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Updated: 29 जनवरी, 2016 07:07 PM
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जीका वायरस पूरी दुनिया में खौफ बनकर उभर रहा है. इससे होने वाले प्रभाव इतने घातक हैं कि कई देशों ने दो साल तक के लिए महिलाओं को गर्भवती न होने की सलाह दी है. इतना ही नहीं इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देश ब्राजील में 6 महीने बाद ही ओलंपिक खेल शुरू होने जा रहे हैं. लिहाजा ब्राजील की मुशकिलें कई गुना बढ़ गई हैं.

ब्राजील के सामने कड़ी चुनौती 

ये वायरस अब तक कैरेबियाई, उत्तर व दक्षिणी अमेरिका के 21 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है और इसका सबसे ज्यादा असर ब्राजील में है. यहां दो साल में इस वायरस से 50 लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले साल वहां करीब ढाई हजार लोग इस वायरस की गिरफ्त में थे. ब्राजील में 28 में से 21 राज्य जीका वायरस की चपेट में हैं और 6 राज्यों में हेल्थ इमरजेंसी का एलान किया गया है. ब्राजील इस बार ऑलंपिक खेलों की मेजबानी कर रहा है. खेल 5-21 अगस्त 2016 तक चलेंगे, जिसमें दुनियाभर के देश हिस्सा लेने आएंगे. ऐसे में जीका वायरस की रोकथाम के लिए ब्राजील युद्ध स्तर पर कोशिशें कर रहा है. घर-घर जाकर मच्छर पैदा होने वाली जगहों पर दवाई डालने का काम सेना को दिया गया है. हालांकि जानकारों का कहना है कि अगस्त तक मौसम में बदलाव हो जाएगा जिससे मच्छर नहीं पनपेंगे लेकिन फिर भी रियो 2016 खेलों की आयोजन कमेटी और ब्राजीलियन सरकार मिलकर काम कर रही है. 

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ब्राजील में रुके हुए पानी की सफाई का काम जारी है. रियो 2016 खेलों की आयोजन कमेटी का कहना है कि खेल शुरू होने तक कहीं भी रुका हुआ पानी नहीं होगा

गर्भवती महिलाओं की मुशकिलें बढ़ीं

अगर कोई गर्भवती महिला जीका वायरस से संक्रमित होती है तो होने वाले बच्चे में माइक्रोसिफेली नाम की बीमारी का खतरा बन जाता है. इससे मस्तिष्क का विकास रुक जाता है और बच्चे का सिर छोटा रह जाता है. जीका के संक्रमण से बचने के लिए कई अफ्रीकी व अमरीकी देश महिलाओं से गर्भधारण को टालने या उससे बचने की सलाह दे रहे हैं. अल साल्वाडोर और कोलम्बिया ने कुछ समय के लिए बच्चे न पैदा करने को कहा है. सरकार चाहती है कि 2018 तक अपनी प्रेगनेंसी टाल दें. लेकिन सरकार की इस सलाह ने एक बहस को जन्म दे दिया है. कई महिला संगठन सरकार की इस सलाह का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि लैटिन अमेरिका में 50 प्रतिशत से ज्यादा प्रेगनेंसी प्लान नहीं होतीं, ऐसे में इस तरह की सलाह देने का कोई औचित्य नहीं है.

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                  जीका वायरस से प्रभावित बच्चों का दिमाग विकसित नहीं हो पाता और सिर का आकार छोटा रह जाता है

इंटरनेश्नल प्लान्ड पेरेंटहुड फेडरेशन की रीजनल डायरेक्टर कारमेन बारोसो का कहना है कि 'सरकारें जिस तरह से इस वायरस पर काम कर रही हैं वो मूर्खतापूर्ण है, बहुत अवास्तविक है और महिलाओं के प्रति बेहद असंवेदनशील है. सरकार की सलाह मानने के बाद भी महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं. तब सरकार क्या करेंगी'.

इस फैसले से वो महिलाएं बेहद मायूस हो गई हैं, जो स्वास्थ्य समस्याओं के चलते मां बनने के लिए इलाज करवा रही हैं और वो भी जो उम्र के ऐसे पड़ाव में हैं जहां मां बनने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती है. इतना ही नहीं उन देशों की महिलाओं के सामने बड़ी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है जहां गर्भपात और गर्भनिरोधक लेना गैर कानूनी है. अगर वो किसी तरह जीका वायरस से संक्रमित होती हैं तो वह चाहकर भी गर्भपात नहीं करवा पाएंगी. अल सल्वाडोर में भी गर्भपात गैरकानूनी है, लिहाजा महिलाएं असुरक्षित गर्भपात करवाएंगी और अपनी जान जोखिम में डालेंगी. 

लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि जीका वायरस की वजह से शायद सरकारें गर्भपात के कानून में बदलाव लाएं.

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