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Updated: 19 सितम्बर, 2015 02:00 PM
विनीत कुमार
विनीत कुमार
  @vineet.dubey.98
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हॉकी इंडिया (एचआई) पाकिस्तान पर यह दबाव बनाए हुए है कि वह उससे माफी मांगे. माफी उस करतूत की, जिसे पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने पिछले साल चैम्पियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में भारत को हराने के बाद अंजाम दिया था. एचआई ने कहा है कि जब तक पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (पीएचएफ) उस घटना पर आधिकारिक तौर पर माफी नहीं मांगेगा, उनके खिलाड़ियों को हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) में खेलने की इजाजत नहीं दी जाएगी.

एचआईएल में तो वैसे भी इसके शुरूआती संस्करण से ही पाकिस्तान खिलाड़ी राजनैतिक कारणों से हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं. फिर यह माफी की बात क्यों? पाकिस्तान की न ऐसी कोई मंशा दिखती है और न ही ऐसा कोई 'एतिहासिक' लम्हा है जिसका उदाहरण देकर यह कहा जा सके कि पीएचएफ अपने खिलाड़ियों की करनी पर कोई पछतावा जताएगा.

खेल के मैदान से लेकर राजनीतिक और कूटनीतिक गलियारों तक पाकिस्तान न केवल बेवजह विवादों को जन्म देता है बल्कि उस पर लीपापोती करने में भी उसे महारत हासिल है. एक बार नहीं, कई दफे यह बात साबित भी हुई है. पाकिस्तान की मंशा ही रहती है कि भारत के साथ किसी भी क्षेत्र में बातचीत का अंजाम भारत-पाकिस्तान के बीच सचिव स्तर की वार्ता वाला हो जाए.

वैसे भी, भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी खेल के दौरान जो प्रतिद्वंद्विता होती है, उसे दुनिया जानती है. हॉकी हो या क्रिकेट, मैदान पर एक-दूसरे से तू-तू..मैं-मैं और कहासुनी करते हुए दोनों देशों के खिलाड़ियों को हमने कई बार देखा है. यह नया नहीं है. लेकिन इसमें भी कोई शक नहीं है कि जिस बेशर्मी का परिचय पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने चैम्पियंस ट्रॉफी में दिया था, वैसा शायद ही कभी दिखा.

मैच के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों की खूब आलोचना हुई और दो खिलाड़ियों मोहम्मद तौसिक और अली अमजद पर एक-एक मैच का बैन लगा. जबकि अभद्र इशारे करने वाले शफकर रसूल के प्रति एफआईएच ने नाराजगी जताई.

लेकिन अब सवाल है कि सब जानते हुए भी हॉकी इंडिया क्यों पाकिस्तान से माफी मांगने को कह रहा है. इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन बोल चुका है कि भारत और पाकिस्तान के हॉकी संघों के बीच के विवाद में वह कोई हस्ताक्षेप नहीं करने वाला. फिर क्या पीएचएफ हॉकी इंडिया की मांग के सामने झुकेगा? शायद नहीं. यह सही है कि पाकिस्तानी टीम पहली बार ओलंपिक के लिए क्वॉलीफाई नहीं कर पाई है और उसकी हॉकी गर्त में है. लेकिन यह भी दावे के साथ कहा जा सकता है वह भारत की मांग नहीं मानने वाला.

खबर तो यह भी आई है कि दोनों देशों के हॉकी संघों के बीच के विवाद को सुलझाने के लिए पीएचएफ ने हॉकी इंडिया के प्रमुख नरेंद्र नरिंदर बत्रा को पाकिस्तान आने का निमंत्रण दिया है. अब बत्रा पाकिस्तान जाते हैं या नहीं, ये उन पर निर्भर है लेकिन डर यही है कि माफी वाली जो बात उन्होंने कही है...कहीं उन्हे ही उससे पीछे हटना न पड़ जाए.

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लेखक

विनीत कुमार विनीत कुमार @vineet.dubey.98

लेखक आईचौक.इन में सीनियर सब एडिटर हैं.

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