डूप्लेसिस कुसूरवार हैं, विराट नहीं क्योंकि...
विराट कोहली का वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वे क्रिकेट बॉल पर सलाइवा (थूक) लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं. लेकिन वे दक्षिण अफ्रीका के फाफ डूप्लेसिस की तरह गुनाहगार नहीं हैं.
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एक वायरल वीडियो में विराट कोहली को आईसीसी के नियमों को कथित उल्लंघन करते हुए बताया जा रहा है. ये वीडियो है राजकोट टेस्ट का. इस मामले में ज्यादातर कॉल विदेशों से आ रहे हैं जो आईसीसी पर 'पक्षपातपूर्ण और अनदेखी' करने का आरोप लगा रहे हैं. कहा जा रहा है कि आईसीसी एक ओर दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर और कप्तान फाफ डूप्लेसिस को बैन कर देता है, जबकि भारतीय कप्तान पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती.
तो बता दें कि विराट ने नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है. और यदि कोई ऐसी बात है भी तो उस केस में आईसीसी के पास करने को कुछ नहीं है.
विराट कोहली के खिलाफ शिकायत करने की समय सीमा ही खत्म हो गई है. |
अब पहली बात पर गौर करते हैं: नियम कहते हैं कि कोई भी घटना होती है या नियमों का उल्लंघन होता है तो उसे 5 दिन के भीतर रिपोर्ट करना होता है. और यदि विराट के फुटेज की बात करें तो वह 13 नवंबर को खत्म हुए राजकोट टेस्ट की है. जिसके मामले में 5 दिन की समय सीमा खत्म हो गई है. तो यदि विराट गलत भी थे तो अब उनके मामले में रिपोर्ट नहीं की जा सकती.
डुप्लेसिस मिंट-सलाइवा को बॉल पर लगा रहे हैं, जिसकी नियम इजाजत नहीं देते. |
और आगे की बात भी कर लेते हैं: विराट के फुटेज को गौर से देखिए, और उसकी डूप्लेसिस के फुटेज से तुलना कीजिए. जब अब जूम व्यू में देखते हैं तो पाते हैं कि विराट अपनी अंगुलियों में दातों के आसपास लगा सलाइवा मल रहे हैं और उसे बॉल पर लगा रहे हैं. आईसीसी के नियमों के मुताबिक बॉल की चमक को बरकरार रखने के लिए खिलाड़ी ऐसा कर सकते हैं. लेकिन डूप्लेसिस का मामला अलग है. यहां नियमों का सरासर उल्लंघन हो रहा है. उनकी अंगुलियां जीभ पर लगी मिंट को रगड़ रही हैं और फिर वह मिंट-सलाइवा को बॉल पर लगा रहे हैं. और यह क्रिकेट के नियमों के विरुद्ध है. क्योंकि डुप्लेसिस किसी बाहरी पदार्थ का उपयोग बॉल की कंडीशन बदलने के लिए कर रहे हैं. जिसे बॉल टेम्परिंग कहा जाता है.जैसा कि विराट के मामले में नहीं है.
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