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Updated: 25 जुलाई, 2016 09:57 PM
धर्मेन्द्र कुमार
धर्मेन्द्र कुमार
  @dharmendra.k.singh.167
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ओलंपिक में 74 किग्रा कैटेगरी कुश्ती में भारत की बड़ी उम्मीद थे नरसिंह यादव. मगर भारत की इस उम्मीद के खिलाफ किसी ने बड़ी साजिश की है. इस बात का खुलासा खुद भारतीय कुश्ती फेडरेशन ने किया है और मामला इतना गंभीर कि अब ये पीएम नरेंद्र मोदी के पास पहुंच गया है. जैसे जैसे वक्त आगे बढ़ रहा है इस मामले से परत दर परत खुलती जा रही हैं. तो लाख टके का सवाल ये कि आखिर नरसिंह के खिलाफ किसने साजिश की?

क्या नरसिंह के खाने या पीने की चीज में किसी ने जानबूझ कर प्रतिबंधित ड्रग्स को साजिशन मिला दिया?

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नरसिंह यादव

क्या नरसिंह के लिए उम्मीदें बची हैं?

मामला गंभीर है और सवाल देश की इज्जत का ही नहीं बल्कि रियो ओलंपिक में एक मेडल का भी है. भारतीय कुश्ती फेडरेशन इस मामले में शुरू से ही नरसिंह के साथ खड़ा दिख रहा है और उसे इस बात की उम्मीद है कि साजिश का पर्दाफाश होने से नरसिंह को राहत मिलेगी और वो रियो ओलंपिक में हिस्सा भी लेंगे.

हालांकि डोपिंग जैसे गंभीर मामले पर राहत मिलना उतना आसान भी नहीं है मगर नरसिंह के साथ कुश्ती फेडरेशन हर विकल्पों पर काम कर रहा है.

व्यवस्था की ये कैसी फांस?

नरसिंह के खिलाफ किसने साजिश की ये तो आने वाले वक्त में पता चलेगा मगर सवाल ये है इतने बड़े खिलाड़ी को कोई इतनी आसानी से साजिश का शिकार कैसे बना सकता है? ओलंपिक में मेडल जीत की उम्मीद को साजिश करके धराशायी किया जाना कितना आसान है ना. भारतीय ओलंपिक संघ और बाकी खेलों के फेडरेशन ने ऐसी कोई कारगर व्यवस्था नहीं बनाई जिसमें देश की बड़ी उम्मीदों को सुरक्षित रखा जा सके. जिनमें देश का नाम रौशन करने का माद्दा है अगर उन्हें ही नहीं बचाया जा सकता तो इस देश में खेल के भविष्य का भगवान ही मालिक है.

लेखक

धर्मेन्द्र कुमार धर्मेन्द्र कुमार @dharmendra.k.singh.167

लेखक आजतक स्पोर्ट्स डेस्क में एसोसिएट एक्‍जीक्‍यूटिव प्रोड्यूसर हैं.

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