथ में काम किया. शादी के बाद मुझे लगा मेरे पति का प्यार मेरे लिए कम हो गया है. वह एक महीने की छुट्टी के बाद ऑफिस जाने लगे. घर आने के बाद फैमिली के साथ बिजी रहते. रोज का एक ही रूटीन हो गया था. वहीं संडे दोस्तों के साथ उनका प्लान होता. ऐसे में मुझे मेरे पति से ही चिढ़ (wife jealous of husband) होने लगी. मुझे लगा कि ऐसा है तो शादी क्यों की. इससे अच्छा तो शादी से पहले था क्योंकि उनका पूरा फोकस मेरे पर था. ये खुद तो फैमिली के साथ हैं और मैं अकेले. मुझे उनसे बात करने का भी मन नहीं करता. हमारी लड़ाई होती और मैं रोते रहती थी. टाइम लगा लेकिन मैं साइकोलॉजिस्ट की मदद से समझ गई कि जिंदगी क्या है.

जरूरी नहीं कि शादी के बाद अगर कोई लड़की परेशान है तो गलती ससुराल वालों में है. आप खुद सोचिए जो इतने साल अपने घर रहने के बाद ससुराल जाएगी, उसे वहां एडजस्ट होने में समय तो लगेगा. वहां के लोगों को अपनाने में, उनको अपना मानने में उसे वक्त लग सकता है. ऐसे में ससुराल के लोगों को चाहिए कि जब नई बहू का स्वागत करें तो उसे यह अहसास करवाएं कि यह उसका ही घर (changes in girl after marriage) है. नए घर को अपना मानने में किसी को भी थोड़ी मुश्किल (problem after marriage) तो आती है.

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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