IND vs NZ: हैमिल्टन मैच क्या भारत की 5 सबसे शर्मनाक ODI हार में शामिल है?
Hamilton ODI में भारतीय टीम सिर्फ 30.5 ओवर खेलकर 92 रन पर ऑल आउट हो गई. न्यूजीलैंड ने बड़ी ही आसानी से 15 ओवर में ये मैच जीत लिया. अब सवाल ये है कि क्या ये हार भारत की सबसे शर्मनाक 5 हार (top 5 embarrassing defeats for india) में शामिल है? चलिए जानते हैं...
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IND vs NZ ODI Series में शुरुआती तीन मैच में एकतरफ जीत दर्ज करने वाली team India के लिए चौथा मैच एक शर्मनाक पराजय लेकर आया. शर्मनाक इसलिए क्योंकि Hamilton ODI match में भारत 30.5 ओवरों में सिर्फ 92 रन ही बना सका और टीम ऑल आउट हो गई. कल तक लोग भारतीय बल्लेबाजी की जो तारीफ हो रही थी, वो विराट कोहली और धोनी की कमी के कारण खोखली नजर आई. ऐसे में इस सीरीज पर हावी रहे गेंदबाजों के पास भी करने के लिए कुछ खास नहीं था. न्यूजीलैंड ने भारत की तरफ से मिले लक्ष्य को महज 14.4 ओवर में हासिल कर लिया और 8 विकेट से मैच जीत लिया. तो आखिर क्या वजह रही इस हार की? कप्तान विराट कोहली का ना होना? या कुछ और? कहीं ऐसा तो नहीं कि सीरीज पर कब्जा करने के बाद भारतीय टीम ओवर कॉन्फिडेंस का शिकार हो गई?
भारत और न्यूजीलैंड के बीच हो रही 5 मैचों की वन डे सीरीज में शुरुआती तीन मैचों में तो विराट कोहली थे, लेकिन चौथे मैच से उन्होंने छुट्टी ली है. इतना ही नहीं, इस चौथे मैच में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी नहीं थे. दो धुरंधरों की कमी तो खलना लाजमी था, लेकिन इस बात का अंदाजा किसी को नहीं था कि इतनी बुरी हालत हो जाएगी. भारत की बल्लेबाजी कितनी बुरी थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगता है कि सिर्फ हार्दिक पांड्या (16) और यजुवेंद्र चहल (18) ने 15 से अधिक रन बनाए. 7 खिलाड़ी तो 10 रन भी नहीं बना सके, जिनमें अबाती रायडू और दिनेश कार्तिक बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए. जब बारी गेंदबाजी की आई तो सिर्फ भुवनेश्वर ने दो विकेट लिए. वहीं दूसरी ओर, यजुवेंद्र चहल ने 2.4 ओवर किए और 32 रन दिए यानी औसतन 2 रन प्रति गेंद.
आज भारतीय टीम सिर्फ 92 रनों पर ऑल आउट हो गई.
तो क्या ये भारत की अब तक की सबसे बुरी हार है? चलिए बात करते हैं वन डे मैच में हुई भारत की 5 सबसे बुरी हार (top 5 embarrassing defeats for india) के बारे में. और जानने की कोशिश करते हैं कि ये हार क्या इस लिस्ट में जगह बनाती हैनंबर पर रहती है...
1- लॉर्ड्स में इंग्लैंड के हाथों 202 रन से हारी टीम इंडिया
1975 में इंग्लैंड के हाथों लॉर्ड्स में भारत को जो हार मिली थी, वह भारत की सबसे बुरी हारों में से एक है. इस मैच में इंग्लैंड ने 60 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 334 रन बनाए, जिसमें सिर्फ Dennis Amiss ने ही 137 रन बनाए थे. जब बारी भारत की आई तो यूं लगा मानो खिलाड़ियों ने 335 रनों का विशाल लक्ष्य देखकर खुद ही सरेंडर कर दिया हो. भारत 60 ओवरे में 3 विकेट खोकर महज 136 रनों तक ही पहुंच सकी और 202 रनों से ये मैच हार गई. इस मैच में सुनील गावस्कर ओपनिंग करने उतरे थे और मैच के आखिर तक टिके रहे, लेकिन सिर्फ 36 रन बना सके.
सुनील गावस्कर ओपनिंग करने उतरे थे और मैच के आखिर तक टिके रहे, लेकिन सिर्फ 36 रन बना सके.
2- शारजाह में श्रीलंका से 245 रन से मिली करारी शिकस्त
ये बात 2000 की है, जब भारत और श्रीलंका के बीच यूएई के शारजाह में मैच हो रहा था. इसमें 50 ओवर में श्रीलंका ने 299 रन बनाते हुए भारत के सामने 300 रनों का लक्ष्य रखा. श्रीलंका के कप्तान सनथ जयसूर्या ने तो भारतीय खिलाड़ियों को मैदान के हर कोने में भगाया और 21 चौक्के, 4 छक्कों की मदद से कुल 189 रन बनाए. जब बारी भारत की आई तो गांगुली और तेंदुलकर 5वें ओवर में महज 10 रन के स्कोर पर ढेर हो गए. इसके बाद तो विकेट की झड़ी लग गई. 26.3 ओवर में पूरी भारतीय टीम ढेर हो गई और महज 54 रन के स्कोर तक ही पहुंच सकी. श्रीलंका के गेंदबाज चामुंडा वास ने अकेले ही 5 विकेट चटकाए थे. और ये मैच भारत 245 रनों से हार गया.
भारत और श्रीलंका के बीच यूएई के शारजाह में हुए मैच में भारत सिर्फ 54 रनों पर ऑल आउट हो गई थी.
3- पाकिस्तान ने 188 रनों से हराया
ये बात 2017 की है, जब लंदन के ओवल स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी का फाइनल मैच हो रहा था. दोनों टीमों के बीच टक्कर का मुकाबला हो रहा था, लेकिन पाकिस्तान और भारत के बीच हुआ फाइनल मैच एक तरफा सा हो गया. पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने 4 विकेट के नुकसान पर 338 रन बनाए, लेकिन जब बारी भारत की आई तो पूरी टीम महज 158 रन बनाकर पवेलियन लौट गई और भारत 180 रनों को भारी भरकम स्कोर से हार गया.
लंदन के ओवल स्टेडियम में पाकिस्तान ने भारत तो 188 रनों से हरा दिया था.
4- वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में श्रीलंका से हार
ये बात 1996 की है, जब कोलकाता में भारत और श्रीलंका के बीच वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल हो रहा था. भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला लिया, क्योंकि श्रीलंका 270 रनों तक के लक्ष्य को हासिल करने वाली टीम थी. आपको बता दें कि उस जमाने में 270 रन बनाना काफी बड़ा स्कोर माना जाता था. इस मैच में श्रीलंका ने 251 रन बनाए थे. जब बारी भारत की आई तो ओपनर नवजोत सिद्धू काफी जल्दी आउट हो गए, जिसके बाद तेंदुलकर और संजय माजरेकर ने पारी संभाली और स्कोर 98 रनों तक पहुंचाया, लेकिन उसके बाद तेंदुलकर स्टंप आउट हो गए. फिर तो जैसे विकेटों की झड़ी सी लग गई और भारत 8 विकेट खोकर महज 120 रन ही बना सका. उस वक्त करीब 34 ओवर पूरे हो चुके थे. लेकिन हार देखते हुए भारतीय प्रशंसकों ने हुड़दंग मचा दिया, दर्शक दीर्घा में आग तक लगा दी गई, जिसके बाद वह मैच रोकना पड़ा और श्रीलंका को विजयी करार दिया गया. इस मैच में न सिर्फ टीम इंडिया शर्मिंदा हुई थी, बल्कि पूरा क्रिकेट जगत शर्मिंदा हुआ था.
5- पांच विकेट से हारकर वर्ल्ड कप से बाहर हुई टीम
2007 वर्ल्ड कप में भारत और बांग्लादेश के बीच स्पेन के पोर्ट में मैच हुआ. इस मैच में बांग्लादेश ने भारतीय टीम को सिर्फ 191 रनों के स्कोर पर ढेर कर दिया. चार विकेट तो अकेले मशरफे मुर्तजा ने लिए. इसके अलावा अब्दुर रज्जाक और मोहम्मद रफीक ने भी 3-3 विकेट लिए. क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर, ऑफ साइड के भगवान कहे जाने वाले बंगाल टाइगर सौरव गांगुली, मुल्तान के सुल्तान वीरेंद्र सहवाग, टीम इंडिया के दीवार के नाम से मशहूर राहुल द्रविड और कई नामी खिलाडियों से सजी भारतीय टीम को बांग्लादेश ने 5 विकेट से हरा दिया और वर्ल्ड कप से बाहर का रास्ता दिखा दिया. ये हार बेहद अहम इसलिए थी क्योंकि इस हार ने वर्ल्ड कप से निकाल दिया और दूसरी ओर उस वक्त बांग्लादेश की टीम इतनी मजबूत नहीं थी, लेकिन फिर भी भारत को धूल चटा दी. शर्मनाक हारों में से एक रही है ये हार, जिसके बाद तत्कालीन भारतीय कोच जॉन राइट और राहुल द्रविड़ को टीम से हटाने पर भी चर्चा होने लगी थी.
दिग्गज खिलाड़ियों के बावजूद बांग्लादेश ने भारतीय टीम को सिर्फ 191 रनों के स्कोर पर ढेर कर दिया था.
अब अगर न्यूजीलैंड और भारत के बीच हुए ताजा मुकाबले की तुलना वन डे मैच के इतिहास से करें तो पता चलता है कि श्रीलंका के साथ शारजाह में हुई हार के अलावा इतने कम रन पर तो भारत कभी ऑल आउट नहीं हुआ. शारजाह में भारत सिर्फ 54 रन पर ऑल आउट हो गया था. खासकर तब, जब भारतीय टीम पूरे फॉर्म में हो और विरोधी टीम को बुरी तरह से धूल चटा रही हो. भारत इस सीरीज पर पहले ही कब्जा कर चुका है, ऐसे में इस बार हारने से भी कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन थू-थू होना तो तय है जो हो भी रही है. यूं लग रहा है जैसे भारतीय टीम ओवर कॉन्फिडेंस का शिकार हो गई है. खैर, अब आखिरी मैच 3 फरवरी को वेलिंगटन में होगा. ये देखना दिलचस्प होगा कि विराट कोहली की गैरमौजूदगी में वो मैच भारत जीत पाता है या फिर उसमें भी हार का मुंह देखना पड़ता है.
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