IPL में दिल्ली की कप्तानी छोड़ने के बाद गंभीर ने 'नई पारी' शुरू की है
ऐसा उदाहरण बहुत कम ही देखने को मिलेगा जहां कोई कप्तान खराब प्रदर्शन की जिम्मेवारी लेकर पारितोषिक लेने से ही मना कर दे...
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आम तौर से IPL को करोड़ों के अनुबंधों के लिए जाना जाता है, परंतु ऐसा शायद पहली बार हो रहा है कि कोई खिलाड़ी IPL बिना किसी पारितोषिक के खेलने को तैयार है. सात साल कोलकाता नाईट राइडर्स के साथ रहने के उपरांत और कोलकाता को दो बार IPL का खिताब जिताने के बाद गौतम गंभीर ने दिल्ली वापिस आने की इच्छा जताई थी. उनकी इस इच्छा को कोलकाता नाईट राइडर्स के प्रबंधन ने भी आदर पूर्वक स्वीकार किया.
खराब प्रदर्शन की जिम्मेवारी लेते हुए गौतम ने कप्तानी से त्यागपत्र दे दिया
गौतम कोलकाता से दिल्ली डेयरडेविल्स तो आ गए, उन्हें टीम का कप्तान भी नियुक्त कर लिया गया, परंतु किस्मत में कुछ और ही लिखा था. पहले छह मैचों में दिल्ली डेयरडेविल्स केवल एक मैच ही जीत पाया. छह मैचों की पांच पारियों में गौतम कुल 85 रन ही बना सके. इन मैचों में उनका औसत सिर्फ 17 का रहा है. इस खराब प्रदर्शन की जिम्मेवारी लेते हुए गौतम ने न केवल कप्तानी से त्यागपत्र दे दिया बल्कि सातवें मैच से अपना नाम भी वापिस ले लिया. गौतम ने यह भी निर्णय लिया कि वह दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए बिना किसी पारितोषिक के खेलेंगे. ऐसा उदाहरण बहुत कम ही देखने को मिलेगा जहां कोई कप्तान खराब प्रदर्शन की जिम्मेवारी लेकर पारितोषिक लेने से ही मना कर दे.
यह कदम दर्शाता है की गौतम न केवल एक अच्छे खिलाड़ी हैं बल्कि एक अच्छे इंसान भी हैं. ऐसा इंसान जो सिर्फ पैसों के लिए ही नहीं, बल्कि मन की संतुष्टि के लिए खेलता हो. कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं जो पैसों के लिए मैच फिक्सिंग जैसी चीज़ों में संलिप्त पाए जाते हैं. ऐसे वातावरण में पैसे न लेना और अपने मन की आवाज सुनकर कदम उठना सराहनीय है.
गौतम दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए बिना किसी पारितोषिक के खेलेंगे
क्रिकेट के अलावा, गौतम समाज और दिल्ली से जुड़े मुद्दों पर राय देने से पीछे नहीं रहते हैं. कम लोग ही जानते हैं कि गौतम का फाउंडेशन कुछ शाहिद सैनिकों के बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठा रही है. इसके साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा और वृक्षारोपण जैसे कार्यों में भी उनका फाउंडेशन काम करता है. दिल्ली के विकास, राजधानी की समस्याओं से जुड़े विषय पर गौतम बेबाकी से अपनी राय देते हैं. वह आर्थिक तौर से कमजोर लोगों के लिए दिल्ली में भोजन की व्यवस्था में भी काम कर रहे हैं.
गौतम गंभीर फाउंडेशन नेदिल्ली में फ्री कम्यूनिटी किचिन बनाया है
इसमे कोई शक नहीं है कि गौतम एक जुझारू खिलाड़ी हैं. भारत के लिए खेलते हुए भी उन्होंने कई विपरीत स्थितियों का सामना किया है. पहले भी अपने क्रिकेट कौशल और मेहनत के बदौलत उन्होंने खूबसूरती से अपने आलोचकों को जवाब दिया है. हमें यही उम्मीद है की वह पुन: दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलेंगे तथा अपने पुराने आक्रामक अंदाज में नजर आएंगे..
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