भारत-पाक को गौरव: सानिया मिर्जा बनी विश्व में नं. 1
शोएब खुद सानिया के सबसे बड़े प्रशंसक होने का दावा करते हैं. उन्होंने कहा कि वह सानिया की उपलब्धियों पर गर्व करते हैं क्योंकि वह बहुत ही मेहनत से काम करती हैं.
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तो शोएब मलिक एक बार फिर चर्चा में है - कम से कम ट्वीटर पर ही सही.
क्या उन्होंने बल्ले और गेंद के साथ उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है?
नहीं.
क्या उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट टीम में वापसी की है?
बिल्कुल नहीं.
तो फिर क्यों?
हाल ही में उनकी पत्नी डबल्स में विश्व की नंबर एक टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं, और वह सफलता की पीठ पर सवारी कर रहे हैं.
ठीक है, ठीक है, शायद मैं उस आदमी के लिए थोड़ा कठोर बन रहा था. चलो खैर, वह खुले तौर पर सानिया मिर्जा के लिए अपने प्यार, समर्थन और प्रशंसा को व्यक्त करने के लिए कुछ ज्यादा ही कर रहे हैं.
वह खुद सानिया के सबसे बड़े प्रशंसक होने का दावा करते हैं. उन्होंने कहा कि वह सानिया की उपलब्धियों पर गर्व करते हैं क्योंकि वह बहुत ही मेहनत से काम करती हैं. उन्होंने कहा कि वे सानिया के लिए दुआ करते हैं. उन्हें इस बात से बिल्कुल जलन नहीं होती बल्कि गर्व है कि उनकी पत्नी उनसे ज्यादा मशहूर हैं. वो कहते हैं कि अगर वह एक क्रिकेटर नहीं होते तो सानिया के मैनेजर बन गए होते.
ओहह! सो........... स्वीट..........!
मलिक महसूस करते हैं कि सानिया की सफलता पाकिस्तान के साथ-साथ भारत के लिए भी गर्व की बात है- एक सकारात्मक सोच. एक सच्चे खेल का वीर-जारा पल.
मलिक मानते हैं कि सानिया भारतीय हैं और उनके एक प्रशंसक का वह सुझाव बकवास होने की वजह से खारिज कर दिया था कि एक दिन वह पाकिस्तान के लिए खेल सकती हैं. वो लिखते हैं: "बिल्कुल नहीं, यह अनुचित होगा. मुझे उन्हें कभी भी नहीं पूछना चाहिए कि वे राष्ट्रीयता बदलें, वे किस देश से आती हैं, कहां जन्मी हैं और कहां की रहने वाली हैं..."
बेशक, हम भारतीयों के मन में भी अचानक सानिया के लिए हमारी प्रशंसा उमड़ पड़ी है. पिछले चार दिनों से हम उन पर बधाई संदेशों की बौछार के साथ ही उनके हम में से एक होने पर गर्व व्यक्त कर रहे हैं.
हम आसानी से यह भूल गए कि हम उन्हें पाकिस्तान की बहु कर बुलाते हैं. आम तौर पर उनके बारे में जो बातचीत की जाती रही वो उनके हुनर और खेल प्रतिभा के सामने ज्यादा देर नहीं टिक सकी. उन्होंने हमेशा टेनिस कोर्ट पर अपने पहनावे को लेकर अपने ही शहर में शर्मिन्दगी के साथ मुसीबत का सामना करना पड़ा. इस बात की सरहाना करने के बजाय कि उन्होंने अपने आप को सारी सीमाएं तोड़कर अपने समकक्ष पुरूष दिग्गज पुरुष खिलाडियों लिएंडर पेस और महेश भूपति के समकक्ष स्थापित किया.
सोशल मीडिया पर मिमयाने वाले कहां हैं- वो नेता कहां है जिसने विश्व में नंबर एक की उपाधि पाने पर सायना नेहवाल को बधाई देने के लिए एक होर्डिंग लगाया था, और नेता की "गलती" से उस होर्डिंग में सानिया की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. लेकिन हकीकत में गंभीर सवाल है कि सानिया को बधाई देने वाले होर्डिंग कहां हैं?
हमें सानिया को उसी नजरिए से देखना चाहिए जो वह है. टेनिस कोर्ट पर उपलब्धी हासिल करने वाले एक सच्चे भारतीय की तरह. हमें उन्हें किसी की पत्नी या शॉर्ट स्कर्ट फैंटसी के तौर पर नहीं देखना चाहिए.
वह अद्भुत है कि हमें एक देश का थका हुआ क्रिकेटर दिखा रहा है कि वह नकली में उन्हें कितना प्यार करता है. माफ करें शोएब, लेकिन यह सच है. क्या यह भी सच है कि आप उनके सबसे बड़े प्रशंसक रहे हैं. भीड़ में अपने प्रशंसकों से बातचीत करने के बजाय भागने की कोशिश मत करो "जूनियर मलिक".
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