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Updated: 31 मार्च, 2016 04:57 PM
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टीम इंडिया एक बार फिर वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में है और क्रिकेट को धर्म की तरह मानने वाले प्रशंसकों का जोश सातवें आसमान पर. लेकिन मन में एक अनजाना डर भी है कि कहीं कोई ऊंच-नीच न हो जाए. वैसे भी खेल क्रिकेट का है. जब तक आखिरी गेंद न फेंकी जाए..कुछ कह नहीं सकते. लेकिन इसके बावजूद आप इसे वेस्टइंडीज टीम की मौजूदा स्थिति कह लीजिए या फिर कागजों पर बेहतर फॉर्म में नजर आ रही टीम इंडिया...पलड़ा तो मेजबान का ही भारी है.

वैसे, दोनों टीमों के बीच अब तक केवल चार टी-20 मैच खेले गए हैं. इसमें दो में टीम इंडिया जबकि दो बार कैरेबियाई टीम जीत हासिल करने में सफल रही है. हालांकि वर्ल्ड कप में दोनों टीमें तीन बार आमने-सामने रही हैं. जिसमें दो बार जीत वेस्टइंडीज की हुई. भारत केवल एक मैच जीत सका है.

क्यों सेमीफाइनल मुकाबले में बाजी मार सकती है धोनी की सेना...

1. गेल का जवाब अश्विन के पास: बेशक, वेस्टइंडीज के पास क्रिस गेल जैसा विस्फोटक बल्लेबाज है. वे इस टूर्नामेंट में अब तक लय में नजर भी आए हैं. वानखेड़े पर तो कुछ दिन पहले उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 48 गेंदों में 100 रनों की नाबाद पारी खेली थी. लेकिन इन सबके बावजूद सेमीफाइनल में गेल के लिए अश्विन बड़ी चुनौती होंगे. IPL सहित सभी टी20 मैचों को मिलाकर गेल और अश्विन नौ बार आमने-सामने आए हैं. इसमें अश्विन चार बार गेल को पवेलियन का रास्ता दिखाने में सफल रहे हैं.

दिलचस्प बात ये भी कि अश्विन ने अब तक कुल 70 बॉल गेल के खिलाफ डाली है और केवल 57 रन दिए हैं. इन 70 गेंदों में भी 51 गेंद अश्विन ने पावरप्ले में गेल के खिलाफ डाली है. दुनिया के हर गेंदबाज की धुनाई कर चुके गेल अश्विन के खिलाफ अब तक केवल तीन छक्के और तीन चौके ही जड़ सके हैं. जाहिर हैं आंकड़े बता रहे हैं कि अश्विन के सामने गेल अब तक कमतर ही साबित हुए हैं.

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 गेल होंगे फेल!

2. वेस्टइंडीज के खेल की गारंटी नहीं: कैरेबियाई टीम 2012 में वर्ल्ड कप अपने नाम करने में कामयाब रही थी. लेकिन इस टीम के साथ सबसे बड़ी समस्या है कि इनके प्रदर्शन को लेकर आप कोई गारंटी नहीं दे सकते. ये वही टीम है जो 183 रनों के विशाल लक्ष्य को भी बौना साबित कर देती है तो फिर अफगानिस्तान जैसी कमजोर टीम के खिलाफ छह विकेट से उसे हार का भी सामना करना पड़ता है. गेल पर हद से ज्यादा निर्भरता वेस्टइंडीज के लिए सिरदर्द ही है.

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3. कोहली का जबर्रदस्त फॉर्म: पिछले कुछ समय से कोहली जिस फॉर्म में हैं, उसे देखते हुए नहीं लगता कि फिलहाल उन्हें कोई रोक सकता है. खासकर, रन चेज के दौरान तो वह सबसे खतरनाक लय में होते हैं. आज वे दुनिया के सबसे अच्छे रन चेजर हैं. रन चेज करते हुए उनकी औसत 91.8 की है जबकि दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के माइकल हसी हैं जिनकी औसत 52.6 की है. ये अंतर ही बता देता है कि अगर टीम इंडिया वेस्टइंडीज के खिलाफ लक्ष्य का पीछा करने उतरती है तो कैरेबियाई खिलाड़ियों को कोहली से पार पाना होगा. कोहली इस वर्ल्ड कप में अब तक दो बार नॉट आउट रहते हुए कुल चार पारियों में 92 की औसत से 184 रन बना चुके हैं.

4. आशीष नेहरा और जसप्रीत बुमरा की जुगलबंदी: गेंदबाजी हमेशा से टीम इंडिया की कमजोरी रही है. खासकर, टी-20 फॉर्मेट में जब डेथ ओवर सबसे अहम होते हैं, टीम इंडिया अक्सर लाचार नजर आती है. लेकिन इस वर्ल्ड कप में तस्वीर बदली हुई नजर आ रही है. आशीष नेहरा लय में हैं और सबसे बड़ी बात जसप्रीत बुमरा का प्रदर्शन है. कह सकते हैं कि जसप्रीत के रूप में भारत को बहुत दिनों बात कोई ऐसा गेंदबाज मिला है जो लगातार सटीक यॉर्कर गेंद डाल सकता है. अश्विन और हार्दिक पांड्या तो हैं ही.

5. 2010 के बाद से नहीं हारे: वर्ल्ड कप से पहले अभ्यास मैच में टीम इंडिया वेस्टइंडीज को हरा चुकी है. जाहिर है मनोवैज्ञानिक रूप से इसका फायदा टीम इंडिया को मिलेगा. साथ ही, भारत 2010 के टी-20 वर्ल्ड कप के बाद से वेस्टइंडीज से नहीं हारा है. यह पहली बार होगा कि भारतीय सरजमीं पर कैरेबियाई टीम भारत के खिलाफ कोई टी-20 मैच खेलेगी. इस लिहाज से भी टीम इंडिया को उसी के घर में हराना वेस्टइंडीज के लिए बहुत मुश्किल है.

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