क्रिकेटर्स का रेस्तरां बिजनेस से क्या है संबंध ? आइये एक नजर डालें
क्रिकेटरों का मैदान के अलावा बिजनेस के क्षेत्र में उतरना कोई नई बात नहीं है. तो आइये जानें कि वो कौन-कौन से क्रिकेटर थे जिन्होंने रेस्तरां इंडस्ट्री को चुना और एक नया सफर करने का प्रयास किया.
-
Total Shares
प्रायः ये देखा गया है कि क्रिकेटर्स जब अपनी सफलता के शिखर पर होते हैं, तब टीवी विज्ञापनों में केवल उनका राज होता है. फिर एक समय ऐसा आता है जब वो अपने नाम को भुनाने के लिए कुछ ऐसा करते हैं जो अलग हो. बात जब खिलाड़ियों द्वारा कुछ अलग करने की हो तो, जो बात हमारे दिमाग में आती है वो है खिलाड़ियों का रेस्तरां बिजनेस में उतरना. आज हमारे सामने सचिन तेंदुलकर से लेकर जहीर खान और इरफान पठान तक कई ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने जहां एक तरफ विज्ञापनों में राज किया तो वहीं दूसरी तरफ रेस्तरां बिजनेस में आकर पैसा कमाने की भी इच्छा पूरी की. आइये नजर डालते हैं कुछ ऐसे भारतीय क्रिकेटरों पर जिन्होंने रेस्तरां खोल कर अपनी इच्छा को पूरा किया.
सबसे पहले फूड इंडस्ट्री में आने की शुरुआत कपिल देव ने की
कपिल देव
भारत को पहला विश्व कप दिलाने वाले कपिल देव ने 2006 में कपिल देव 11 नाम से एक रेस्तरां खोला था. इसकी कामयाबी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि आज देश भर के अलग अलग राज्यों में इसकी कई ब्रांचेज़ खुली हुई हैं.
सौरव इस व्यवसाय में तो आए मगर बहुत ज्यादा टिक नहीं पाए
सौरभ गांगुली
2004 में लेफ्ट हैंडर बल्लेबाज सौरभ गांगुली ने कोलकाता के पार्क स्ट्रीट में सौरव द फूड पवेलियन के नाम से एक रेस्तरां खोला था. हालांकि सौरभ का यह रेस्तरां 2009 आते-आते घाटे में चला गया और 2011 में पूरी तरह पवेलियन लौट गया. हालांकि इससे यह तो पता चलता है कि एक क्रिकेटर का रेस्तरां से बहुत गहरा नाता रहा है.
विराट कोहली का रेस्तरां लोगों के बीच खासा लोकप्रिय है
विराट कोहली
विराट कोहली आज बच्चे बच्चे कि जुबान पर चढ़ा हुआ नाम हैं. अपनी बैटिंग और अपनी शादी से लोकप्रियता हासिल कर चुके कोहली दिल्ली में खोले अपने रेस्तरां के लिए भी जाने जा रहे हैं. कोहली का नोएवा nueva रेस्तरां अपनी बेहतरीन सर्विस के लिए जाना जा रहा है. विराट का यह रेस्तरां अपनी डिशेज के लिए भी सराहा जाता है. समय समय पर विराट खुद वहां जाते भी रहते हैं.
सबकी देखा देखी जडेजा ने भी इस व्यवसाय में अपना हाथ आजमाया
रवीद्र जडेजा
बेहतरीन आलराउंडर रहे रवीद्र जडेजा यूं तो खुद अपनी बैटिंग के लिए जाते हैं लेकिन 2012 में राजकोट में jaddu’s food field नाम से एक रेस्तरां खोला था. इस रेस्टोरेन्ट में उनका भरपूर साथ उनकी बहन दे रहीं है. जडेजा का यह रेस्तरां अपने कम रेट वाले मेनू के लिए लोगों के बीच खासा लोकप्रिय है.
कब चीज सचिन से जुड़ी हो तो उसका लोकप्रिय होना लाजमी है
सचिन तेंदुलकर
सचिन क्रिकेट के बादशाह होने के साथ ही विज्ञापन के भी बादशाह माने जाते हैं. उनका चुना हुआ ब्रांड हर बार कमाई के शीर्ष पर ही हमें दिखाई देने लगता है. फिर वो चाहे एमआरएफ हो या ल्युमिनस इनवर्टर. लेकिन इसके अलावा सचिन का रेस्तरां से भी गहरा नाता रहा है. वर्ष 2002 में उन्होने संजय नारंग के साथ मिलकर तेंदुलकर्स नाम से मुंबई के कोलाबा में एक रेस्तरां खोला था. इस रेस्तरां को कई अवार्ड भी मिल चुके थे. हालांकि 2007 में यह पूरी तरह बंद हो गया.
सहवाग होटल इंडस्ट्री में इसलिए आये ताकि वो लोगों के सामने क्वालिटी खाना परोस सकें
वीरेंद्र सहवाग
क्रिकेटर और रेस्टोरेन्ट के मेल में वीरेंद्र सहवाग भी पीछे नहीं रहे. दिल्ली के मोती नगर में भारतीय ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने सहवाग फेवरेट नाम से एक रेस्तरां खोला था. इस रेस्तरां की खासियत यहां मिलने वाला वेजिटेरियन खाना था. शुरुआती दिनों ने इस रेस्तरां में दिल्ली सहित अन्य राज्यों के लोगों के दिलों में खूब राज किया पर अब यह बंद है.
ज़हीर खान भी रेस्तरां इंडस्ट्री का एक जाना पहचाना नाम हैं
जहीर खान
किसी क्रिकेटर द्वारा खोले गए रेस्तरां के मामले में अब तक के सफल व्यक्तियों में जहीर खान ही माने जाते हैं. भले ही क्रिकेट में उनका अच्छा औसत होने के बावजूद उन्हे भारतीय क्रिकेट टीम में गेंदबाजी का कोच नहीं बनाया गया, लेकिन इन्होंने 2005 में जहीर खान डाइन फाइन नाम से एक रेस्तरां खोल तहलका मचा दिया था. यह रेस्तरां उन्होंने पुणे में खोला था. मौजूदा समय में भी पूरे महाराष्ट्र में इस रेस्तरां की एक चेन है. इसकी सफलता के बाद जहीर ने 2013 में पुणे मे ही अपने नाम से एक लॉन्ज खोला था. जो दिनों दिन लोकप्रिय हो रहा है.
उपरोक्त सूची में हम देख रहे हैं कि भारतीय क्रिकेट के इतिहास में उच्च दर्जा प्राप्त कपिल देव से लेकर वर्तमान में विराट कोहली तक ने अपने खेल के साथ साइड बाई साइड रेस्तरां बिजनेस को भी तवज्जो दी है. कपिल देव से लेकर विराट तक यह चलन आ जाने से यह तो सुनिश्चित किया जा सकता है कि क्रिकेटरों में इस व्यवसाय को लेकर काफी उत्सुकता रही है.
समय समय पर कई इस व्यवसाय में फेल हुए, तो कइयों ने इतिहास रचा है. इस रेस्तरां व्यवसाय को क्रिकेटरों द्वारा चलाया जाना और इसको लेकर उनकी क्या सोच है इस पर भी अगर शोध हो सके तो तो यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि आखिर उनके द्वारा यही बिजनेस क्यों चुना जा रहा है. क्या ऐसा मान लिया जाए कि रेस्तरां बिजनेस खिलाड़ियों की नज़र में एक सेफ़ बिजनेस है ?
ये भी पढ़ें -
Roger Federer : 36 साल में नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी होने का राज यहां है
पृथ्वी शॉ बन सकते हैं भारतीय क्रिकेट का चमकता सितारा
इन रिकार्ड्स को देखकर कभी शर्मिंदा होता होगा पाकिस्तान?
आपकी राय