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Updated: 06 मार्च, 2016 01:22 PM
अभिषेक पाण्डेय
अभिषेक पाण्डेय
  @Abhishek.Journo
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भारत के खिलाफ एशिया कप मुकाबले में जब मोहम्मद आमिर की आग उगलती गेंदों ने टीम इंडिया का स्कोर 8 रन पर 3 विकेट कर दिया तो 83 रन पर ऑल आउट होने के बावजूद पाकिस्तान को जीत नजर आने लगी. लेकिन टीम इंडिया के एक स्टार बल्लेबाज ने पाकिस्तानी जीत की उम्मीद को कभी हकीकत नहीं बनने दिया और मुश्किल विकेट पर 49 रन की शानदार पारी खेलते हुए मुकाबला टीम इंडिया के नाम कर दिया.

अब यही बल्लेबाज रविवार को मीरपुर में एशिया कप के फाइनल में खिताब जीत की उम्मीदें लगाए लाखों बांग्लादेशी फैंस की उम्मीदें तोड़ सकता है. इस बल्लेबाज का नाम है विराट कोहली, जो टीम इंडिया ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं.

कोहली इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान जिस तरह की फॉर्म में रहे हैं उससे भी फाइनल में बांग्लादेश की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की टी20 सीरीज में भी विराट कोहली ने जोरदार प्रदर्शन किया था. आइए जानें क्यों एशिया कप के फाइनल में बांग्लादेश के लिए विराट कोहली को रोकना सबसे मुश्किल चुनौती साबित होने जा रही है.

बांग्लादेशी फैंस उत्साह से लबरेजः

मीरपुर में जश्न का माहौल है, हो भी क्यों न, बांग्लादेश की टीम दूसरी बार एशिया कप के फाइनल में जो पहंची है. स्थानीय फैंस बांग्लादेश को पहली बार एशिया कप जीतते हुए देखने के लिए बेचैन हैं और उन्हें उम्मीद है कि यह सपना अपने घर में खेल रही बांग्लादेश की टीम पूरा कर दिखाएगी. इस बार उम्मीद इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि यह एशिया कप टी20 फॉर्मेट में खेला जा रहा है और बांग्लादेशी टीम इस फॉर्मेट में शानदार फॉर्म में है.

ये उम्मीद उस टीम से बेमानी भी नहीं है जिसने महज एक हफ्ते के अंदर श्रीलंका और पाकिस्तान जैसी बड़ी टीमों को धूल चटाई है. टीम की बैटिंग हो या बोलिंग, सबकुछ लय में है या यूं कहें कि बांग्लादेश खिताब जीतने की परफेक्ट पोजिशन में है. यानी बांग्लादेश के एशिया कप जीतने की संभावनाएं हैं. लेकिन बांग्लादेशी जीत की संभावनाओं को सबसे बड़ा खतरा जिस बल्लेबाज से है वह हैं विराट कोहली.   

विराट चले तो बांग्लादेश की उम्मीदों का टूटना तय!

अगर एशिया कप के फाइनल में में विराट कोहली का बल्ला चला तो बांग्लादेश का खेल खत्म समझिए. अगर आप एशिया कप में विराट कोहली की बैटिंग देखिए तो एक बात साफ नजर आएगी कि आखिर क्यों उन्हें आधुनिक क्रिकेट का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज कहा जाता है.

इस एशिया कप में बल्लेबाजों की नाक में दम कर देने वाली मीरपुर की पिच पर कोहली ने जिस समझदारी और परिपक्वता के साथ बैटिंग की है वह बाकी के बल्लेबाजों में बहुत कम दिखी है. फिर चाहे वह पाकिस्तान के खिलाफ मुश्किल समय में खेली गई 49 रन की पारी हो या श्रीलंका के खिलाफ लगाई गई हाफ सेंचुरी. कोहली ने अपनी इन पारियों में जो सूझबूझ दिखाई वह काबिलेतारीफ है.

उनकी बैटिंग की एक अलग ही स्टाइल है, वह क्रिस गेल की तरह लंबे-लंबे छक्के जड़कर कत्लेआम नहीं मचाते हैं लेकिन बेहतरीन शॉट्स से चौके जड़कर गेंदबाजों का जीना मुहाल जरूर करते हैं. वह टी20 क्रिकेट में प्रचलित ताबड़तोड़ बल्लेबाजी में यकीन नहीं रखते बल्कि समझदारी भरे शॉट्स खेलते हैं और गैप का इस्तेमाल करके तेजी से रन बटोरते हैं.

इससे फायदा ये होता है कि अनाप-शनाप शॉट खेलकर विकेट गंवाने की संभावनाएं घट जाती हैं और लगातार रन बटोरते चले जाने से विपक्षी टीम पर दबाव बढ़ता चला जाता है. उनकी बैटिंग का यही तरीका है और ये हर जगह कारगर भी होता है. फिर चाहे वह ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न और सिडनी जैसे बड़े-बड़े ग्राउंड हो या फिर अब बांग्लादेश के विकेट. विराट कोहली की बैटिंग स्टाइल हर जगह के लिए मुफीद है और इसीलिए वह इतने सफल हैं.

वैसे भी एशिया कप से तो जैसे विराट कोहली को खास प्यार है, 2012 में खेले गए एशिया कप में पाकिस्तान से मिले 330 रन के टारगेट के जवाब में उन्होंने 183 रन की धमाकेदार पारी खेलकर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी. इस टूर्नामेंट भी पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ मैचों में उनकी फॉर्म देखकर यही लगा कि उन्होंने इस टूर्नामेंट की शुरुआत वहीं से की है जहां से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छोड़ा था.

बांग्लादेशी कप्तान मशरफे मुर्तजा के कमान में ऐसे कई तीर हैं जो विराट कोहली को फेल करने की कोशिश करेंगे. लेकिन अगर कोहली फॉर्म में हों तो उन्हें बांग्लादेशी गेंदबाजी आक्रमण की कमान संभालने वाले तस्किन अहमद, अल-अमीन हुसैन, शाकिब अल हसन और खुद मशरफे मर्तजा तो छेड़िए दुनिया का कोई भी गेंदबाज नहीं रोक सकता है.

अपनी टीम की जीत के लिए बांग्लादेशी फैंस को कोहली के सस्ते में आउट होने की दुआ करनी होगी, वर्ना टीम इंडिया को एशिया कप का चैंपियन बनने से कोई नहीं रोक सकता है.

लेखक

अभिषेक पाण्डेय अभिषेक पाण्डेय @abhishek.journo

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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