World Population Day: राम चरण और उपासना से 'बच्चा कब होगा' पूछने वाले, सद्गुरु के जवाब से संतुष्ट होगें!
साउथ स्टार राम चरण की पत्नी उपासना पहले ही यह बात साफ कर चुकी हैं कि उनके कुछ लक्ष्य हैं. वे मां नहीं बनना चाहती हैं और उन्हें अपने फैसले पर शर्मिंदगी नहीं है...
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साउथ सुपरस्टार राम चरण तेजा (Ram Charan Teja) और उनकी पत्नी उपासना कामिनेनी कोनिडेला (Upasana Kamineni) को बच्चे ना करने की वजह से कई लोग टारगेट करते हैं. लोग अक्सर उनसे पूछते हैं कि शादी के 10 सालों बाद भी उनकी कोई संतान क्यों नहीं है? उनके पास दौलत है, शोहरत है फिर भी वे अपने बच्चे को जन्म क्यूं नहीं देना चाहते?
शायद इन लोगों के लिए इतना जानना काफी नहीं है कि बच्चा न पैदा करने का फैसला पति-पत्नी दोनों का है. यह उनकी जिंदगी है, जिस पर उनका अधिकार है.
राम चरण और उपासना की शादी साल 2012 में हुई थी
उपासना और राम चरण ने अपने इस फैसले के बारे में किसी से कुछ छिपाया भी नहीं है. उपासना पहले ही यह बात साफ कर चुकी हैं कि उनके कुछ लक्ष्य हैं. वे मां नहीं बनना चाहती हैं और उन्हें अपने फैसले पर शर्मिंदगी नहीं है. वहीं राम चरण ने भी पिछले साल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि, "मेगास्टार चिरंजीवी के बेटे के रूप में मेरे पास फैंस को खुश रखने की एक जिम्मेदारी है. अगर मैं परिवार शुरू करता हूं तो मैं अपने मिशन से भटक सकता हूं. इसलिए फिलहाल हमने बच्चे ना करने का फैसला लिया है." इसके बाद भी कुछ लोग उनसे बच्चे से संबंधित सवाल पूछना नहीं छोड़ते हैं. तभी तो उनकी सोशल मीडिया पोस्ट पर भी बच्चे से जुड़े सवालों की भरमार रहती है.
राम चरण और उपासना कामिनेनी से सवाल पूछने वाले लोगों को आध्यात्मिक गुरु सदगुरु ने दिया जवाब-
उपासना ने एक सम्मेलन में सद्गुरु जग्गी वासुदेव से कहा कि "मेरी शादी को 10 साल हो गए हैं. मैं अपनी जिंदगी और परिवार से बहुत प्यार करती हूं और खुश हूं. हालांकि मैं समाज के दबाव में आकर बच्चे पैदा नहीं करना चाहती हूं. मैं पॉप्युलेशन को कंट्रोल करना चाहती हूं. कुछ लोग हमसे बार-बार बच्चे के बारे में सवाल पूछते हैं. मेरी जैसी ऐसा कई महिलाएं हैं जो इस सवाल से परेशान हैं."
उपासना की बात सुनकर सदगुरु ने कहा कि, ' आप सबसे बड़ी सेवा कर रही हैं. अगर आप बाघिन होतीं तो मैं आपको प्रजनन करने के लिए कहता, क्योंकि यह प्रजाति अब लुप्त हो रही है. जबकि मनुष्य अभी बड़ी संख्या में हैं. आने वाले 30-35 सालों में हमारी संख्या 10 अरब के करीब हो जाएगी. इंसान अपने कार्बन फुटप्रिंट के बारे में चिंता करता है, लेकिन अगर मनुष्यों के पदचिह्न कम हो जाते तो ग्लोबल वार्मिंग के बारे में भी चिंता करने की जरूरत नहीं होती. तो अगर तुम बच्चा पैदा नहीं करती हो तो मैं तुम्हें ईनाम दूंगा. इसपर उपासना ने कहा कि आपको मेरी मां और सास से मिलना चाहिए, उन्हें कौन समझाए? इस पर सदगुरु ने कहा कि मैं ऐसी कई माओं से मिल चुका हूं जो बच्चे की चाहत के लिए बेटी-बहू पर दबाव बनाती हैं. उनसे से भी मिल लूंगा.
तो क्या अब लोग सवाल पूछना छोड़ देंगे?
जो लोग अपनी संतान, अपना खून और वारिस में यकीन रखते हैं हम उन्हें गलत नहीं कह रहे हैं. ना ही बच्चे की चाह में मन्नत मांगना और अस्पताल के चक्कर लगना गलत है. लेकिन संतान पैदा करने के लिए किसी महिला पर दबाव बनाना गलत है. बार-बार बच्चा कब होगा पूछना गलता है. किसी की संतान न होने पर उन्हें जज करना गलत है. किसे बच्चे पैदा करना है और किसे नहीं यह फैसला पति-पत्नी पर ही छोड़ देना चाहिए.
किसी का बच्चा नहीं है इसका मतलब यह नहीं है कि वह सुखी नहीं है या फिर उसकी जिंदगी अधूरी है. लोगों को समझना होगा कि बच्चा पैदा करना कोई टास्क नहीं है जिसे पूरा करना जरूरी है. लोगों को समझना होगा कि सभी को अपना खून अपना चिराग नहीं चाहिए होता है... कुछ लोग बच्चों को गोद भी लेते हैं तो कुछ लोग अपनी जिंदगी दूसरों के लिए जीना चाहते हैं. वैसे क्या लगता है कि आध्यात्मिक गुरु सदगुरु की बातें सुनकर लोग संतुष्ट हो जाएंगे. क्या वे उस कपल से सवाल पूछना छोड़ देंगे जो बच्चे को जन्म देना नहीं चाहते?
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