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Updated: 04 मई, 2015 06:00 AM
शाहगिल बिलाली
शाहगिल बिलाली
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फिलीपिनो सनसनी मैन्नी पेकियाओ और अमेरिका के दिग्गज फ्लॉयड मेवेदर जूनियर के बीच 2 मई (शनिवार) को लास वेगास में सदी का सबसे बड़ा मुक्केबाजी मुकाबला हुआ. वेल्टरवेट (67 किलो) वर्ग के विश्व चैंपियनशिप खिताब के लिए दोनों आमने-सामने थे. यह सबसे बड़ी ईनाम राशि वाला मुकाबला भी रहा. मुक्केबाजी प्रशंसकों ने इससे पहले ऐसा सुपर मुकाबला 2002 में हेवीवेट टाइटल के लिए माइक टायसन और लेनोक्स लुईस के बीच और 2011 में व्लादिमीर कल्चिको और डेविड हे के बीच देखा था. आइए, जानते हैं कि मेवेदर और पेकियाओ के बीच भिडंत एक महामुकाबला क्यों रहा-

दांव पर था भारी पैसा

दर्शकों में आकर्षण एक बड़ी ईनाम राशि को भी लेकर था. इस मैच से दो हजार करोड़ रुपये आने की उम्मीद थी. मेवेदर को 1500 करोड़ मिले. इससे पहले सबसे ज्यादा ईनामी राशि 2013 में मेवेदर और मेक्सिको के साउल अलवारेज के मुकाबले में जमा हुई थी, करीब एक हजार करोड़ रुपए.

टिकट की कीमतें

लास वेगास के एमजीएम एरिना में यह मुकाबला हुआ. यहां की क्षमता 16,500 है. जिसके लिए $1,500 - $10,000 की कीमत वाले 500 से 1,000 टिकट बेचे. बॉक्िसंग रिंग के आसपास की टिकट के लिए हर दर्शक ने $1,00,000 तक चुकाए.

बनने का इतिहास

प्रोफेशनल बॉक्सिंग में कोई बॉक्सर अभी तक मेवेदर को हरा नहीं पाया है. उन्होंने कई मुकाबले लड़े. उनके नाम 47 जीत का कीर्तिमान है, जिनमें से 26 में उन्होंने विरोधी को नॉकऑउट किया. दूसरी तरफ पेकियाओ को उनके 62 मुकाबलों में से पांच में हार का मुंह देखना पड़ा है. शनिवार को यदि वे मेवेदर को हरा देते तो उनका नाम रिकार्ड बुक में शामिल होता.

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विश्व चैंपियन की लड़ाई

मेवेदर अपने कैरियर में कभी हारे नहीं. वह पांच श्रेणियों में वर्ल्ड चैम्पियन हैं. हालांकि पेकियाओ ने आठ अलग-अलग भार श्रेणियों में ताज हासिल किया है. इस तरह की विविधता वाले मुक्केबाजों का रिंग में लड़ना आम बात नहीं है. दो महान विजेताओं के बीच मुकाबला देखना दिलचस्प था.

पेकियाओ का ओलंपिक सपना

मेवेदर ने 1996 के ओलंपिक में एक कांस्य पदक जीत लिया था जबकि पेकियाओ को इस चार साला आयोजन में भाग लेने का मौका नहीं मिला. हाल ही में उन्होंने 2016 के ओलंपिक में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की है. वो कह रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने प्रोफेशनल मुक्केबाजों को भी ओलंपिक में हिस्सा लेने की अनुमति दी है, जहां अब तक केवल एमेच्योर मुक्केबाज ही भाग ले सकते थे. एआईबीए अध्यक्ष सीके वू ने पेकियाओ के लिए ओलम्पिक के दरवाजे बंद कर दिए थे. उनका कहना था कि वह ओलंपिक के लिए अयोग्य है क्योंकि वे 20 से ज्यादा प्रोफेशनल मुकाबलों में हिस्सा ले चुके हैं. इस मुकाबले से दुनिया भर का ध्यान जुटाने की उम्मीद थी और पेकियाओ के पास यह दिखाने का मौका भी था कि उनकी मौजदूगी से ओलंपिक में ग्लैमर जुड़ जाएगा.

ग्लैमर

मुक्केबाज़ी के महत्व को ध्यान में रखते हुए हॉलीवुड की शीर्ष हस्तियां और दिग्गज व्यापारी एक रिंगसाइड सीट पर थे. लास वेगास के एमजीएम क्षेत्र में आमतौर पर मशहूर हस्तियां आती रहती हैं.

एशिया की उम्मीद

पेकियाओ की भारी सफलता ने उन्हें पहले से ही एशिया का सबसे सफल बॉक्सर बना दिया है. अपने मूल देश फिलीपींस में एक बड़ा वर्ग उनका समर्थक है, वहां वे एक सांसद भी हैं और उनके मानवीय कार्यों के लिए उनकी सराहना भी होती है. स्थानीय स्तर पर उन्हें "नेशनल फिस्ट" के रूप में जाना जाता है, जो बाधाओं के खिलाफ लड़ने का एक सर्वोच्च उदाहरण है. वे भी भले ही मुकाबला हार गए हैं, लेकिन एशियाई युवाओं को मुक्केबाजी के लिए प्रेरित करेंगे.

बहुमुखी प्रतिभा

मुक्केबाजी उनका प्रधान गुण हो सकती है, लेकिन पेकियाओ के गीतों के दो एल्बम बाजार में है. वह बास्केटबॉल भी खेलते हैं और फिलीपींस में सिटकोम और रियलिटी शो पर भी दिखाई देते हैं. उनके आलोचक अक्सर उन पर अपना ध्यान खोने का आरोप लगाते हैं.

क्या अली से बेहतर हैं मेवेदर?

हाल ही में मेवेदर ने कहा कि वे मोहम्मद अली से बढ़कर हैं. इस तरह की टिप्पणी ने मुक्केबाजी प्रशंसकों को उत्सुक बना दिया है. शनिवार के मुकाबले के बाद मेवेदर ने दिखा दिया कि उनमें अपने शब्दों को जीवित करने की क्षमता है.

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लेखक

शाहगिल बिलाली शाहगिल बिलाली @shaghil

लेखक मेल टुडे में खेल पत्रकार हैं.

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