रवि शास्त्री और बीसीसीआई ने एक साथ 7 सीनियर खिलाडि़यों की छुट्टी कर दी !
अब भारतीय क्रिकेट के मोदी और अमित शाह क्रमश: विराट कोहली और रवि शास्त्री हैं. बीसीसीआई की प्रेस कॉन्फ्रेंस से साबित हो गया है कि विराट कोहली की हर बात मानी गई है. अब पर्दे के पीछे से रवि शास्त्री जैसा कहेंगे, वैसा ही होगा.
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भारतीय क्रिकेट के इतिहास का यह सबसे अजीबोगरीब दौर है, जब क्रिकेट टीम से ज्यादा कठिनाई कोच और सपोर्ट स्टाफ के चयन को लेकर हुई है. बीसीसीआई ने मंगलवार को टीम के हेड कोच के साथ मिलकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो कहा गया है, वह क्रिकेट लीजेंड के लिए अलग चुनौती पेश करता है. वहीं भारतीय क्रिकेट टीम के भविष्य को लेकर भी सवालिया निशान लगाता है. प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत एक अनाउंसमेंट के साथ हुई. जिसमें बताया गया कि रवि शास्त्री टीम इंडिया के हेड कोच होंगे. इसके अलावा संजय बांगड़ टीम के असिस्टेंट कोच बने रहेंगे. हां, भरत अरुण का नाम नया जोड़ा गया है, जो बॉलिंग के असिस्टेंट कोच के बतौर टीम इंडिया से जुड़ेंगे.
टीम इंडिया में खेमेबाजी की शुरुआत हो चुकी है
आइए, बारी-बारी से समझते हैं इस बेहद महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस की बातों को-
1. सौरव गांगुली और लक्ष्मण की मौजूदगी में जिस क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी ने टीम के हेड कोच रवि शास्त्री के नाम का एलान किया था और साथ में विदेश दौरों के लिए राहुल द्रविड़ और जहीर खान का नाम सुझाया था. उसमें मंगलवार को सैद्धांतिक बदलाव किया गया. सौरव गांगुली ने भरत अरुण का नाम भी नहीं लिया था. लेकिन, रवि शास्त्री ने सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति के लिए मिले अधिकार का इस्तेमाल करते हुए उन्हें कोचिंग टीम में शामिल करा लिया है.
2. पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप में मिली हार के बाद रवि शास्त्री टीम इंडिया के डायरेक्टर पद से हटाए गए थे. और उनकी जगह अनिल कुंबले को हेड कोच बनाया गया था. रवि शास्त्री ने भी उस चयन प्रक्रिया में हिस्सा लिया था, लेकिन वे कुंबले के आगे टिक नहीं पाए थे. अब सालभर बाद विराट कोहली की आपत्ति के चलते कुंबले को कोच पद छोड़ना पड़ा है. और सुई की घड़ी दोबारा उसी मुकाम पर आ गई है. रवि शास्त्री फिर टीम इंडिया के साथ हैं.
3. सौरव गांगुली और अनिल कुंबले के बीच की तल्खी में सालभर बाद भी कोई कमी-बेसी नहीं हुई है. आपको याद होगा, जब कुंबले टीम कोच के लिए इंटरव्यू दे रहे थे तो उस समय शास्त्री बैंकॉक में थे. चयन न होने पर शास्त्री ने ऐतराज जताया तो गांगुली ने इतना ही कहा कि उन्हें वेब कैमरे पर बात करने के बजाए इंटरव्यू के लिए भारत आना चाहिए था. खैर, इस बार भी जब टीम कोच की चयन प्रक्रिया शुरू हुई तो रवि शास्त्री ने उसमें लंदन से हिस्सा लिया.
4. बीसीसीआई की प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह साफ हो गया कि हेड कोच रवि शास्त्री रहेंगे तो उनके असिस्टेंट संजय बांगड़ (बैटिंग कोच) और भरत अरुण होंगे (बॉलिंग कोच). अब राहुल द्रविड़ और जहीर खान के लिए कोई गुंजाइश नहीं बची है. जैसा कि रवि शास्त्री ने कहा कि 'जरूरत होने पर देश के लिए इन दोनों बड़े खिलाडि़यों की सलाह ली जाएगी.' तो समझ लीजिए कि जैसे बीजेपी ने आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को मार्गदर्शक मंडल में डाला है, शास्त्री ने ठीक वैसा ही सुलूक द्रविड़ और जहीर खान के साथ किया है.
5. यदि शास्त्री की बातों और उनके अधिकार की ताकत की बात की जाए तो उन्होंने एक ही झटके में देश के 7 बड़े खिलाडि़यों को हाशिए पर धकेल दिया है. कुंबले पहले ही नाराज होकर खेल से बाहर हो गए थे. राहुल द्रविड़, जहीर खान को लगभग किनारे कर दिया है. वीरेंद्र सहवाग को पहले ही रेस में हरा दिया है. इसके साथ ही सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंडुलकर वाली क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी को बौना बना दिया है.
ये जोड़ी क्या कमाल करती है अब ये देखना है6. अब भारतीय क्रिकेट के मोदी और अमित शाह क्रमश: विराट कोहली और रवि शास्त्री हैं. बीसीसीआई की प्रेस कॉन्फ्रेंस से साबित हो गया है कि विराट कोहली की हर बात मानी गई है. अब पर्दे के पीछे से रवि शास्त्री जैसा कहेंगे, वैसा ही होगा.
लेकिन, बड़ा सवाल यही है कि क्या यह सब भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए शुभ है? क्या विराट कोहली और रवि शास्त्री की जोड़ी भारतीय क्रिकेट के हर अच्छे बुरे पल को अकेले संभाल पाने की स्थिति में है ? यदि इसे भारतीय क्रिकेट टीम में खेमेबाजी की शुरुआत कहा जाए तो गलत नहीं होगा.
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