महंगे खिलाड़ियों का सस्ता प्रदर्शन !
अगर सब पैसे के लिए खेलते हैं, तो इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर नजर डालिए. आपका भ्रम दूर हो जाएगा.
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बोली लगती है. जितना बड़ा नाम होता है, उतनी ऊंची कीमत. उसके बाद तो बस इतनी सी उम्मीद की जाती है कि जिस नाम के बदौलत उनपर किसी ने करोड़ों रूपए दाव पर लगाए हैं, उसे वो तर्कसंगत ठहरा दें. खैर ये इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का ऐसा पहला सीजन नहीं है, जिसमें करोड़ो रूपए खर्च करने के बाद टीमों के मालिकों को अपनी गलती का एहसास हुआ हो. इस 10वें संस्करण की बात करें तो इसमें कई ऐसे खिलाड़ी रहे, जिन्होंने अपनी कीमत से खुद को ज्यादा कीमती साबित किया. लेकिन इस लिस्ट में कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं, जो कि अपनी कीमत को भी सिद्ध नहीं कर पाए. आइए सबसे पहले एक नजर IPL के इस सीजन के गेंदबाजों पर डालते हैं.
सिद्धार्थ कौल को सनराईजर्स हैदराबाद ने महज 10 लाख रूपए में खरीदा था, लेकिन अपने प्रदर्शन से इन्होंने कई दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया. इस सूची में दूसरा नाम इमरान ताहिर का है, जिनकी तो बोली भी नही लगी थी. लेकिन रिप्लेसमेंट के तौर पर केकेआर ने उन्हें उनके बेस प्राईस 50 लाख पर ही टीम में ले लिया गया था. कुछ ऐसा ही चौंकाने वाला प्रदर्शन 30 लाख में बिके जयदेव उनादकत का भी रहा. एक तरफ तो इन खिलाडि़यों ने अपने अच्छे प्रदर्शन से सबको चौंकाया तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी गेंदबाज रहे, जो कि अपने खराब प्रदर्शन के कारण चर्चा में आ गए. सबसे बड़ा नाम तो टाईमल सोलोमन मिल्स का है, जिनपर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने 12 करोड़ खर्च किए थे. बतौर रिप्लेसमेंट विवादों से घिरकर 2 करोड़ में आए इशांत शर्मा भी किंग्स इलेवन पंजाब के लिए कुछ खास नहीं कर पाए और जिन 6 मैचों में उन्हें मौका मिला, उसमें वे एक भी विकेट नहीं निकाल पाए. कोलकाता नाइट राइडर का भी ट्रेंट बोल्ट पर 5 करोड़ का दाव लगाना सही नहीं रहा.
IPL के 10वें संस्करण में बल्लेबाजों के प्रदर्शन की बात करें तो इसमें कुछ ऐसे नाम हैं, जिनका नाम तो बड़ा है लेकिन काम छोटा ही रहा. तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी बल्लेबाज हैं, जिन्होंने अपने प्रदर्शन के दम पर अपनी छाप छोड़ दी है. चाहे वो मुम्बई इंडियन का हिस्सा रहे नीतीश राणा हों या फिर के.केआर. के राहुल त्रिपाठी. दोनों ही बल्लेबाजों को 10 लाख में उनके टीम ने खरीदा था. बात 50 लाख में बिके मनोज तिवारी की करें तो कोलकता नाइट राइडर को उनके प्रदर्शन का भरपूर साथ मिला. और तो और ईशान किशन भी अपने टीम के उम्मीदों पर खरे उतरें. किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से खेल रहे डेविड मिलर की तो 12.5 करोड़ बोली लगी थी, लेकिन उनका प्रदर्शन तो 12.5 लाख के स्टैंडर्ड का भी नहीं था. कुछ ऐसा ही हाल के.के.आर. के लिए खेल रहे यूसुफ पठान का भी रहा. यूसुफ को 3.25 करोड़ की फीस मिल रही है, लेकिन उनके इस साल के प्रदर्शन के हिसाब से उनकी इस कीमत को बिल्कुल भी जायज नहीं ठहराया जा सकता है. रॉयल चैलेंजेर बैंगलोर के दो दिग्गज खिलाड़ी क्रिस गेल (7.5 करोड़) और ए.बी. डिविलियर (9.5 करोड़) भी इस सीजन में रंग में नहीं दिखे.
अब बात ऑल राउडरों की करे तो महज 10 लाख के हार्दिक पाण्डया का प्रदर्शन सबसे ज्यादा चौंकाने वाला रहा. कई मैचों में तो उन्होंने मुम्बई इंडियन के लिए मैच जिताऊ पारी भी खेली है. इस सूची में एक और नाम एंड्रयू टाई का भी रख सकते हैं, वैसे तो वे अपनी गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं. लेकिन बल्ले से भी 50 लाख के गुजरात लॉयन के इस खिलाड़ी का प्रदर्शन संतोषजनक रहा. दो दिग्गज ऑल राउंडरों की बात करें तो गुजरात लॉयन के जेम्स फॉकनर और रविन्द्र जडेजा ने ना तो बल्ले से कुछ कमाल दिखाया और ना ही उनकी गेंदबाजी में कोई धार दिखी. आपको बता दें कि जेम्स फॉकनर पर गुजरात ने 7.5 करोड़ का खर्च किया था. वही रविन्द्र जडेजा के लिए 9.5 करोड़ की बोली लगी थी.
कंटेंट- श्रीधर भारद्वाज (इंटर्न, आईचौक)
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